भाजपा प्रत्याशी हिमाद्री ने दर्ज की रिकार्ड जीत
मोदी की सुनामी में ढेर हुए कांग्रेस, फुंदेलाल ने बचाई लाज
शहडोल। पूरे देश में चली मोदी के नाम की सुनामी के आगे शहडोल संसदीय क्षेत्र के कांग्रेसी भी ढेर हो गये, संसदीय क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्रों में 7 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशी श्रीमती हिमाद्री ने रिकार्ड जीत दर्ज की। गुरूवार की सुबह से शुरू हुई संसदीय क्षेत्र के शहडोल, अनूपपुर, कटनी व उमरिया जिला मुख्यालय में ईव्हीएम में पड़े मतों की संख्या की गिनती में शुरू से ही भाजपा प्रत्याशी ने अपनी बढ़त बना ली थी, जो लगातार अंतिम चक्र तक बनी रही, शाम लगभग 6 बजे नतीजे स्पष्ट हो गये, लेकिन घोषणा बाकी रही, हालाकि दोपहर में ही भाजपा प्रत्याशी ने कांग्रेस प्रत्याशी की तुलना में इतनी बढ़त बना ली थी कि उसे लांघना कांग्रेस के बूते से बाहर हो चुका था। यही कारण था कि अनूपपुर में दोपहर से ही कांग्रेस के खेवनहार मैदान छोड़कर बाहर नजर आने लगे, यही स्थिति शहडोल में लगे कांग्रेस के स्टॉल की थी, जहां दोपहर 1 बजे के बाद से ही सिर्फ टेंट और खाली कुर्सियां ही पड़ी थी, इधर मुख्यालय के गांधी चौराहे सहित चारों जिला मुख्यालयों सहित पुष्पराजगढ़ स्थित श्रीमती हिमाद्री के आवास के बाहर पटाखों की आवाजें सुनाई देने लगी। समर्थकों ने मिठाईयां बांटकर एक-दूसरे को जीत की बधाई दी।
सिर्फ फुन्देलाल ने बचाई लाज
भारतीय जनता पार्टी ने श्रीमती हिमाद्री सिंह को जिस लालच में टिकट दी थी, कांग्रेस विधायक फुन्देलाल ने भाजपा के उन मनसूबों पर तो पानी फेर ही दिया था, लेकिन शेष 7 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के कर्णधार मोदी की सुनामी के आगे ढेर हो गये। विधानसभावार भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी को मिले मतों की तुलना करें तो सिर्फ पुष्पराजगढ़ ही ऐसी विधानसभा रही, जहां से कांग्रेस प्रत्याशी को 62 हजार 77 मत मिले और भाजपा प्रत्याशी को 60 हजार 377 मत मिले, मुख्य पहलू यह भी है कि भाजपा प्रत्याशी का पुष्पराजगढ़ गृह ग्राम है, बावजूद यहां भाजपा प्रत्याशी अपना किला नहीं बचा सकीं, लेकिन लोकसभा क्षेत्र की शेष सातों विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी व मोदी के नाम की सुनामी चली, श्रीमती हिमाद्री की तरह ही कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती प्रमिला सिंह भी गृह ग्राम वाले विधानसभा क्षेत्र को नहीं बचा सकी, जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी को भाजपा प्रत्याशी ने 70 हजार 194 वोटों से पछाड़ दिया।
मानपुर में मिली सबसे बड़़ी लीड
उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी को सबसे बड़ी लीड मिली, यहां कांग्रेस प्रत्याशी को 34 हजार 873 वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी को 1 लाख 14 हजार 690 वोट मिलने के साथ उसने 79817 की रिकार्ड बढ़त बनाई, उमरिया के ही बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को महज 42 हजार 163 वोट मिले, वहीं भाजपा प्रत्याशी ने 96 हजार 480 मत हासिल कर 54 हजार 317 मतों की यहां से बढ़त बनाई, गौरतलब है कि बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र पूर्व भाजपा सांसद ज्ञान सिंह का विधानसभा क्षेत्र है, लोकसभा चुनावों से पहले ज्ञान सिंह ने टिकट न मिलने के कारण भाजपा प्रत्याशी की खुलकर बगावत की थी, बावजूद भाजपा प्रत्याशी ने यहां से रिकार्ड बढ़त बनाई, कटनी जिले की एक मात्र बड़वारा विधानसभा सीट से भी भाजपा प्रत्याशी को अप्रत्याशित बढ़त मिली, यहां श्रीमती हिमाद्री ने 1 लाख 5 हजार 810 मत प्राप्त किये, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को 46 हजार 856 मत मिले, इस तरह बड़वारा से श्रीमती हिमाद्री को 58 हजार 954 मतों की बढ़त मिली। शहडोल जिले की दूसरी जैतपुर विधानसभा सीट से भी भाजपा प्रत्याशी ने भारी बढ़त बनाई, यहां कांग्रेस प्रत्याशी को 49 हजार 781 मत मिले, वहीं भाजपा प्रत्याशी को 1 लाख 4 हजार 38 मत प्राप्त हुए, यहां से भाजपा प्रत्याशी ने 54 हजार 257 मत अधिक प्राप्त किये।
बिसाहू-सुनील हुए धराशायी
बीते विधानसभा चुनावों में संसदीय क्षेत्र के अनूपपुर व कोतमा में कांग्रेस की लाज बचाने वाले दोनों विधायकों ने लोकसभा चुनावों में पार्टी की पूरी तरह से लुटिया डुबों दी, अनूपपुर विधानसभा से कांग्रेस को 34 हजार 706 मत मिले, वहीं भाजपा को 78 हजार 769 मत प्राप्त हुए, यहां से भाजपा ने 44 हजार 63 मतों की बढ़त बनाई, यहां से कांग्रेस के बिसाहूलाल सिंह वर्तमान विधायक हैं, यही हाल कोतमा विधानसभा का भी रहा, जहां कांग्रेस प्रत्याशी को 28 हजार 222 मतों से संतोष करना पड़ा, जबकि भाजपा ने यहां से 70 हजार 889 मत प्राप्त कर 42 हजार 667 मतों की रिकार्ड बढ़त बनाई। कोतमा से वर्तमान में सुनील सराफ कांग्रेस के विधायक हैं, इतना ही नहीं कोतमा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नपा कोतमा के जिस वार्ड से सुनील सराफ विधायक हैं, उस वार्ड से भाजपा ने 237 मतों की बढ़त बनाई हैं।
पंडाल में पड़ी रही खाली कुॢसया
सुबह से चुनाव नतीजों में भाजपा की हिमाद्री सिंह बढ़त बनाए हुए थी, लोकसभा के सभी विधानसभा सीटो में एक भी ऐसा मौका नही आया कि कांग्रेस ने लीड बनाई हो, इससे दोनो पार्टियो के कार्यकर्ताओ और नेताओ को अपने-अपने स्थिति की एहसाह होने लगा था, दोपहर करीब एक बजे के बाद कांग्रेसी पूरी तरह से मासूस हो गए जब भाजपा और कांग्रेस के बीच वोट का अंतर एक लाख से भी ज्यादा पहुंच गया। फिर क्या मतगणना स्थल के बाहर लगे पंडाल से कांग्रेसी एक-एक करके जाने लगे, वहीं कुछ देर बाद मतगणना स्थल पर प्रत्याशी की ओर तैनात किए गए एजेंट भी मतगणना छोड़ निकलकर बाहर आ गए। करीब डेढ़ बजे पार्किग स्थल के सामने कांग्रेसियों का पंडाल से सभी कार्यकर्ता रवाना हो गए और वहां महज खाली कुर्सिया ही देखी गई। जीत का अंतर इस तरह रहा कि किसी भी कांग्रेसी अब तक समक्ष नही आ रहा है कि आखिर चूक कहा हुई।