ब्राह्मण समाज में तेज़ उबाल आईएएस संतोष वर्मा के विवादित बयान पर उग्र प्रदर्शन फूटा जनाक्रोश एफआईआर और बर्खास्तगी की मांग तेज,सौंपा ज्ञापन

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ब्राह्मण समाज में तेज़ उबाल आईएएस संतोष वर्मा के विवादित बयान पर उग्र प्रदर्शन फूटा जनाक्रोश एफआईआर और बर्खास्तगी की मांग तेज,सौंपा ज्ञापन
कटनी।। भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आईएएस अधिकारी एवं अजाक्स प्रांताध्यक्ष संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज की मातृशक्ति को लेकर कथित रूप से की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में कटनी सहित पूरे मध्यप्रदेश में आक्रोश तेजी से बढ़ता जा रहा है। विवादित बयान सामने आने के बाद समाज के विभिन्न संगठनों ने इसे सिविल सेवा आचरण नियमों का गंभीर उल्लंघन बताते हुए अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। शुक्रवार को सुभाष चौक पर समस्त ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में समाजजन एकत्रित हुए। इस दौरान संतोष वर्मा का पुतला दहन किया गया और प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद समाज के प्रतिनिधियों उमाकांत पप्पू दीक्षित, अमित शुक्ला, राजू शर्मा, विनय दीक्षित सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि एक उच्च पदस्थ आईएएस अधिकारी द्वारा इस तरह की टिप्पणी समाज को आहत करने वाली है। यह न केवल ब्राह्मण समाज का अपमान है बल्कि लोकसेवा आचार संहिता का भी घोर उल्लंघन है। समाज ऐसी टिप्पणियों को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगा। केंद्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन ब्राह्मण समाज ने जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित विस्तृत ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कहा गया है अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए
उन्हें निलंबित/पद से बर्खास्त किया जाए

समाज में जातीय वैमनस्य फैलाने वाले संगठनों/मंचों पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई
समाज ने कहा कि ऐसी टिप्पणियाँ प्रदेश में सद्भावना और भाईचारा खत्म कर सकती हैं, इसलिए सरकार को तत्काल कठोर कदम उठाने चाहिए इसके अलावा ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय गृह मंत्री को भी ज्ञापन भेजते हुए आग्रह किया कि शासन की साफ-सुथरी छवि बनाए रखने के लिए दोषपूर्ण मानसिकता वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई अनिवार्य है। घटना के बाद से जिले के अलावा कई जिलों में भी विरोध प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है। समाज के वरिष्ठ सदस्यों का कहना है कि यदि सरकार ने त्वरित कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। स्थानीय प्रशासन ने ज्ञापन प्राप्त होने की पुष्टि की है तथा मामले को उच्च अधिकारियों तक भेजे जाने की जानकारी दी है। वहीं विवादित टिप्पणी को लेकर सरकार स्तर पर अभी आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

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