अनूपपुर। बर्फानी आश्रम के महामंडलेश्वर के खिलाफ सडक पर उतरे सैकडो नागरिक

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300 साल पुरानी परम्पराओं को आहत करने का लगाया आरोप

अनूपपुर। गुरूवार की सुबह से ही पवित्र नगरी अमरकंटक की धरा में काफी चहल-पलह थी, अनूपपुर सहित आस-पास के जिलो से अपने-अपने साधनो से सैकडो आदिवासी यहां इकट्ठे हो रहे थे, कुछ घंटो बाद सबने मिलकर दशको पुराने बर्फानी आश्रम के महामंडलेश्वर लक्ष्मणदास बालयोगी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बालयोगी के विरोध में गगनभेदी नारे लगाये गये। उसका पुतला बनाया गया, तखत्यिों पर लक्ष्मणदास को हटाने व संतो की मर्यादा बचाने जैसे दर्जनों नारे लिखकर विशाल जुलूस निकाला गया और कथित बालयोगी के खिलाफ आपराधिक मामला कायम करने व उसे पद से हटाने की मांग की गई।
धार्मिक भावनाएं आहत
आंदोलन कर रहे सैकडों नागरिकों ने कलेक्टर के नाम अनुविभागीय अधिकारी को सौपे गये मांग पत्र में यह उल्लेख किया कि बर्फानी आश्रम के व्यवस्थापक लक्ष्मणदास बालयोगी ढोंगी बाबा है, उसने एक फर्जी साध्वी का सहारा लेकर क्रमिक अनशन का ढोंग रचा, उसके पीछे उसका उद्देश्य जगतगुरू की छवि को धूमल करना था। कथित बाबा और उसके साथी रामबाबू चौबे द्वारा फेसबुक तथा ह्वाटसअप में फलाहारि आश्रम के लिए अभद्रता एवं निरंतर गलत टिप्पणियां की गई, जिससे फलाहारि आश्रम के हजारो अनुयायिओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है।
मुकदमा दाखिल करने की मांग
जुलूस निकालने वाले फलाहारि आश्रम के अनुयायिओं ने बताया कि बालयोगी खुद अवैधानिक तरीके से बर्फानी आश्रम के मुखिया बने है और अब उनकी नजर यहां के अन्य आश्रमों में कब्जा करने पर गडी हुई है। जिसके तहत् उन्होने फलाहारि के नामांतरण के लिये प्रकरण तहसील कार्यालय में दाखिल किया, जिसमें उन्होने फर्जीदस्तावेज बनवाये और दाखिल कर दिये, जिसकी जांच की मांग करते हुए दण्डात्मक कार्यवाही के साथ मुकदमा दाखिल करने की मांग की है। इसके साथ ही उनके साथ शामिल अन्य लोगों पर भी कार्यवाही करने की मांग की गई है। यही नही मांग पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि बालयोगी मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति है, जो सभ्य समाज में रहने लायक नही है। अस्तु इस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया जाये।
धार्मिक परम्पराओं को बचाने के लिए
सैकडों की संख्या में जुलूस के रूप में निकल नागरिकों ने अपने मांग पत्र में उल्लेख किया कि यह भक्तो के अंदर फैले जनाक्रोश का भावनात्मक प्रदर्शन है। बालयोगी पर आरोप लगाते हुए यह उल्लेख किया गया कि 300 साल पुरानी परम्परा का आश्रम जिसके अंतर्गत 40 से 50 गावों के आदिवासी, वनवासी समाज की गुरू गद्दी से आस्था जुडी है, इस गुरू गद्दी में आसीन गुरूओं ने भारत वर्ष में ऊंच-नींच और भेदभाव मिटाने के महान कार्य किये है तथा सामाजिक व धार्मिक चेतना का संचार कर वैष्णव धर्म से जोडा था। आज बालयोगी की मनमानी से गुरूगद्दी और हजारो आदिवासी व वनवासी परिवारो की धार्मिक भावनाएं आहत् हो रह है, किसी भी स्थिति में धार्मिक परम्पराओं को बचाने के लिए आदिवासी उतर सकते है।

इतिहास में यह पहला मौका

फलाहारि आश्रम के सैकडो शिष्यो ने गुरूवार को पवित्र नगरी अमरकंटक में बर्फानी आश्रम के महामंडलेश्वर लक्ष्मणदास बालयोगी के खिलाफ सडकों पर उतर कर मोर्चा खोल दिया। हाथो में विरोध के नारो की तखत्यिां, गगनभेदी नारे और धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप लगाये गये, पवित्र नगरी के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी महामंडलेश्वर के खिलाफ इतनी बडी संख्या में भक्तो ने मोर्चा खोला।
हजारो भक्तो की रैली
गुरूवार को हजारो की संख्या में सडक पर उतरे अनुयायिओं में सदस्य जिला पंचायत अनूपपुर श्रीमती शकुंतला सिंह श्याम, अध्यक्ष जनपद पंचायत पुष्पराजगढ हीरा सिंह श्याम, विजय सिंह राठौर, सुशील दुबे, दिनेश द्विवेदी, राजेश कुमार शिवहरे, निर्मल यादव, मनमोहनदास, सानू तिवारी, लक्ष्मी नारायण दास, पूजा राजकुमारी, रजनी, लखन सिंह, उत्तम सिंह, बालमीक, रामकिशोर, लल्लू प्रसाद, इतवारी प्रसाद, सुंदलाल के साथ समस्त फलाहारि आश्रम के भक्तगण व हिन्दु सामाजिक संगठन के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता प्रमुख रूप से मौजूद रहकर अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौपा।

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