उफरीकला पंचायत सचिव के भ्रष्टाचार से तंग है ग्रामीण

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नही मिल रहा योजनाओं का लाभ, जनप्रतिनिधि ने की स्थानांतरण की मांग
जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जनपद सदस्य ने सीईओ को लिखा पत्र
जनपद के दस्तावेज उठाकर देखा जाये तो विकास के नाम पर करोडो रूपए सिर्फ कागजों में व्यय कर दिये गये, पंचायत और जनपद से लेकर जिला पंचायत तक के जिम्मेदार उस सचिव को ही काबिल मानते है जो भ्रष्टाचार करने की दक्षता को पूर्ण करता हो, शायद यही कारण है कि पुष्पराजगढ में ईमानदार सचिव का स्थानांतरण कर दिया जाता है और भ्रष्टाचार करने वालो को शह देकर योजनाओं में पलीता लगवाया जाता है।
अनूपपुर। जनपद पंचायत पुष्पराजगढ के ग्राम पंचायत उफरीकला में पदस्थ सचिव प्रेमवती बघेल का विवादो से पुराना नाता रहा है, कभी भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो कभी ग्रामीणों से विवाद के साथ पत्रकारो के ऊपर भी कई तरह के आरोपो से चर्चा में रहीं है। वर्षो से पंचायत में पदस्थ सचिव को तत्काल हटाये जाने हेतु जनप्रतिनिधियों ने मांग की है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी को शिकायत पत्र देते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रूपमति सिंह एवं जनपद सदस्य क्षेत्र क्रमंाक-4 दयावती मार्को ने भ्रष्ट व लापरवाह सचिव को तत्काल प्रभाव से अन्यंत्र स्थानांतरण की मांग की है।
कार्यो में घोर लापरवाही
पंचायतवासियों ने सचिव की कार्यप्रणाली से तंग आकर जनप्रतिनिधियो को इस ओर ध्यानाकृर्षण कराया, जहां ग्रामीणों ने बताया कि सचिव पंचायत में यदा-कदा ही आती है, घर पर बैठकर पंचायत को संचालित करती है, जिसके कारण पंचायत वासियों को लाभ नही मिल पा रहा है, वही अधूरे कार्यो का पैसा फर्जी बिलों के माध्यम से निकाल लिया जाता है व गलत निर्माण कार्य कर अनियमिताएं की जा रही है। इसलिए ऐसे सचिव को ग्राम पंचायत में रहने का कोई औचित्य नही है, जिससे शासन की योजनाओं का लाभ ग्रामवासी न ले सके।
महिला होने का उठा रहे लाभ
ग्रामीणों द्वारा की शिकायत पत्र के अनुसार पंचायत में सरपंच श्रीमती द्रोपती बाई एवं सचिव प्रेमवती बघेल दोनो ही महिला है, दोनो के द्वारा मिलकर घोर अनियमिताएं एवं भ्रष्टाचार किया जा रहा है, अगर हितग्राही व ग्रामवासी किसी समस्याओं को लेकर उनके पास जाते है या उच्चाधिकारियों से शिकायत की बात कहते है तो इनके द्वारा धमकी दी जाती है और आरोप लगाकर झूठे केश में फंसा देने की बात कहते है, जिसके कारण ग्रामवासी पंचायत के व्यक्तिगत मूल योजना का लाभ नही ले पा रहे है।
लाखों के निर्माण में भ्रष्टाचार
उफरीकला पंचायत में बरटोला तथा भूराटोला में लगभग 42 लाख की लागत से ग्रेवल रोड का निर्माण कराया गया था, जो गणवत्ताहीन है और जिसकी संपूर्ण राशि आहरित कर ली गई, इसके अलावा भी पंचायत में अन्य सीसी सडक का निर्माण कराया गया जहां भी सचिव के द्वारा अनियमिताएं की गई है।  2 लाख 50 हजार की लागत से किचन शेड का निर्माण करना था जहां राशि आहिरत कर कार्य को अधुरा छोड दिया गया।
सडक में डाल दिया बोल्डर
ग्राम पंचायत में राहगीरों का जहां से रोजाना आवागमन हो रहा है, वह निर्माण कार्य के लिए इतने बडे साइज को बोल्डर डाल कर छोड दिया गया और गुणवत्ताहीन कार्य को अंजाम दिया गया रहा है, अपने चहेतो को ठेका देकर पंचायत में विभिन्न कार्य कराया जा रहा है वही जगत ङ्क्षसह पिता रघुलाल सिंह के नाम पर कपिलधारा कूपन निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ था, जिसके खुदाई कर उसे अपूर्ण छोड दियास गया और राशि का आहरण कर लिया गया।
नीचे से लेकर ऊपर तक कमीशन का खेल
पंचायत में चल रहे निर्माण कार्य और उसमें होने वाली अनियमिता में केवल सचिव ही जिम्मेदार नही होता, उसमें शामिल हर चेहरा जिनका दस्तावेजों में हस्ताक्षर और संधारण होता है, पंचायत में पंचो को कमीशन के तौर पर मजदूरी भुगतान कर दिया जाता है, सरपंच सचिव कार्य के अनुरूप अपना 5-15 प्रतिशत कमीशन तय कर लेते है, इंजीनियर और मानचित्रकार इसी सिस्टम का एक हिस्सा है, बाकी के कनिष्ठ एवं वरिष्ठ अधिकारियों के पास तक कमीशन पहुंचाने के लिए रास्ते तय होते है। वही पंचायतों में फर्जी बिलों के माध्यम से सामग्रियों की अतिरिक्त खरीदी व अनावश्यक बिल के माध्यम से भुगतान करा कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जाता है, जिसके कारण कभी कोई कार्यवाही नही हो पाती है।
इनका कहना है
कार्यालय पहुंच कर मामले की जानकारी लेता हूं, शिकायत पर जांच की जायेगी और दोषियों पर कार्यवाही भी की जायेगी।
देवेन्द्र कुमार सोनी
सीईओ, जनपद पंचायत पुष्पराजगढ

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