शहडोल।जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत उधिया के शासकीय प्राथमिक विद्यालय को देखने पर यह कतई नहीं लगता कि इसकी देखेरख सरकारी लोग करते होंगे।आकर्षक प्रवेश द्वार, चारों ओर बाउण्ड्रीवाल से सुरक्षित परिसर, दीवार के चारों ओर लगे सुंदर फूल, पेड़-पौधे। साफ-सुथरा मैदान। करीने से सजी क्यारियां और उसके चारों ओर लगे सब्जी-भाजी के पौधे। भवन की रंग-बिरंगी दीवारें। इसके अलावा कमरों के अंदर छात्रों को शिक्षा के प्रति रुचि जगाने वाले चित्रों की सजावट।

इस प्रकार शायद ही किसी शासकीय स्कूल की तस्वीर सामने आई हो। यह सब मुमकिन हुआ है, स्कूल के प्रधानाध्यापक नंद कुमार यादव के जी-तोड़ मेहनत से। एक ओर जब कोरोना काल में 19 मार्च से स्कूल बंद हैं, इस बीच मेरा घर मेरा विद्यालय के जरिए बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है, वहीं विद्यालय की साज सज्जा में इंस्ट्रेट लेकर इसे आकर्षक बनाया है। शहडोल जिले का यह स्कूल मॉडल रूप में है, जिसे देखकर अन्य स्थानों पर विकास किया जा सकता है।

स्कूल में कई घंटे करते हैं बागवानी-
स्कूल बंद होने के बाद भी शिक्षक नंद कुमार विद्यालय में 4-5 घंटे का समय रोज देते हैं। इस दौरान स्वत: ही परिसर में झाड़ू लगाते हैं। पेड़-पौधों, साग-सब्जी में पानी देते हैं। यहां तक कि दीवारों में पुताई का कार्य खुद किया है। उनका मानना है कि पेंटर से कार्य कराने पर खर्च कौन वहन करेगा। इसलिए खुद ही यह कार्य कर लेते हैं। परिसर में उगी सब्जियों का उपयोग पहले से ही एमडीएम में किया जाता रहा है। पंचायत व अन्य प्रकार के सहयोग से कंक्रीट रोड बनवाया है। जरूरत पडऩे पर अपनी जेब से पैसा लगाते हैं।

मिल हैं कई अवॉर्ड-
अपनी पदस्थापना काल से ही प्रधानाध्यापक यादव ने बैगान टोला प्राथमिक विद्यालय के विकास पर ध्यान दिया। यही कारण है कि विद्यालय को हर वर्ष कोई न कोई अवॉर्ड मिलता है। राज्य स्तर पर सम्मानित आचार्य अवार्ड से नवाजा गय। जिला व ब्लाक स्तर पर कई बार पुरस्कृत हो चुके हैं। नंद कुमार ने बताया कि डीपीसी व संकुल अधिकारियों के मार्गदर्शन में विद्यालय का विकास हो रहा है। वर्तमान में 104 विद्यार्थी दर्ज हैं। शिक्षक आनंद द्विवेदी व मालती पनिका के साथ वे भी ग्रुप में बच्चों को शिक्षा ग्रहण करा रहे हैं।

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