अमलाई खुली खदान में जितेन्द्र की हुकूमत

कोयला छटने से लेकर जबरिया वसूली से परेशान उपभोक्ता
एरिया में बैठे अधिकारियों का खुला संरक्षण
मामला एसईसीएल के सोहागपुर एरिया का
(Amit Dubey 8818814739)
शहडोल। जिले के कोयलांचल अंतर्गत सोहागपुर एरिया की अमलाई खुली खदान में बीते कुछ समय से जितेन्द्र पाण्डेय नामक तकनीकी निरीक्षक की हुकूमत चल रही है, रोड सेल में लगने वाली ट्रकों और अन्य माध्यमों से कोयले की निकासी का कार्य कर रहे कोल कारोबारियों के नुमाइंदों से जितेन्द्र और उसके गुर्गाे का रोजाना विवाद हो रहा है। यह स्थिति किसी भी दिन गंभीर हो सकती है, डीओ के नाम पर कोयले का आवंटन किस ग्रेड का है, इसका तकनीकी निरीक्षक और उसके द्वारा खदान परिसर में अनाधिकृत तौर पर रखे गये गुर्गों से कोई सरोकार नहीं। कोयला छटने से लेकर लेबलिंग और गेट में अंदर घुसने और कांटा होकर बाहर निकलने हर काम के यहां अलग-अलग दाम तय किये गये हैं, जिसे तकनीकी निरीक्षक खुलेआम तय की गई राशि के अनुरूप ट्रक चालकों और मालिकों से हुज्जत कर वसूल रहे हैं।
सुविधा शुल्क से मिलती है सुविधा
सोहागपुर एरिया की अमलाई और धनपुरी सहित अन्य कई रोड सेल वाली खदानेंंं वर्षाे से संचालित हैं, लेकिन बीते कुछ महीनों से जितेन्द्र पाण्डेय के तकनीकी निरीक्षक का पद लेने के बाद जो स्थिति यहां निर्मित हुई है, वह कभी भी बड़े विवाद का कारण बन सकती है। अनाधिकृत तौर पर यहां तकनीकी निरीक्षक ने चंद आपराधिक रिकार्ड वाले लोगों को लगा रखा है, जो दबाव देकर वसूली कर रहे हैं। यदि ट्रक या डीओ के मालिक मनमाना शुल्क नहीं देते तो, ग्रेड तय होने के बाद भी आरओएम भरने को मजबूर कर दिया जाता है, वहीं यदि मनमाना शुल्क दे दिया गया तो, आरओएम का डीओ होने के बाद भी अनाधिकृत मजदूरों से कोयला छटवाकर दिया जा रहा है।
अनाधिकृत व्यक्ति व मशीने
खदान परिक्षेत्र के अंतर्गत बड़ी संख्या में निरीक्षक जितेन्द्र पाण्डेय के संरक्षण में मजदूरों से लेकर आपराधिक पृष्ठ भूमि वाले लोगों के साथ मशीने भी खदान परिसर के अंदर रहती हैं। नियमत: कोल प्रबंधन को यहां लगने वाली ट्रकों में अपनी मशीनों से आरओएम लोड करवाना चाहिए, लेकिन जुगाड़ के फेर में जितेन्द्र पाण्डेय जैसे तकनीकी निरीक्षकों ने अपने ही विभाग को चूना लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है, डीईओ होल्डरों का काम जल्द ही उनके मर्जी मुताबिक हो जाता है। अन्यथा वाहन इंट्री के बाद लोड होने तक कई दिन और कई मुसीबतों से उलझते रहते हैं।
इंट्री से गेट पास का खेल
खुली खदान में कोयले के परिवहन के लिए वाहन घुसते ही इंट्री शुल्क, उसके बाद कांटा शुल्क, अंदर यार्ड में पड़े कोयले तक वाहन पहुंचते-पहुंचते चालक और परिचालक शुल्क की इंट्री ही करते रहते हैं, पूरा का पूरा खेल तकनीकी निरीक्षक और उसके ऊपर बैठे प्रबंधक तथा उपक्षेत्रीय प्रबंधक तक खेला जाता है। यदि जितेन्द्र पाण्डेय के अनुसार उसके अनाधिकृत नुमाईंदों को शुल्क दे दिया जाये तो, कुछ घंटो में ही वाहन लोड होकर वापस निकल जाता है। अन्यथा कभी उपक्षेत्रीय प्रबंधक तो, कभी एरिया सेल्स व एरिया मुख्यालय के दांव पेंच बताकर मामले को उलझाने का प्रयास होता रहता है।
इनका कहना है…
माईंस के अंदर वसूली नहीं होती, कुछ लोग बेवजह परेशान कर रहे हैं।
जितेन्द्र पाण्डेय
तकनीकी निरीक्षक
अमलाई खुली खदान