जुआरियों ने 1500 रूपए में खरीद लिया वेंकटनगर चौकी
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वेंकटनगर में जुआरियों का जंगलराज, लॉकडाउन में चल रहा जुए का अड्डा
एक भाजपा कार्यकर्ता ले रहा प्रतिदिन 400 और गोदी मीडिया को भी किया मैनेज
इस पूरे आपदा काल में वेंकटनगर चौकी जुआरियों को संरक्षण देने में सबसे आगे निकल गया है, लॉकडाउन के नियमों पालन छोड आपदा को अवसर में परिवर्तित करने वाले दो जुआरी बब्बू और लालू बीते कई वर्षो से इस अवैध पेशे के अनुभवी है, कब, किसे और कितने में खरीदना है यही तय करते है और जुआ कब और किस स्थान में संचालित होगा यह भी इन्ही के हाथों में है, फिलहाल वेंकटनगर चौकी को 1500 रूपए प्रतिदिन में खरीद कर महीनों से लाखों का जुआ चला रहे है।
अनूपपुर। प्रदेश की सीमा पर स्थित वेंकटनगर चौकी और जुआरी का नाता अब प्रेमी जोडे की तरह हो गई है, न तो जुआरियों का मोह छूट रहा है और न ही पुलिस इनके बिना रह पा रही है, शायद इसीलिए कई महीनों से यहां जुआरियों का कारोबार बेहतर तरीके से फल फूल रहा है। जो भी प्रभारी यहां पर पदस्थ हुए है वह अपना और चौकी का खर्चा जुआरियों से मिलने वाले रकम पर आश्रित है, जंगल में रात्रि के समय दो दर्जन से ज्यादा जुआरी प्रतिदिन जुआ खेलते है, जिसकी जानकारी वेंकटनगर चौकी के साथ यहां के कुछेक जनप्रतिनिधियों और गोदी मीडिया को भी पता है, लेकिन चंद पैसो के खातिर सभी ने अपना ईमान बेंच दिया है।
बब्बू है असली सरगना
कोरोना कर्फ्यू के दौरान अवैध कारोबार भी खूब फल फूल रहा है, ऐसे लोगों को कोरोना का डर भी नहीं है, ये कोरोना काल में स्प्रेडर की भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे ही करीब 30 से ज्यादा लोग जुआ खेलने के लिए एक जगह पर इक_ा होते है। जुआरियों का असली सगरना बब्बू संत है, जो बीते कई वर्षो से चौकी अंतर्गत जुए के कई ठिकाने बनाये हुए है, ज्यादा रात्रि के समय जंगल में ही प्रकाश की व्यवस्था कर फड का संचालन किया जाता है।
दो महीने से संचालित हो रहा जुआ का फड
म.प्र. और छ.ग. की सीमा में इन दिनों सबसे बडे जुए का फड का संचालन किया जा रहा है, लगभग दो महीनो से लाखों रूपए प्रतिदिन इस अवैध फड में जुआरियों द्वारा कारोबार किया जा रहा है, इतना ही नही कोयलांचल नगरी कोतमा, बिजुरी और भालूमाडा को छोड वेंकटनगर में चल रहे जुए का फड सबसे आगे निकल गया है, जहां दर्जनों खिलाडी प्रतिदिन अपनी उपस्थिति देकर लाखों का गेम खेल रहे है। पुलिस और स्थानीय कुछ जनप्रतिनिधी इनको संरक्षरण दे रहे है पुलिस और कुछ सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं की मिलीभगत से ही इतने बडे अंतर्राज्यीय जुएं फड का संचालन किया जा रहा है। वेंकटनगर के पास स्थित जंगल में शाम से रात्रि 2 बजे तक जुआरियों को ठिकाना रहता है, जगह बदल-बदल कर नदियो के घाटो को स्थान बनाकर ये जुआरी रोजाना अपने फड का संचालन करते है।
हर दिन लगता लाखो का दांव
वेंकटनगर में जहां पर जुए फड का संचालन हो रहा है, उसमें हर दिन लाखो रुपए का दांव खिलाडियों द्वारा लगाया जा रहा, जिसमें कई सारे युवा वर्ग इसमे अपनी किस्मत आजमा रहे है, जिसके कारण कई घर बर्बाद हो रहे है। दो प्रदेशों से पहुंचने वाले जुआरी यहां आकर ग्रामीणों के साथ अन्य छोटे जुआरियों को निशाना बनाकर चले जाते है, बडे-बडे खिलाडियों के आगे लोग समझ भी पाते है और बाकायादा संचालक के द्वारा सभी से नाल लेकर दांव खिलाया जा रहा है।
इन जगहों से आते है खिलाडी
इस अंतर्राज्यीय जुएं फड में कई सारे युवा खिलाडी अपनी-अपनी किस्मत आजमा रहे है, जो अलग अलग जगहों से हर रोज आ रहे है, जिसमे प्रमुख रूप से वेंकटनगर तथा आसपास के गांव लपटा, खूंटाटोला, चोलना के साथ अनूपपुर, जैतहरी, मेडियारास, चचाई, अमलाई, कोतमा, भालूमाडा तथा छत्तीसगढ राज्य के मरवाही, गौरेला-पेंड्रा के साथ ही आसपास के गांव के युवा शामिल है।
यह है जुआ फड के संचालक
वर्षो से जुए की लत में डूब चुके वेंकटनगर के ही लोग इसका संचालन कर रहे है, जिनमें से बब्बू और लालू का लीड रोल इस अवैध खेल में है, उन्होने अपने गुर्गो के माध्यम से ठिकाने तक जुआरियों को पहुंचाने के लिए तैनात कर रखे है, जहां इनके गुर्गे शराब, सिगरेट के साथ अन्य आर्थिक व्यवस्थाओं की सुविधा मुहैया कराते है, इतना ही नही अगर किसी को फड संचालन के दौरान पैसों की आवश्यकता होती है तो वहां साहूकार भी बैठे रहते है जो व्याज में जुआरियों को पैसे बांट कर उनसे वसूली भी की जाती है।
इनका कहना है
आप मुझे जानकारी प्रदान करिए मैं रेड मरवाता हूं, अगर पुलिस इस तरह से जुआरियों का साथ देगी तो हम उन पर भी कार्यवाही करेंगे।
अभिषेक राजन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनूपपुर