सरजमीं में दफन करने के लिए इस्तेखार के परिजनों ने माँगी मदद @ सऊदी में हुई उमरिया के लाल की मौत

वतन की मिट्टी में दफन होना चाहता है इस्तखार
(शुभम तिवारी)
भोपाल। प्रदेश के उमरिया जिले अंतर्गत नौरोजाबाद क्षेत्र में रहने वाले इस्तेखार अहमद की 14 नवंबर को बीमारी के बाद उपचार के दौरान सऊदी अरब में मौत हो गई, 14 नवंबर को जब उसके मौत की खबर इस इस्तेखार के चचेरे भाई ने सऊदी अरब से भारत भारत भेजी,तो नौरोजाबाद में रहने वाले उसके परिवार में मातम का माहौल छा गया।
मौत से पहले इस्तकार और अब उसके परिजन इफ्तिखार के शव को अपनी सरजमीं पर दफन करना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने सबसे पहला प्रयास उमरिया जिले के कलेक्टर से मिलकर किया,परिजनों ने कलेक्टर को पूरी स्थिति से अवगत कराते हुए इस संदर्भ में विदेश मंत्रालय सहित अन्य संबंधित वरिष्ठ कार्यालयों से संपर्क करने की गुजारिश की है।
इधर कलेक्टर ने भी परिजनों की बात सुनने के बाद उनकी हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है, बीते 10 वर्षों से सऊदी अरब के किसी कारोबारी के यहां वाहन चलाने का काम करता था, वह 10 सालों से वहां कार्यरत था और बीच-बीच में भारत आता रहता था, सऊदी अरब के जिस स्थान पर म्रतक काम रहता था,उस से 400 किलोमीटर दूर उसके रिश्ते का चचेरा भाई भी रहता था, इसी चचेरे भाई ने 14 नवंबर को सऊदी परिजनों को उसकी मौत की खबर दी।
परिजनों ने यह भी बताया कि वह बीते कई दिनों से बीमार चल रहा था और परिवार जन लगातार उसके संपर्क में थे,सऊदी अरब स्थित मदनी अस्पताल में उसकी मौत के बाद उसके परिजनों ने वहां से शब लाने के लिए सऊदी अरब में प्रयास तो किए लेकिन उनकी कहीं नहीं चली, तो उन्होंने देश के प्रधानमंत्री,प्रदेश के मुख्यमंत्री,विदेश मंत्री सहित क्षेत्रीय सांसद से भी मुलाकात और संपर्क करने के प्रयास तेज कर दिए, इसी क्रम में वे कलेक्टर से मिले और उनके माध्यम से सरकार तक बात पहुंचाने का प्रयास किया।
इस्तेखार उमरिया जिले के नौरोजाबाद कालरी अंतर्गत निकाय क्षेत्र के वार्ड नंबर 14 का मूल निवासी है,उसके पिता अनवर अहमद बीते कई दशकों से यही रहते थे,45 वर्षीय इस्तेखार अहमद रोजगार की तलाश में सऊदी अरब गया था और वही काम मिल जाने के बाद रहता था,साल डेढ़ साल में वह शासन से अनुमति लेकर घर आता था, इस्तेखार के पीछे यहां पर उसका एक बेटा और तीन बेटियां तथा पत्नी संयुक्त परिवार में रहते थे, इधर कलेक्टर उमरिया सोमवंशी ने परिजनों की बात सुनने के बाद कहां की,स्टेट प्रोटोकॉल से इस संदर्भ में तत्काल बात करने की हम प्रयास कर रहे हैं, शासन स्तर पर जो भी मदद होगी, वह मुहैया कराई जाएगी, हमारा प्रयास रहेगा कि जल्द से जल्द भारत आ जाए और अपनी सरजमीं में ही उसे सुपुर्द ए खाक करने की उनके परिजनों की मंशा पूरी हो।