ग्राम पंचायत चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया को दी गई चुनौती , हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस

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शशिकांत कुशवाहा
सिंगरौली । मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायत का चुनाव 2020 में होना था परंतु कोरोनावायरस कारण चुनाव की तिथि को आगे बढ़ा दिया गया वह पंचायत चुनाव से संबंधित परिसीमन एवं आरक्षण की प्रक्रिया को पूरा किया जा चुका है संबंधित मामले को लेकर कुछ लोगों के द्वारा जबलपुर हाईकोर्ट की शरण ली गई है जिसमें की मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के द्वारा मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
क्या है मामला
सिंगरौली जिले के देवसर जनपद के जुगनी पंचायत आरक्षण की अवैधानिक प्रक्रिया को लेकर जुगनी पंचायत के निवासी लल्ला प्रसाद वैश ने एडवोकेट ब्रह्मेंद्र पाठक के द्वारा रिट याचिका मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की है। ग्राम पंचायत जोगनी में वर्ष 2014 में अ.ज.जा आरक्षित थी वह इस वर्ष होने वाले चुनावों के लिए भी इसी सीट पर आरक्षण प्रक्रिया दी गई जोकि पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के नियम 7(5) के विपरीत है । जिसे की विधिक अनियमितता मानकर व्यक्ति ने हाईकोर्ट की शरण ली है
हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस
ग्राम पंचायत चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया के सम्बंध में जबलपुर हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है जारी नोटिस में सिंगरौली जिला कलेक्टर एवं शासन से 3 हफ्तों में जवाब मांगा गया है।
याचिका दायरकर्ता अधिवक्ता ने का कहना है
ग्राम पंचायत चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया के मामले में याचिका दायर करता है अधिवक्ता ब्रह्मेंद्र पाठक का कहना है कि जिस वर्ग का वर्तमान में कार्यकाल चल रहा है उस वर्ग को आरक्षण प्रक्रिया से छोड़ कर लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाना है। साथ में चर्चा करते हुए बताया कि सिंगरौली जिले के 3 ब्लॉक बैढ़न देवसर चितरंगी हैं जिसमें से बैढ़न एवं चितरंगी जनपद में आरक्षण नियम का पालन किया गया परंतु देवसर में ऐसा नहीं किया गया देवसर ब्लाक में नियमों की अनदेखी की गई।

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