युवा कवि राजकमल की पुस्तक 12 फरवरी से शुरूआत

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Deepak Mishra- 9131688594

अनूपपुर। जिला मुख्यालय अंतर्गत वार्ड क्रमांक 13 के स्व. जगदीश पांडे अनूपपुर के वरिष्ठ पत्रकार के सुपुत्र युवा कवि राजकमल पांडे ने बताया कि जीवन बेहद ही संघर्षरत रहा है, जीवन मे कई उतार चढाव आते रहे हैं। फिर उन्होंने अपने बढते हुए कदम को रोका नही चलते ही गए। उनके विचार तो इसी से मालूम हो जाते हैं कि ‘‘जब कोहरा घना हो तो, रास्ते और मंजिल नजर नही आते, पर उन रास्तो में धीरे-धीरे बढते चलिये, कोहरा खुद एक दिन छट जाएगा और मंजिल सामने होगी’’ इस संघर्षरत जीवन में इन्होंने इस पुस्तक में उन सभी को जीने के लिए शब्द-शब्द गढे हैं। जो किसी भी परिस्थितियों में आपको साहस से भर देंगे कि ‘‘जीवन को जितना आसान समझते हो, जीवन उतना आसान हैं नही, मैंने खुद देखें हैं कई सपनो को, इन्ही आंखों में टूटकर बिखरते हुए देखा है’’ शमा का काम तो जलने का ही है लेकिन परवाना उसके साथ क्यों जल मरता है। इस सवाल का सही जवाब परवाने से अच्छा कौन दे सकता है। और वो भी एक ऐसे लेखक जो कभी अपने व्यंग्यात्मक लेखन में लोगो को हंसाते है, तो कभी कविता में मन का अनुराग लिखते हैं। तो जरा सोचिए उनका निजी जीवन कैसा होगा जो एक पुस्तक में उन्होंने पिरो दिया है। शमा को जलने का शौक क्यों है। शमा उसके जीवन का अंत कर देती है, लेकिन उसका मोह शमा से कम नहीं होता। एक परवाना जलाए बाकी के परवाने देख चुके लेकिन फिर भी वे शमा की तरफ मुस्कुराकर बढ गये। उन्हें उस शमा से लिपट अपना जीवन खोने से कोई परहेज नहीं। कुछ ऐसे ही परवानों और शमा की कहानी कहती ये किताब, आपको बहुत कुछ कहने पर मजबूर करेगी। मानो आप परवाने हों और आपकी चाहत उस शमा से जो आपको कहीं का न छोडेगी, लेकिन आप यह जानते हुए भी उसकी तरफ बढे जा रहे हैं। जैसा सहज स्वभाव है, वैसे ही इनका लेखन कार्य भी है। कोई शब्द हो तो नवाज दिया जाता। युवा कवि राजकमल ने बताया कि उनकी पुस्तक ‘‘एक शमा जली एक परवाना’’ 12 फरवरी को प्रारंभ हो जायेगी।

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