उपयंत्री अंकिता गौतम को जारी हुआ कारण बताओ नोटिस
Ajay Namdev-7610528622
अरुण कंस्ट्रक्शन कंपनी ने की थी शिकायत
अमरकंटक। नगर पंचायत अमरकंटक में निर्मित हो रही मिनी स्मार्ट सिटी का कार्य रीवा की अरुण कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा किया जा रहा है। कंपनी निविदा की शर्तों व जिम्मेदार अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार निर्माण कार्य को समय-सीमा में पूरा करने में जुटी है, लेकिन मिनी स्मार्ट सिटी की प्रभारी उपयंत्री अंकिता गौतम के द्वारा स्थानीय होने का फायदा उठाते हुए कंपनी पर अनावश्यक दबाव बनाने की चेष्टा से अरुण कंस्ट्रक्शन कंपनी की शिकायत विभागीय अधिकारियों सहित आयुक्त को की गई। जिसकी जांच ग्रामीण यांत्रिकी सेवा शहडोल के अधीक्षण यंत्री व अनूपपुर लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री ने संयुक्त रूप से उपयंत्री की उपस्थिति में ही जांच की। जांच में टीम ने निर्धारित शर्तों व नियमों के अनुकूल कार्य को निष्पादित किया जाना पाया। जिसके उपरांत आयुक्त शहडोल संभाग ने उपयंत्री अंकिता गौतम को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुए सात दिवस में जवाब देने को कहा है।
यह की थी शिकायत
अरुण कंस्ट्रक्शन रीवा के परियोजना प्रबंधक ने प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी भोपाल को लिखित शिकायत करते हुए बताया था कि निकाय में पदस्थ उपयंत्री अंकिता गौतम के द्वारा मनगढंत व झूठी शिकायत कर कार्य में रुकावट डाली जा रही है। जबकि कंपनी की विभाग में अलग छवि है और कुशल इंजीनियरों की देखरेख में उसके द्वारा मिनी स्मार्ट सिटी का कार्य समय-सीमा में पूरा किए जाने के उद्देश्य से वह कार्य कर रही है, लेकिन उपयंत्री का स्वार्थ सिद्ध न होने के कारण वह परेशान करने के नित नए तरीके इजात करती रही है।
यह भी लगाया आरोप
कंपनी प्रबंधक द्वारा की गई शिकायत में स्पष्ट उल्लेख किया गया कि उपयंत्री अंकिता गौतम अमरकंटक की रहने वाली है। ऐसे में उनका राजनीतिज्ञों व स्थानीय जनों से अच्छा परिचय है। जिससे व्यक्तिगत लाभ के आशय से उनके द्वारा शुरु से ही मिनी स्मार्ट सिटी के कार्य में रुकावट डालते हुए ब्लैकमेलिंग का दबाव बनाया जा रहा था। जब कंपनी के स्टॉफ के द्वारा उनकी बातें नहीं मानी जाती तो उन्होंने शिकवा शिकायत शुरु करवा दी और शिकायत की जांच होने पर वह निराधार पाई गई। कंपनी अपने कार्य के प्रति पूर्ण जवाबदेह है, लेकिन यदि उपयंत्री का यही रवैया रहा तो शासन-प्रशासन की मंशा पर पानी फिर जाएगा और जल्द शायद ही कोई यहां कार्य कराने के लिए तैयार होगा।
हो सकती है कार्यवाही
उपयंत्री द्वारा जिस प्रकार की शिकायतें कर स्मार्ट सिटी परियोजना के कार्यों को प्रभावित करने में अपने पदीय दायित्वों का दुरूपयोग किया गया। उससे उनकी लापरवाही व उदासीनता प्रदर्शित होती है। ऐसे में कारण बताओ नोटिस का सार्थक जवाब न मिलने पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही संभागायुक्त द्वारा की जा सकती है।