मूलभूत सुविधाओं को तरसते कालरी कर्मचारी

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उमरिया। जिले की पहचान कोयलांचल के रूप में की जाती है, कोयला श्रमिक धरती का सीना चीर कर धरती से काला सोना निकालते है, इतनी कड़ी मेहनत करने करने वाले श्रम वीरो को जब सुविधा देने की बात आती है, तो जोहिला एरिया प्रबंधन इस मामले में काफी पीछे नजर आता है, जहाँ खदान परिसर में श्रमवीरों चाय-नास्ता की कही कोई सुविधा नहीं जोहिला एरिया प्रबंधन के द्वारा दिखाने के लिए कैंटीन का निर्माण तो कराया है लेकिन उनका उपयोग अन्य कार्य के लिए हो रहा है। नौरोजाबाद उपक्षेत्र के कुदरी खदान में कैंटीन ही नहीं है जबकि कुदरी खदान में करीब 400 कर्मचारी कार्यरत है,
वहीं इसी उपक्षेत्र के कंचन खुली खदान में कैंटीन में बिजली विभाग का दफ्तर संचालित है, जबकि कंचन खुली खदान में करीब 120 कालरी कर्मचारी के साथ यहाँ पर सुरक्षा में एम.पी.पुलिस के कर्मचारी भी कार्यरत है जिन्हे भी कैंटीन की जरुरत होती है, पिनौरा उपक्षेत्र में विन्ध्या कालरी में करीब 400 कर्मचारी कार्यरत है जहाँ की कैंटीन को कालरी प्रबंधन ने तो भवन को किराये पर एक ट्रांसपोर्ट कम्पनी लो दे दिया, जहाँ विन्ध्या कालरी प्रबंधन अपने कर्मचारियों के हित ज्यादा ट्रांसपोर्ट कम्पनी की चिंता है इसलिए यह भवन का उपयोग कैंटीन के तौर पर नहीं हो रहा है।
वही जब इस मामले में यूनियन के प्रतिनिधियों से बात की गई तो हर नेता का अलग-अलग बयान आता है कोई यह कहता है हमने आई.आर. की बैठक में कई बार उठाते है पर प्रबंधन के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है, वही कालरी प्रबंधन का कहना है की पहले कालरी में कुक हुआ करते थे पर अब कही कोई कुक नहीं बचा है इसलिए कैंटीन बंद है, वही जब कालरी कर्मचारियों की हितों की बात आती है तो सभी यूनियन के पास तरह-तरह के बहाने होते है जब अपनों की बात आती है तब अभी यूनियन मिल कर अपनों का भला करते है।

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