50 बच्चों को दिल्ली पुलिस ने कराया नेशनल पुलिस मेमोरियल से अवगत
दिल्ली । थाना मंडावली की तरफ से मैने SHO – प्रशांत कुमार ने अपने क्षेत्र में स्थित Delhi Convent स्कूल से 50 बच्चो को नेशनल पुलिस मेमोरियल भेजा जहां पर आजादी के बाद से अब तक हमारी-आपकी सुरक्षा करते हुए केंद्र और राज्य के पुलिस के जवान शहीद हुए हैं. इन जवानों ने कश्मीर, पंजाब, असम, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम जैसे क्षेत्रों के अलावा नक्सलवाद और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में शहादत दी है. इन शहीदों की शहादत को सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली में नेशनल पुलिस मेमोरियल का उद्धाटन किया. 21 अक्टूबर को राष्ट्रीय पुलिस दिवस मनाया जाता है, इसलिए शहीदों के सम्मान के लिए इस दिन को चुना गया था।
क्या है नेशनल पुलिस मेमोरियल?
देश की राजधानी दिल्ली के चाणक्यपुरी में शांतिपथ के उत्तरी छोर पर 6.12 एकड़ जमीन पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के शहीद हुए पुलिसवालों की याद में एक मेमोरियल बना है. इसे नेशनल पुलिस मेमोरियल नाम दिया गया है. नेशनल पुलिस मेमोरियल 30 फीट ऊंचा ग्रेनाइट का एक खंभा है, जिसका वजन 238 टन है. इसका आधार 60 फीट लंबा है. इस खंभे पर अब तक शहीद हुए पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कुल 34,844 जवानों के नाम लिखे हुए हैं. इसके अलावा यहां पर एक म्यूजियम भी बनाया गया है.
क्या-क्या है म्यूजियम में?
इस म्यूजियम में पांच गैलरी हैं, जिसमें देश की पुलिसिंग का इतिहास दर्ज है. 310 ईसा पूर्व कौटिल्य के जमाने से लेकर अब तक सुरक्षा कैसे होती आई है, इसे म्यूजियम में अलग-अलग स्ट्रक्चर के जरिए समझाया गया है. म्यूजियम में सबसे पहले पुलिस की रैंकिंग बताई गई है कि पुलिस में सबसे छोटा सिपाही होता है, उसके बाद हेड कॉन्सटेबल होता है, एसआई और इन्सपेक्टर होते हुए सबसे ऊंचा पद डायरेक्टर जनरल का होता है. इसी तरह म्यूजियम में केंद्रीय पुलिस बल और राज्य के पुलिसबलों के बारे में बताया गया है. राइफल, रिवाल्वर और कार्बाइन जैसे हथियार भी म्यूजियम में रखे गए हैं. पुलिस के बैंड और पुलिसबलों पर जारी डाक टिकट भी म्यूजियम में रखे गए हैं. 1600 वर्गमीटर में बने इस म्यूजियम में पुलिस के जवानों के अलावा जानवरों के भी स्क्वॉड को दिखाया गया है, जिनमें डॉग स्क्वॉड और कैमल स्क्वॉड शामिल हैं. इसके अलावा इस म्यूजियम में पुलिसबलों की शहादत को दिखाती हुई 9 कहानियां भी हैं.
कौन-कौन सी हैं वो 9 कहानियां जो पुलिसबलों की वीरता दिखाती हैं
- 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में शहीद हुए 10 पुलिसवालों की कहानी
2.2002 में अक्षरधाम हमले में शहीद हुए पुलिसवालों की कहानी, जिसे ऑपरेशन वज्र शक्ति कहा जाता है.
- 2010 में दंतेवाड़ा में हुए माओवादी हमले में शहीद हुए जवान
- 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ के दौरान शहीद हुए पुलिसबलों के जवान
- संसद पर हुए हमले के दौरान शहीद हुए जवानों की कहानियां और उनपर फिल्म
- 1989 में शहीद हुई पहली महिला आईपीएस वंदना मलिक की कहानी
- 2013 का ऑपरेशन पुत्तुर, जिसमें दो आतंकी एक मकान से पकड़े गए थे
8.2003 का नूरबाग एनकाउंटर, जिसमें जैश-ए-मुहम्मद का मुखिया गाजी बाबा मारा गया था
- डकैत वीरप्पन के एनकाउंटर की कहानी