धूल-धुरसित हो रहा कप्तान का जीरो टॉलरेंस और शराब माफिया के खिलाफ अभियान

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शहडोल। पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार गोस्वामी के द्वारा जिले में शराब माफिया के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही हैं shahdol के इतिहास में शायद यह पहला अवसर होगा जब शराब दुकानों के संरक्षण में चलने वाली पैकारी की दुकानें पूरी तरह बंद है, पुलिस अधिकारियों की मंशा व साफ नियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तीन दिवस पूर्व shahdol से महिला डीएसपी हेडक्वार्टर तथा अन्य पुलिस अधिकारियों की टीम बनाकर पुलिस अनूपपुर जिले के sarab thekedar के यहां कार्यवाही की थी, पुलिस महानिरीक्षक शहडोल व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में अनूपपुर जिले में कार्यवाही हो रही थी, शायद उसी दौरान शहडोल जिले के beohari पुलिस अनुभाग अंतर्गत देवलोंद थाना क्षेत्र के चचाई ग्राम में ग्रामीणों ने thekedar भरतशरण तिवारी की बोलेरो क्रमांक mp19 ca 4710 अवैध शराब के साथ गांव में घूम-घूम कर बिक्री करने वालों तक अवैध शराब पहुंचाने के दौरान पकड़ी थी, दोपहर को हुई इस घटना के बाद इसकी सूचना थाने में स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा दी गई।

थाना प्रभारी के निर्देशन में राम रतन शुक्ला और मनोहर आरक्षक मौके पर पहुंचे, ग्रामीणों ने वहां फोटोग्राफ भी लिए थे, पर दिखावे के लिए पुलिस ने वहां पर गाड़ी और शराब जप्त की लेकिन थाने आते आते पूरा मामला सेट हो गया, आरोप है कि पुलिस ने मौके पर 9 से 10 अंग्रेजी शराब बुलेरो वाहन में पकड़ी थी , पुलिस ने FIR की तो वाहन का उल्लेख नही था और न हीं शराब ठेकेदार जिसके द्वारा यह शराब अपने गुर्गों के माध्यम से बिकवाई जा रही थी, उस शराब ठेकेदार भरत शरण tiwari का ही नाम इस में उल्लेखित नजर आया।

पुलिस ने fir तो की पर उसमें सिर्फ 4 पेटी शराब की दिखाई गई और मामला वही शायद सेट कर लिया गया..!!

क्षेत्र में इस बात की चर्चा है कि जब इस मामले की खबर सत्ताधारी दल के नेताओं को लगी तो उन्होंने पुलिस पर दबाव बनाया और उसके बाद shahdol तथा ब्यौहारी तक इसकी शिकायत करने की बात की, मामला जोर पकड़ने लगा, पुलिस ने 8 -10 शराब की पेटियां जब्त करने के बाद 27 अप्रैल की दोपहर 1:15 पर जो f.i.r. लांच की उस में महज 70 शिशियाँ बॉम्बे स्पेशल और 90 शिशियाँ देशी शराब होने का उल्लेख किया। पुलिस ने बोलेरो वाहन तक का उल्लेख नही किया, लेकिन मामला गर्म होने पर अब पुलिस इस मामले को सेट करने में लगी हुई है, यह भी खबर आ रही है कि स्थानीय पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों को दिखाने के लिए 27 अप्रैल को की गई Sir में एडिटिंग या फिर उसके बाद दूसरी कोई f.i.r. या इसी तरह का कोई रास्ता निकालने में पूरा सारी उर्जा लगाई जा रही है।


इस संदर्भ में जब जांच अधिकारी एएसआई Ram Ratan shukla से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि वह अभी कुछ दिनों पहले ही यहां पर पदस्थ हुए हैं इससे पहले वह कोर्ट ड्यूटी में थे, उन्हें ज्यादा लिखा पढ़ी नही आती है और न ही इस संदर्भ में कोई ज्यादा ज्ञान ही है घटना के दिन थाना प्रभारी बृजेंद्र मिश्रा के कहने पर वह chachai गांव गए थे वहां पर जब उनकी मुलाकात स्थानीय ग्रामीणों से हुई इस दौरान thekedar tiwari के मैनेजर के द्वारा यह कहा गया कि ऊपर बात हो गई है और आप थाने पहुंचे, राम रतन शुक्ला ने बताया कि इतना सुनने के बाद बोलेरो वाहन को थाने चलने के लिए निर्देशित करते हुए थाने के लिए निकाल आया था, थाने पहुंचने पर थाना प्रभारी से बोलेरो के संदर्भ में जानकारी चाही तो यह बात पता चली तो शराब ठेकेदार के ठीहे खड़ी है, फिर बोलेरो को दिखाने के लिए थाने बुलाया गया, पहले 8 से 10 पेटी शराब की गाड़ी में थी, लेकिन जब थाने में गाड़ी पहुंची तब 4 पेटी ही थी, विवेचना अधिकारी ने बताया कि fir में नाम मेरा अवश्य है लेकिन पूरी लिखा पढ़ी और कार्यवाही प्रभारी के द्वारा की जा रही है, इस से ज्यादा मुझे कुछ नहीं जानकारी है।
इस बात से साफ होता है कि एक तरफ पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिदेशक माफिया के खिलाफ हर बड़ी कार्यवाही करने में परहेज नहीं कर रहे हैं, पुलिस अधिकारियों ने पूर्व में अतिक्रमण के खिलाफ ऐतिहासिक कार्यवाही की, वही आपरेशन शंखनाद से पूरे जिले के इतिहास में सबसे बड़ी कार्यवाही सूदखोरों के खिलाफ की गई, इतना ही नहीं यह पहला अवसर होगा जब पूरे जिले की अवैध पैकारी पूरी तरह से बंद है इन परिस्थितियों के बीच यदि इस तरह की चर्चाएं और आरोप सामने आते हैं तो कहीं ना कहीं यह जांच का विषय तो है ही, पूरा मामला क्या है और आरोप कितने गलत है और कितने सही, यह तो आने वाला वक्त और पुलिस नियत पर निर्भर है।

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