सोहागपुर थाने के दो वर्दीधारियों पर लग रहे मैनेजमेंट के आरोप

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…तो क्या रेत की गाड़ी देखकर बंद हो जाती है 176 आंखे
6 चीता स्कॉट, दो 100 डॉयल और हाइवे पेट्रोलिंग सहित रात्रि गश्त के वर्दीधारी कटघरे में

(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। तीन दिवस पहले पुलिस कप्तान द्वारा विभिन्न थानों और अनुविभागीय अधिकारियों को पत्र भेजकर अवैध कार्याे पर अंकुश लगाने के निर्देश दिये गये थे, लेकिन कप्तान के यह आदेश शायद इन तीन दिनों में सोहागपुर थाने नहीं पहुंचे या फिर जानबूझकर आदेशों को दरकिनार किया जा रहा है, थाना क्षेत्र अंतर्गत पटासी, नरवार क्षेत्र के अलावा धनगवां व श्यामडीह से भी अवैध रेत की बड़े पैमाने पर निकासी हो रही है, जो थाना क्षेत्र से गुजरकर मुख्यालय के विभिन्न हिस्सों में पहुंच रही है। यह कारोबार 2-4 दिनों से नहीं बल्कि बीते कई सप्ताहों से बदस्तूर जारी है, आरोप तो यह भी है कि प्रभारी ने 2 मातहतों को ऐसे वाहनों की सूची बनाने और उनसे मासिक मैनेजमेंट करने की जिम्मेदारी सौंपी हुई है।
176 कैमरे हैं मनमानी के गवाह
पुलिस विभाग द्वारा मुख्यालय के प्रमुख चौराहों सहित चिन्हित स्थानों व मार्गाे पर 176 सीसीटीव्ही कैमरे लगाये गये हैं, अन्य कैमरों की तुलना में अधिक क्षमता वाले इन कैमरों का कंट्रोल रूम बनाया गया है। जहां पूरे शहर का हाल देखा जा सकता है, मुख्यालय सहित आस-पास के अंचल में खनिज विभाग द्वारा संचालित लगभग रेत खदानें और भण्डारण अर्से से बंद हैं, बावजूद सैकड़ा भर ट्रैक्टर व डग्गियां अवैध रेत से लदकर इन 176 आंखों की जद से होकर गुजरती हैं। जिन्हें आसानी से कंट्रोल रूम में बैठकर देखा और उस आधार पर पकड़ा जा सकता है।
चौकसी की लंबी टीम कटघरे में
मुख्यालय में पुलिस विभाग द्वारा चौकसी के लिए लंबी टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है, इस टीम में 6 चीता स्काट, 2 हंड्रेड डॉयल, हाइवे पेट्रोलिंग का एक वाहन के अलावा थानों की टीमें और यातायात अमला तैनात है, इतनी लंबी-चौड़ी टीम के होने के बाद भी यदि मुख्यालय में ही रोजाना दर्जनों अवैध रेत से लदे वाहन पहुंच रहे हैं और उन पर कार्यवाही नहीं हो रही है तो यह मामला वर्दीधारियों को खुद कटघरे में खड़ा करता है।
रात 12 बजे से 5 बजे तक का कारोबार
सोहागपुर थाना अंतर्गत ग्राम पटासी, नरवार और श्यामडीह रेत के अवैध उत्खनन के प्रमुख ठीहे हैं, साथ ही पड़ोस के थाने के ग्राम धनगवां से भी अवैध रेत से लदे वाहन सोहागपुर थाना क्षेत्र होते हुए मुख्यालय पहुंचते हैं। खबर है कि अवैध रेत से लदे यह वाहन रात 12 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक मुख्यालय पहुंच रहे हैं। कारोबार से जुड़े लोगों की माने तो रोजाना सैकड़ा के आस-पास वाहन यहां पहुंच रहे हैं, मुख्यालय और इससे जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे निर्माण कार्याे को देखकर रेत की खपत का अंदाजा भी लगाया जा सकता है।
वर्दीधारी ही कर रहे मैनेजमेंट!
रेत की खदानों पर प्रतिबंध होने के बाद अवैध रेत का कारोबार भारी मुनाफा देने वाला व्यवसाय बन चुका है, इधर खनिज विभाग के नये निरीक्षकों की लापरवाही के कारण ऐसे वाहनों पर बीते एक से दो माहों के दौरान कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिसका फायदा सोहागपुर थाने के वर्दीधारी उठा रहे हैं, आरोप है कि दो वर्दीधारी जिन्हें वर्तमान प्रभारी ने यहां पहुंचने के बाद से ही ऐसे वाहनों की सूची और वसूली का जिम्मा सौंप रखा है, अचरज की बात तो यह है कि तीन दिनों पहले पुलिस कप्तान द्वारा जारी किये गये पत्र का भी इन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
इनका कहना है…
आज ही निगरानी की जायेगी, यदि वाहन आ रहे हैं तो अवश्य कार्यवाही होगी।
रत्नांबर शुक्ला
थाना प्रभारी, सोहागपुर

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