सत्ता बदलने के बाद भी बोतल में बंद भ्रष्टाचार का जिन्न
फूलचंद ने किया था खुला भ्रष्टाचार
अनूपपुर। वोट बैंक की राजनीति करने वाले नेताओं को शायद इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके क्षेत्र की पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है, लोगों को विकास और योजनाओं के नाम वोट मांगकर विधानसभा पहुंचने वाले नेताओं ने इन्हीं पंचायतों की नुमाईंदों को भ्रष्टाचार के लिए संरक्षण दिया हुआ है, जिले में कई ऐसी जनपद पंचायत हैं, जहां के सचिवों का कारनामा राजधानी तक गूंज चुका है, जिले में ऐसे भी सचिव हैं, जो बर्खास्त होने के बाद भी तात्कालीन प्रदेष की सत्ताषीन सरकार के नुमाईंदों के साथ मिलकर राजधानी में बैठे अधिकारियों से सेटिंग कर अपने भ्रष्टाचार को झूठा साबित कर पूरे इलाके में अपने नाम का डंका बजाकर वर्तमान में सत्ताषीन विधायकों को मुंह चिढ़ा रहा है।
यह है मामला
जिले की सबसे भ्रष्ट जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ की ग्राम पंचायत किरगी में पदस्थ रहे फूलचंद मरावी के कारनामें किसी से छूपे नहीं है, वर्तमान विधायक फुन्देलाल सिंह मार्काें ने भी इनके खिलाफ उस समय बिगुल फूंक दिया था, लेकिन उस समय प्रदेष में भाजपा की सरकार थी, जानकारों का कहना है कि फूलचंद मरावी ने किरगी पंचायत में करोड़ों का गोलमाल किया था, स्थानीय ग्रामवासियों ने इसकी षिकायत कलेक्टर सहित संभागायुक्त को भी की थी, लेकिन सेटिंग में माहिर फूलचंद मरावी ने किये गये भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल दिया और राजधानी से अपना बर्खास्तगी को भी खत्म करा लिया।
फूलचंद ने खिलाये थे फूल
तात्कालीन किरगी सचिव पर पदस्थापना के दौरान कई आरोप लगे थे, एक ओर भाजपा के पूर्व विधायक सुदामा सिंह सिंग्राम की तरह सचिव से माननीय बनने का ख्वाब भी फूलचंद की ओर से देखा जा रहा था, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने इनकी षिकायतें संभागायुक्त से कर दी थी, जानकारी के अनुसार पुष्पराजगढ़ तहसील में पहले भी लखौरा एक सचिव द्वारा खुद की फर्म बनाकर लिया गये लाभ में दोषी पाया गया है, लेकिन फूलचंद इस मामले में अधिकारियों और स्थानीय नेताओं की कृपा पर ऐसे ही कृत्य को अंजाम दिया और आज तक बचे हुए है, ऐसा नहीं है कि इसकी शिकायत नहीं हुई, लेकिन स्थानीय अधिकारियों को शिकायत मिलने के बाद भी फूलचंद का भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर आने से रोके हुए हैं।
पंकज और सचिव ने भ्रष्टाचार के फूल
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक फूलचंद यहां पर पदस्थ थे, उनके द्वारा पंकज नामक व्यक्ति के द्वारा ही पूरा काम दिखवाया जाता था, कहने को पंकज यहां चल रहे काम को देखने के लिए मेट के रूप में थे, लेकिन पूरी पंचायत पंकज ही चला रहे थे, यहां लोगों द्वारा यह भी कहा जाता था कि फूलचंद और पंकज सिक्के के दो पहलू हैं, पंचायत से संबंधित किसी भी कार्य के लिए फूलचंद की सहमति से ज्यादा जरूरी पंकज की सहमति थी और ऐसा नहीं है की आज पंकज का रूतबा पंचायत में कम है, नये सचिव भी अपने कार्यकाल प्रारंभ होने के बाद से पंकज को फिर से भ्रष्टाचार का फूल खिलाने का मौका दिये हुए हैं।
विधायक को करनी होगी पहल
क्षेत्र में जनप्रिय नेता फुन्देलाल सिंह को इस मामले में एक बार फिर हस्ताक्षेप कर उनके गृहग्राम में हुए भ्रष्टाचार को उजागर कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करवाने की अपेक्षा क्षेत्रीय लोगों ने जाहिर की है, स्थानीय लोगों की माने तो पूर्व में विधायक ने इस ओर ध्यान दिया था, जिसके बाद फूलचंद पर कार्यवाही भी हुई थी, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों से सांठ-गांठ कर फूलचंद ने जमकर मलाई छानी, जीरो टाॅलरेंस का नारा देने वाले प्रदेष के मुखिया के एक सिपाही के मद्देनजर पूर्व में क्षेत्र में हुए भ्रष्टाचार के जिन्न को बोतल से बाहर लाने के लिए क्षेत्रीय विधायक को पहल करनी चाहिए, जिससे उनकी व उनके सरकार की मंषा साफ हो सके, जिससे क्षेत्र में भ्रष्टाचार करने से पहले उन्हें स्थानीय लोगों को धोखा देने से पहले मन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भय भी रहे।