आज की शख्सियत @ बच्चों की शिक्षा पर ज्यादा ध्यान दें, नैतिकता को दें बढ़ावा

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शहडोल। सफल जीवन का फण्डा क्या है, इस प्रश्न के उत्तर में कमिश्नर नरेश पाल ने राज एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि बच्चों की शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, नियमित व्यायाम एवं मॉर्निंग वॉक को जीवन में उतारना चाहिए। भौतिक सुख सुविधाओं को कम करते हुए दूसरों की नकल नहीं करनी चाहिए। संभागायुक्त नरेश पाल ने बुधवार को राज एक्सप्रेस कार्यालय में विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों में नैतिकता को बढ़ावा देना चाहिए, साथ ही महिलाओं के प्रति सम्मान देने की आदत बचपन से डालनी चाहिए। यदि कोई भी व्यक्ति इन सब बातों को ध्यान में रखकर बच्चों को किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञता या स्किल में दक्षता दिलाता है तो, उन्नति के अवसर बढ़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर का अच्छा ज्ञान हो तो, प्रगति आसान हो जाती है।
जिला चिकित्सालय के बारे में
श्री कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय में सिविल सर्जन के विरोध में डॉक्टरों की चली हड़ताल एवं सामूहिक इस्तीफे के कारण उत्पन्न हुई ज्वलंत समस्या के संबंध में पूछे जाने पर संभागायुक्त ने कहा कि शहडोल दूसरा जिला है, जहां दंत चिकित्सक को शासन द्वारा सिविल सर्जन नियुक्त किया गया है। इससे पहले शाजापुर जिले में दंत चिकित्सक को सिविल सर्जन नियुक्त किया गया था। दो-तीन डॉक्टर ऐसे हैं, जो नेतागिरी करके या अन्य चिकित्सकों को भड़का कर विरोध प्रदर्शन करवा रहे थे। मैनें चिकित्सकों को समझाईश दी है कि शासन के निर्णय का सम्मान करें, डॉ. राजा शीतलानी को अनुशासनहीनता के लिए नोटिस दी गई है। डॉ. डी.के. सिंह के विरूद्ध एक दिन पूर्व एक्शन लिया गया है, कुछ डॉक्टर काम पर लौट आये हैं, जबकि कुछ अवकाश पर हैं। विकल्प के रूप में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को तैनात किया गया है, आपातकालीन सेवाएं चल रही है। उम्मीद है कि दो-तीन दिन के अंदर स्थिति सामान्य हो जायेगी।
विकास की प्राथमिकता
कमिश्नर नरेश पाल ने बताया कि शहडोल संभाग में विकास की दृष्टि से शासन की कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, साथ ही कृषि को बढ़ावा देने के प्रयास हो रहे हैं। कृषि का रकवा भी बढ़ रहा है, जिससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। जहां तक बेरोजगारों को रोजगार से जोडऩे की बात है, शासन के नीति-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। संभाग से पलायन करने वाले श्रमिकों की पूरी जानकारी जिला प्रशासन ले रहा है। इसके अलावा वन नेशन-वन राशन कार्ड की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है।
कई एवार्ड मिले
22 जनवरी 1962 को विदिशा में जन्में नरेश पाल का राज्य प्रशासनिक सेवा में वर्ष 1987 में चयन हुआ, दुर्ग, सागर, जबलपुर में एसडीएम रहे, राजनांदगांव, उज्जैन एवं कटनी में एडीएम तथा जिला पंचायत मंदसौर में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में सफलता पूर्वक सेवाएं दी। राजस्व नगरीय प्रशासन, आवास एवं पर्यावरण के विभाग के उपसचिव रहे, वर्ष 2013 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति हुई, इसके बाद नरसिंहपुर, सतना एवं शहडोल में वर्ष 2014 से 2018 तक कलेक्टर रहे। वर्ष 2018 में पदोन्नत होकर सचिव गृह विभाग पदस्थ हुए। महिला एवं बाल विकास विभाग में कमिश्नर की सेवाएं देने के पश्चात शहडोल संभाग के कमिश्नर के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं, इन्हें कई एवार्ड मिल चुके हैं, वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में एवं राज्यपाल द्वारा भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण हेतु 2015, 2016 एवं 2017 को सम्मानित किया गया। केन्द्रीय मंत्री महिला एवं बाल विकास द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में राष्ट्रीय स्तर पर 2020 में तीन पुरूस्कार प्राप्त हुए।
संगीत एवं खेल में भी रूचि
कमिश्नर ने बताया कि उन्हें संगीत एवं खेल में भी रूचि है, क्लासिकल म्यूजिक के साथ लता मंगेश्कर, मुकेश, मो. रफी, मन्नाडे के पुराने गाने को सुनना उनके शौक में शामिल है। क्रिकेट का लाईव प्रसारण होने पर टीवी पर देखते हैं, दुष्यंत सिंह द्वारा लिखित पुस्तकें एवं कुछ अंग्रेजी लेखकों की किताबे पढऩा अच्छा लगता है।

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