नदी-तालाब नहीं होंगे प्रदूषित, निगम का ‘ग्रीन-डिवोशन मॉडल’ चर्चा में

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नदी-तालाब नहीं होंगे प्रदूषित, निगम का ‘ग्रीन-डिवोशन मॉडल’ चर्चा में
कटनी।। शहर की धार्मिक आस्था अब स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का सशक्त माध्यम बन रही है। नगर निगम द्वारा संचालित पूजन सामग्री संग्रहण वाहन ने परंपरागत पूजन अवशेष निस्तारण व्यवस्था को बदलते हुए ‘ग्रीन-डिवोशन मॉडल’ की शुरुआत की है। पहले मंदिरों में एकत्र पूजन सामग्री नदी, तालाब और अन्य जलस्रोतों में बहा दी जाती थी, जिससे वे प्रदूषित होते थे और शहर की सफाई व्यवस्था पर भी विपरीत असर पड़ता था। लेकिन अब इन्हें वैज्ञानिक व सुरक्षित तरीके से एकत्रित कर पर्यावरण हित में उपयोग किया जा रहा है। महापौर श्रीमती प्रीति संजीव सूरी की पहल पर शुरू हुआ यह अभियान शहर के प्रमुख मंदिरों से लेकर सार्वजनिक पूजा स्थलों तक विस्तार पा चुका है। वाहन रोज़ नियत मार्ग पर भ्रमण कर मंदिरों और देवालयों में एकत्र सभी पूजन अवशेष जमा करता है। बाद में निगम की टीम इन्हें पर्यावरण अनुकूल तरीके से निस्तारित करती है, जिससे सफाई व्यवस्था को नई मजबूती मिली है। यह व्यवस्था नागरिकों को धार्मिक सामग्री के उचित निस्तारण के प्रति जागरूक कर रही है। प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे पूजन सामग्री को जल स्रोतों में न बहाएँ तथा संग्रहण वाहन को ही उपलब्ध कराएँ, ताकि ‘पवित्रता और पर्यावरण’ दोनों को सुरक्षित रखा जा सके।
निगमायुक्त सुश्री तपस्या परिहार ने बताया कि अभियान स्वच्छ शहर–स्वस्थ शहर की अवधारणा को धरातल पर उतारने का जीवंत उदाहरण बन चुका है। पूजन सामग्री को सम्मानपूर्वक संग्रहित कर उसका सुरक्षित निस्तारण, धार्मिक आस्था एवं पर्यावरण संरक्षण के समन्वय का अद्वितीय प्रयोग सिद्ध हो रहा है। इसका लाभ शहर की स्वच्छता व्यवस्था और नागरिकों के स्वास्थ्य को मिल रहा है।

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