शिक्षण संस्थान को खोलने अभिभावकों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
शिक्षण संस्थान को खोलने अभिभावकों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
ऑनलाइन शिक्षा देने में हर अभिभावक सक्षम नहीं , ऑनलाइन शिक्षा से छात्र की मानसिकता एवं स्वास्थ्य पर दुष्परिणाम के कारण छात्र की समृति( याददाश्त ) होती जा रही है निरमार
कटनी ॥ रोटी कपड़ा और मकान शिक्षा से बनेगा देश महान, 21वी की यही पुकार शिक्षा है सबका अधिकार, पढ़ेंगे लिखेंगे बनेंगे नवाब खेलेंगे को देंगे होंगे खराब मामाजी हमें स्कूल जाने दीजिए कुछ इसी प्रकार हाथों में तख्तियां लिए स्कूली छात्र आज एसडीएम कार्यालय अपने परिजनों और शिक्षकों के साथ पहुंचे , जहां पर उन्होंने स्कूल प्रारंभ किए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार मुनव्वर खान को ज्ञापन सौंपा! समय कितना भी विपरीत क्यों न हो रहा हो, मनुष्य अपनी क्षमता से उसे सुगम बनाने में सतत प्रयत्नशील रहता है। वर्तमान में पूरी मानव जाति कोरोना महामारी से जूझ रही है। कई दिनों तक सब कुछ बंद रहने के बाद कार्यालय, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, बाजार आदि खुल चुके हैं, परंतु विद्यालय अभी भी बंद है। आर्थिक सक्रियता के दबाव के कारण लॉकडाउन को हटा तो दिया गया परंतु भारत के भविष्य को लेकर समझौता नहीं किया गया। स्कूल नहीं खोले गए। सौंपी गई ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि 1 अप्रैल 2021 से पूर्ण रूपेण स्कूल प्रारंभ करने हम सभी अभिभावक समूह आप से निवेदन करते है कि हमारे बच्चों का भविष्य अंधकार में है । बच्चों की शिक्षा – दीक्षा लगभग खत्म हो रही है । स्कूल न खुलने से हमारे कक्षा 1 से कक्षा 8 वी तक के पुत्र / पुत्री घर पर बैठे – बैठे पढ़ाई में बहुत कमजोर हो गये हैऔर पढ़ने से मन उचट गया है । एक साल से ऑनलाइन शिक्षा जारी है हम लोग ऑनलाइन पढ़ाने में असमर्थ है तथा ऑनलाइन शिक्षा से छात्र की मानसिकता एवं स्वास्थ्य पर दुष्परिणाम के कारण छात्र की समृति ( याददाश्त ) में निरमार की होती जा रही है । हम मध्यम श्रेणी के लोग है . एड्रायड मोबाइल खरीदना संभव नहीं है । आप से करबद्ध प्रार्थना है कि 1 अप्रैल 2021 से कक्षा 1 से 9 तक विद्यालय खोलने की अनुमति प्रदान करें । छात्र हित में आप का यह फैसला स्वर्णिम इतिहास बनायगा तथा हम सभी की सहमति है कि बच्चों को स्कूल भेजन और कोविड -19 के सभी नियमों का पालन करवायेंगें । शैक्षिक गतिविधियां रूक जाने से बच्चों के दैनन्दिन जीवन शैली प्रभावित हो रही थी। देर से सोना, देर तक सोना, कुछ भी समय से नहीं करना आदि जैसी प्रवृतियां बढ़ती जा रही थी। जाहिर सी बात है घर के अभिभावक भी बच्चों के इन व्यवहारों से खुश नहीं है । कोरोना के खौफ के साथ-साथ बच्चे की बदलती प्रवृति भी उन्हें चिंतित कर रही है ! ज्ञापन सोपे जाने कें दौरान अभिभावक समूह सें रेखा, ललिता , पुष्पा, निधि तिवारी , गायत्री मिश्रा , निशा , द्वारका प्रसाद पटेल, राज्य हरि सिंह राजपूत, बिंदु दहिया सहित किड्स केयर हाई सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य एवं छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार मुनव्वर खान को ज्ञापन सौंपा गया!