अंतिम पंक्ति के जरुरतमंद हर व्यक्ति के लिये हमें काम करना है। चाईल्ड लेबर से लेकर बाल संरक्षण से जुड़े समस्त बिन्दुओं पर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा नें की चर्चा

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अंतिम पंक्ति के जरुरतमंद हर व्यक्ति के लिये हमें काम करना है।  चाईल्ड लेबर से लेकर बाल संरक्षण से जुड़े समस्त बिन्दुओं पर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा नें की चर्चा

कटनी – समेकित बाल संरक्षण योजना के अन्तर्गत बनाई गई जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक गुरुवार को हुई। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर प्रियंक मिश्रा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन हुआ। जिसमें जिला बाल संरक्षण समिति के महत्व को श्री मिश्रा ने विस्तार से बताया। उन्होने कहा कि बाल संरक्षण समिति की बैठक महज औपचारिकता नहीं है कि बैठक हुई, दस्तखत हो गये और बात खत्म। समिति के उद्देश्य को समझें। इसमें शामिल प्रत्येक सदस्य की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। बैठक में निर्देश देते हुये कलेक्टर ने कहा कि निष्क्रियता के साथ नहीं सक्रियता के साथ काम करें। महज जानकारी आई और भेज दी, यह काम नहीं है आपका। अंतिम पंक्ति के जरुरतमंद हर व्यक्ति के लिये हमें काम करना है। जिले में चाईल्ड लेबर से लेकर बाल संरक्षण से जुड़े समस्त बिन्दुओं पर गंभीरता से लेते हुये उद्देश्य की पूर्ति के लिये काम करना है। बैठक में कलेक्टर ने वन स्टॉप सेन्टर का भी रिव्यू किया। उन्होने कहा कि यहां पर नियुक्त काउंन्सलर्स का फीडबैक भी लें। वन स्टॉप सेन्टर में आने वाली महिलाओं को आर्थिक रुप से संबल बनाने की दिशा में भी कार्य करें। इसके लिये आरसेटी से संपर्क कर उन्हें रोजगारोन्मुखी गतिविधियों का प्रशिक्षण दिलायें। ताकि वे भी आर्थिक रुप से सशक्त हो सकें।समिति की बैठक में अपना विजन स्पष्ट करते हुये कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक माह यह बैठक आयोजित होगी और इस बैठक में समिति सदस्यों के साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। ताकि बाल संरक्षण से जुड़े समस्त विषयों पर विस्तार से रिव्यू हो सके और किये जा रहे कार्यों में सक्रियता आये। महाराष्ट्र और कर्नाटका से आये मजदूरों के बच्चों का टीकाकरण हुआ या नहीं, यह सुनिश्चित करें। उनका स्कूलों में नाम दर्ज है या नहीं, यह भी देखें।बैठक में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डाक्टर्स के मूवमेन्ट का माईक्रोप्लान भी संबंधित सीडीपीओ को उपलब्ध कराने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। उन्होने कहा कि जहां भी आरबीएसके के डाक्टर्स जायें, उनका फीडबैक सुपरवाईजर के माध्यम से सीडीपीओ बुलायें। सीएमएचओ और सिविल सर्जन, लेबर ऑफीसर और महिला बाल विकास अधिकारी ब्लॉक स्तर पर जाकर बैठक लें। अपने विकासखण्डस्तरीय अधिकारियों को भी संयुक्त रुप से बैठक आयोजित करने के निर्देश दें। ताकि बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा, अच्छी ग्रोथ के साथ ही सुरक्षित वातावरण मिल सके।बैठक में सीएमएचओ डॉ. प्रदीप मुढि़या, सिविल सर्जन डॉ0 यशवंत वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास नयन सिंह, जिला आयुष अधिकारी डॉ0 आर0के0 सिंह सहित समिति सदस्य एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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