कोरोना का ड्राई रन : 3 सेंटरों में 75 को टीके

चिकित्सा एवं शिक्षा मंत्री ने मेडिकल कालेज पहुंच कर लिया जायजा
कोरोना वैक्सीन के ड्राई रन की प्रक्रिया शुक्रवार को शहडोल के साथ ही संभाग के अन्य जिलों में भी वैक्सीन का ड्राई रन सम्पन्न हुआ। इस दौरान प्रदेश के चिकित्सा एवं शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मेडिकल कालेज पहुंचकर सभी व्यवस्थाओं का अवलोकन किया।
शुक्रवार को वैक्सीनेशन रिहर्सल सम्पन्न हुई, वैक्सीनेशन टीव व टीकाकरण के लिये हितग्राहियों का चयन कर लिया गया था। वैक्सीनेशन के बाद होने वाली प्रतिकूल घटना (एआईएफआई) को कंट्रोल करने के लिए टीम बनाई गई है।
(अमित दुबे) – 7000656045
शहडोल। देश में अगले हफ्ते से कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू हो सकती है। इसके पहले आज 8 जनवरी को वैक्सीनेशन का ड्राई रन (रिहर्सल) संभाग के तीनों जिलों में संपन्न हुआ। इसके लिए जिले में चिन्हित तीन स्थानों पर पूरी तैयारी के साथ मॉकड्रिल सम्पन्न हुआ। गाइड लाइन के अनुसार जिले में तीन स्थानों पर वैक्सीनेशन रिहर्सल की व्यवस्था बनाई गई थी। वैक्सीनेशन टीम व टीकाकरण के लिए हितग्राहियों का चयनपहले से ही कर लिया था। (एआईएफआई) को कंट्रोलकरने के लिए टीम बनाई गई है। टीकाकरण की शुरुआत प्रक्रिया करीब 15 मिनट की रही। वहीं टीका लगने के बाद आधे घंटे तक हितग्राही को मेडिकल विशेषज्ञों की निगरानी में रखा गया। यदि किसी को रिएक्शन जैसी स्थिति बनती तो इसके आगे की इलाज की प्रक्रिया का ट्रायल की भी योजना पहले से ही तय कर दी गई थी लेकिन इस तरह की स्थिति नही बनी। गौरतलब है कि पहले चरण में दो विभाग के 6348 कर्मचारियों को टीका लगना है। जिसके लिए जिले में भी टीकाकरण का कार्य कभी भी शुरु हो सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य अमले के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह होगी कि वैक्सीनेशन के बाद होने वाले रियेक्शन जैसे हालातों से कैसे निपटा जाए।
टीके के साथ स्वास्थ्य परीक्षण
शुक्रवार को सम्पन्न हुए पूर्वाभ्यास में टीकाकरण के लिए चयनित लोगों को सूचना देने के बाद सभ अपने नियत स्थानों पर पहुंच गए थे। टीका लगाने के पहले उनका व्हेरीफिकेशन के बाद स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। डमी हितग्राही को प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उसी अंदाज में सीरेंज लोडकर टीका लगाने का अभ्यास होगा जैसा अमूनन होना है। टीका लगने के बाद होने वाले रियेक्शन आदि को जांचने के लिए हितग्राही को आधे घंटे तक निगरानी में रखा गया। यदि किसी को सिर दर्द, बुखार, चक्कर आदि आते हैं तो तत्काल वहां मौजूद दवाएं दिए जाने की भी व्यवस्था की गई थी।यही नही गंभीर स्थिति बनने पर रेफर आदि किया जाना था।
तीन केन्द्रों पर 25-25 पर ट्रायल
वैक्सीनेशन का ट्रायल मेडिकल कॉलेज के अलावा शासकीय चिकित्सालय धनपुरी व सिविल अस्पताल ब्यौहारी में किया गया। प्रत्येक सेंटर में 25-25 लोगों को टीकाकरण किया गया। ये सभी स्वास्थ्य विभाग के ही कर्मचारी हैं। इन्हें सूचना दे दी गई है, जो निर्धारित समय पर अपने सेंटर पहुंचें। प्रत्येक केंद्र में 5 सदस्यीय टीमें बनाई गई थी। जिला स्तर पर ट्रायल की निगरानी के लिए टीम बन चुकी है. जिसमें मेडिकल कॉलेज के डीन, सीएमएचओ, अभियान के नोडल अधिकारी, जिला वैक्सीन मेनेजर, डेटा मैनेजर शामिल हैं। सभी सेंटरों में आवश्यक दवाईयां व संसाधन पूर्व में ही जुटा लिए गए थे।
हर कदम पर थी निगरानी
ड्राई रन में सब कुछ वैसा ही हुआ जैसे वैक्सीनेशन अभियान में असल में होने वाला है। इसमें सिर्फ कोविड-19 का वैक्सीन लगाया नहीं गया और वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन भी नहीं किया गया। इसमें सबसे पहले डमी वैक्सीन कोल्ड स्टोरेज से निकलकर वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाना, टीका स्थल पर भीड़ का प्रबंधन कैसे किया जाए, एक दूसरे के बीच दूरी सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था कैसे की जाए, इस सब का लाइव टेस्ट किया गया। इसके अलावा ड्राई रन के तहत वैक्सीन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग को भी टेस्ट किया गया। कुल मिलाकर असली में वैक्सीन डोज देने को छोड़कर सारी प्रक्रिया का लाइव टेस्ट होगा। उसके बाद उसका फीडबैक लिया जाएगा। देखा जाएगा कि कहां क्या कमी रह गई है।