सचिव की जगह पति चलाते पंचायत ! शिकायत के बाद पत्रकार पर हमला
सुधीर यादव (9407070722)
शहडोल। जनपद पंचायत सोहागपुर की ग्राम पंचायत कंचनपुर एक बार फिर विवादों के केंद्र में है। पंचायत में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर प्रकाशित समाचार के बाद सरपंच और सचिव पर पंचायत के आधिकारिक लैटरपैड का दुरुपयोग करते हुए पत्रकार के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। मामले ने प्रशासन से लेकर पत्रकार संगठनों तक हलचल मचा दी है।
पत्रकार मोले यादव, जो मध्यप्रदेश मीडिया संघ शहडोल से जुड़े हैं, ने कलेक्टर शहडोल को ज्ञापन सौंपकर पंचायत सचिव रजिया बेगम एवं उनके पति शेख मुस्लिम के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है। पत्रकार का आरोप है कि भ्रष्टाचार उजागर करने पर उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है और पंचायत लेटरपैड का गलत इस्तेमाल कर उनके खिलाफ मनगढ़ंत शिकायतें भेजी जा रही हैं।
सचिव की जगह पति चलाते हैं पंचायत?
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि सचिव रजिया बेगम पंचायत कार्यालय में बहुत कम दिखाई देती हैं और पिछले 2–3 वर्षों से उनके स्थान पर उनके पति पंचायत के कामकाज का संचालन करते हैं। पत्रकार ने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए कहा कि महिला सशक्तीकरण एवं शासन के निर्देशों के विपरीत पुरुष द्वारा शासकीय कार्य संभालना गंभीर प्रशासनिक उल्लंघन है।
स्थानीय लोगों का भी कहना है कि पंचायत में कई निर्णय सचिव के पति द्वारा लिए जाते देखे गए हैं। वहीं कई बार प्रशासनिक बैठकों में भी सचिव की अनुपस्थिति दर्ज की गई है।
खबरों के बाद बढ़ी कार्रवाई की मांग
पत्रकार मोले यादव का कहना है कि उन्होंने ग्राम पंचायत में हो रही कथित अनियमितताओं, निर्माण कार्यों में गड़बड़ी व भ्रष्टाचार की खबरें प्रकाशित कीं, जिसके बाद पंचायत पक्ष द्वारा उन्हें बदनाम करने और दबाव बनाने की कोशिश शुरू हुई।
“पत्रकारों पर झूठे आरोप लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। भ्रष्टाचार उजागर करने वालों को डराने की यह प्रवृत्ति चिंताजनक है,” — मीडिया संघ के पदाधिकारियों ने कहा।
जमीन से जुड़े झूठे आरोप?
ज्ञापन में कहा गया है कि पंचायत की ओर से पत्रकार पर कई बार जमीन संबंधी शिकायतें की गईं, जो जांच में निराधार पाई गईं। पत्रकार का आरोप है कि उन्हें बार-बार ‘पत्रकारिता की धौंस दिखाने’ जैसी बातें कहकर अपमानित किया जाता है ताकि वे पंचायत के विरुद्ध कोई मुद्दा न उठाएं।
प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल
मामला अब प्रशासन की चौखट तक पहुंच गया है। मीडिया संघ ने भी इस मामले को गंभीर बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। साथ ही पंचायत सचिव एवं उनके पति के कार्य व्यवहार की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासनिक निष्क्रियता के चलते पंचायत में लंबे समय से अनियमितताएं चल रही हैं। यदि समय पर कार्रवाई की जाती, तो आज ऐसी स्थिति न बनती।
आगे क्या?
कलेक्टर कार्यालय ने ज्ञापन प्राप्त होने की पुष्टि की है। मामले की जांच के बाद कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। पत्रकार समाज ने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन किया जाएगा।