दहेज प्रथा एवं हत्या के आरोपियों की हुई जमानत निरस्त, भेजा जेल

शहडोल। संभागीय जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) संभाग शहडोल नवीन कुमार वर्मा एडीपीओ द्वारा जानकारी दी गई कि दिनांक 25 नवम्बर 2019को माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी षहडोल द्वारा थाना गोहपारू के अपराध क्र0 416/19 शासन विरूद्ध केतिका जायसवाल वगैर हमें आरोपीगण केतिका जायसवाल पिता हेमराज जायसवाल उम्र 25 वर्ष, हेमराज जायसवाल पिता स्व. दादूराम जायसवाल, मुन्नीबाई जायसवाल पति हेमराज जायसवाल एवं षिवकांत जायसवाल पिता हेमराज जायसवाल सभी निवासी भादवी थाना गोहपारू जिला शहडोल को धारा 498 ए, 304 बी भादवि में जमानत निरस्त करते हुए जेल भेजे जाने के निर्देष दिए है।
प्रकरण का संक्षिप्त विवरण:
मृतिका विभा जायसवाल के पिता गिरधारी जायसवाल ने थाना गोहपारू आकर रिपोर्ट लेख कराई कि उसने अपनी बेटी मृतिका विभा जायसवाल की शादी केतिका जायसवाल निवासी भदवाही के साथ इसी वर्ष कराई थी। विवाह के एक दो माह बाद ही उसके ससुराल वाले मेरी बेटी को यह कहकर प्रताड़ित व मारपीट करने लगे कि तुम्हारे मां बाप ने शादी में 10000(दस हजार) के अलावा कुछ नहीं दिया है और न ही गबना के समय कुछ दिया है। मृत्यु के चार दिन मेरी लड़की अपने मायके आ गई थी, जिसे मैंने समझाकर ससुराल भेज दिया लेकिन उसकी सास मेरी लड़की को वापिस मायके छोड़ गई और कही कि अपनी लड़की को अपने पास रख लो। मेरी लड़की को ससुराल में धान काटते समय उंगली कटने से दर्द के कारण बुखार आने पर मैंने अपने समधी को जानकारी दी तो मेरे समधी हेमराज जायसवाल यह कहने पर कि धान काटने के डर से सोई है, उसे चार डण्डे मारो सब भूत उतर जाएगा। इस बात को सुनकर मेरी लड़की विभा ने बड़ेरी में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
उक्त रिपोर्ट पर थाना गोहपारू मेें अपराध क्र0 416/19पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।आरोपियों द्वारा न्यायालय में दाखिल किए गए जमानत आवेदन का अभियोजन द्वारा सषक्त विरोध किया गया, माननीय न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत आरोपीगण केतिका जायसवाल पिता हेमराज जायसवाल उम्र 25 वर्ष, हेमराज जायसवाल पिता स्व. दादूराम जायसवाल, मुन्नीबाई जायसवाल पति हेमराज जायसवाल एवं षिवकांत जायसवाल पिता हेमराज जायसवाल सभी निवासी भदवाही थाना गोहपारू जिला शहडोल को धारा 498ए, 304बी भादवि में जमानत निरस्त करते हुए जेल भेजे जाने के निर्देष दिए गए।
उक्त प्रकरण मे अभियेाजन की ओर से मुकेष कोल, एडीपीओ शहडोल द्वारा सषक्त पैरवी की गई।

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