राज्य शिक्षक संघ, राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा पदाधिकारियो ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात, संवर्ग की विभिन्न समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन

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राज्य शिक्षक संघ, राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा पदाधिकारियो ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात, संवर्ग की विभिन्न समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन

कटनी। राज्य शिक्षक संघ मध्य प्रदेश एवं राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय पदाधिकारियों ने भोपाल पहुंचकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग से मुलाकात कर राज्य शिक्षा सेवा संघ वर्ग की विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल में शामिल संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश यादव एवं संघ के प्रदेश महासचिव विपिन तिवारी ने बताया कि इस अवसर पर राज्य शिक्षक संघ को शासकीय मान्यता, राष्ट्रीय पेंशन स्कीम के स्थान पर पुरानी पेंशन बहाल करने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में कोमल पटेल, दिनेश शुक्ला, पुष्पराज सिंह, सुखेंद्र चौहान प्रमुख रूप से शामिल थे।

इन मांगों को रखा सामने

-राज्य शिक्षक संघ मध्यप्रदेश को शासकीय मान्यता प्रदान की जावे।*

– राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (NPS) के स्थान पर पुरानी पेंशन बहाल की जावे।*

– 01.07.2018 से प्राप्त सातवें वेतनमान के एरियर्स राशि को 5 किश्तों के स्थान पर एकमुश्त प्रदान किया जावे।*

– स्कूल शिक्षा विभाग के पदोन्नति से वंचित शिक्षक संवर्ग की भांति राज्य स्कूल शिक्षा सेवा संवर्ग के तहत कार्यरत शिक्षक संवर्ग को भी उच्च पद का कार्यभार/पदनाम समान रूप से दिया जावे।*

-अध्यापक/ राज्य स्कूल शिक्षा सेवा संवर्ग के शिक्षक संवर्ग को कृमोन्नति के सम्बन्ध में जारी स्पष्ट आदेश के उपरांत भी अनेक जिलों में प्रथम कृमोन्नति का लाभ नही दिए जाने  जारी आदेश निरस्त किये जाने के कारण व्याप्त विसंगति के समाधान हेतु स्पष्ट रूप से तात्कालिक मार्गदर्शन पत्र जारी किया जावे, जिससे पात्र लोकसेवकों को कृमोन्नति का प्राप्त हो सके।*

-प्रदेश में अध्यापक संवर्ग/राज्य स्कूल शिक्षा सेवा संवर्ग के सेवा में रहते मृत संवर्ग के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किये जाने में 01 07.2018 के पूर्व एवम 01.07.2018 के पश्चात मृत संवर्ग के आश्रितों के साथ अलग अलग व्यवहार किया जा रहा है जो कि न्यायोचित नही है। अतयव अनुकंपा नियुक्ति मामले में किये जा रहे इस प्रकार के दोयम दर्जे के व्यवहार को समाप्त कर एकरूपता के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति का लाभ प्रदान किया जावे।*

-प्रदेश में शिक्षण व्यवस्था स्कूल शिक्षा विभाग एवम आदिम जाति कल्याण विभाग में बंटी हुई है, जिससे शासन द्वारा जारी नीति निर्देशों का यथोचित समान रूप से पालन नही हो पाता है। अतयव शिक्षा की गुणवत्ता के विकास व समरूपता हेतु शिक्षा विभाग व आदिम जाति कल्याण विभाग को एक करते हुए केवल स्कूल शिक्षा विभाग को ही सम्पूर्ण शिक्षा की बागडोर सौंपी जावे।

-नई शिक्षा नीति हेतु बनाई गई टास्कफोर्स में अध्यापक संवर्ग/राज्य स्कूल शिक्षा सेवा संवर्ग के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जावे।

– अनुकंपा नियुक्ति मामले में प्रयोग शाला शिक्षक के साथ-साथ व्यायाम शिक्षक पद सहित प्राथमिक शिक्षक पद पर भी शिथिलीकरण करते हुए अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जावे।

– ऑपरेशन क़्वालिटी से बी.एड. उत्तीर्ण शिक्षकों को स्वाध्यायी रूप से बी.एड. की पात्रता प्रदान की जावे।

-घोषणा अनुरूप गुरुजी संवर्ग को वरिष्ठता का लाभ प्रदान किया जावे।

-आदिम जाति कल्याण विभाग में भी राज्य स्कूल शिक्षा सेवा के समान अनुकंपा एवम सांतवें वेतनमान एरियर्स भुगतान के आदेश यथाशीघ्र जारी किए जावें।

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