हितग्राहियों पर दबाव डालकर सचिव खुद कर रहे ठेकेदारी

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मामला जयसिंहनगर जनपद के ग्राम सेमरा का

(रामनारायण पाण्डेय+91 99938 11045)
जयसिंहनगर/ शहडोल। जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम सेमरा के सचिव खुद ठेेकेदार बनकर प्रधानमंत्री आवास योजना को पलीता लगा रहे हैं, केन्द्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना से खुद की जेबे भरने के लिए पंचायत के रोजगार सहायक जो सचिव के प्रभार पर हैं, इन दिनों ठेकेदार बन चुके हैं और पूरे देश में लागू हो चुकी पीएम आवास योजना के प्राक्कलन को ही दरकिनार कर रहे हैं, हितग्राहियों के खाते में आने वाली राशि कथित रोजगार सहायक दबाव बनाकर खुद निकलवा रहे हैं और अपने पास राशि रखकर ठेकेदारी भी कर रहे हैं, यही नहीं हितग्राहियों से कार्य करवाकर उनके द्वारा मजदूरी डकारने का भी आरोप है, कुल मिलाकर देखा जाये तो जनपद पंचायत जयसिंहनगर की ग्राम पंचायत सेमरा तो महज एक बानगी ही है, जनपद के सीईओ की मनमानी व लापरवाही के कारण कमोवेश मोदी सरकार की यह सबसे महत्वपूर्ण योजना जमीन से गायब होकर सिर्फ कागजों में ही आंकड़ों को छू रही है।
अधूरा मकान, ग्रामीण परेशान
ग्राम सेमरा में रहने वाले भोला सिंह साकेत नामक ग्रामीण का प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास स्वीकृत हुआ था, लेकिन रोजगार सहायक ने उक्त आवास का निर्माण खुद के द्वारा करवाने की शर्त पर ही उसे इसकी जानकारी दी और उसके कागज आगे बढ़ाये, ग्रामीण ने बताया कि अजय गुप्ता द्वारा खुलकर कहा गया कि आवास तभी बनेगा, जब इसका निर्माण मैं करूंगा। कई पुश्तों से कच्चे मकान में रहने वाले ग्रामीण ने सोचा कि किसी भी स्थिति में उसका आवास बन जाये, इस कारण उसने रोजगार सहायक के सामने घुटने टेक दिये, लेकिन लालच में पड़े रोजगार सहायक ने पूरी राशि हड़पने के बाद भी निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं कराया और ग्रामीण का सपना अधूरा रह गया।
निर्माण में भी बेईमानी
रोजगार सहायक द्वारा निर्माण कराये गये प्रधानमंत्री आवास में खुलकर मनमानी की गई और निर्धारित प्राक्कलन को दरकिनार कर भवन के बीम कर दिये गये, ग्रामीण ने बताया कि निर्माण के दौरान रेत और सीमेंट का मसाला भी घटिया स्तर का बनाया गया, जब इसे ठीक करने की बात कही तो काम अधूरे में छोड़ दिया गया, अभी तक भवन की छत नहीं ढाली गई है, यही नहीं निर्माण के समय हितग्राही और उसके परिवार से यहां मजदूरी भी कराई गई और उसका भुगतान भी नहीं किया गया।
जांच व कार्यवाही की मांग
ग्राम में अकेला भोला साकेत ही इस मनमानी का शिकार नहीं हुआ है, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माणाधीन व अधूरे पड़े भवनों का भौतिक सत्यापन किया जा सकता है, कई हितग्राही आज भी दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन कोई भी कार्यवाही अधिकारियों द्वारा नहीं की गई, ऐसे भ्रष्टाचार के मामले कई पंचायतों में देखने को मिल सकता है, कई अधिकारी पंचायतों को चरागाह समझकर कुण्डली मार कर बैठे हैं, चूंकि जनपद पंचायत जयसिंहनगर आदिवासी बहुल्य क्षेत्र है, भोले-भाले आदिवासियो का शोषण हो रहा है, जैसे घटिया निर्माण शासकीय राशि का बंदरबांट कई ऐसे मामले है, जिसका खुलासा हो सकता है।

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