संक्रमण को बढ़ावा दे रहा जिला चिकित्सालय प्रबंधन

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खुले में जिला चिकित्सालय फेंक रहा मेडिकल वेस्ट !

(शुभम तिवारी+8770354184)
शहडोल। बीमारियों की रोकथाम का जिम्मा भले ही चिकित्सा विभाग के पास हो, लेकिन जिला चिकित्सालय संक्रमण रोकने के बजाय फैलाने में लगा हुआ हैं। जिससे कोरोना के अतिरिक्त अन्य कई संक्रामक बीमारियां लोगों के जीवन पर भारी पड़ सकती हैं। इसका बड़ा कारण खुले में बायोमेडिकल कचरा फेंकना है। बीते दिनों जिला चिकित्सालय प्रबंधन की लापरवाही सामने आने के बाद जिला चिकित्सालय के पीछे फेंके जा रहे बायो मेडिकल वेस्ट को ठिकाने तो, लगा दिया गया, लेकिन हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर एक बार फिर चिकित्सालय प्रबंधन खुले में बायो मेडिकल वेस्ट फेंकवा रहा है।
जानवर सहित इंसान को खतरा
एनजीटी की सख्ती के बाद भी नगर पालिका द्वारा जमुई कचरा डंपिंग यार्ड में मेडिकल वेस्ट फेंकने का खेल चल रहा है, अस्पताल से निकलने वाले इस कचरे में यूज्ड सिरिज, दवाओं के रैपर, खून सनी पट्टी आदि शामिल हैं। जिससे कई तरह की बीमारियों का संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है, स्थिति यह है कि बायोवेस्ट को सामान्य कूड़े के लिए बनाए जमुई स्थित डंपिंग यार्ड में रोज सुबह डाल दिया जा रहा है। अस्पताल की ओर से कूड़ा डालने के बाद कई कबाड़ी व कूड़ा बीनने वाले इसमें प्लास्टिक आदि बीन कर ले जा रहे हैं। एनजीटी की चेतावनी के बाद भी जिला चिकित्सालय प्रबंधन इस संबंध में नहीं चेत रहे हैं। जबकि कुछ दिनों पहले खुले में बायोमेडिकल फेंकने व जलाने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चेतावनी दी थी।
नपा का वाहन दे रहा साथ
जिला चिकित्सालय बायोमेडिकल कचरा फेंकने का पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा खुले में कचरा फेंका जाता रहा है, ऐसा नहीं है कि एनजीटी द्वारा जिला चिकित्सालय को हिदायत नहीं दी जाती, लेकिन प्रबंधन अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहा हैं। बीते दिनों एनजीटी के स्थानीय मुखिया के जिला चिकित्सालय पहुंचने के बाद अब चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट के निपटान का नया तरीका निकाला है, नगर पालिका का एक वाहन काली पन्नियों में बंद कचरे को लेने वाहन भेजता है, जिसमें बायो मेडिकल वेस्ट भी रहता है, उसके बाद कचरे की गाड़ी भर जाने पर उसे कचरा डंपिंग यार्ड में खुले में फेंक दिया जाता है।
कभी पशु तो कभी कचरा बीनने वालों का जमावड़ा
जिला अस्पताल द्वारा खुले में फिकवायें जा रहे बायो वेस्ट कचरे के ढेर में आवारा पशु मुंह मारते इधर-उधर फैला देते हैं। दूसरी ओर कचरा बीनने वाले बच्चे- बुजुर्ग भी यहां पर कचरा उठाते हुए देखे जा सकते हैं। बायोवेस्ट सामग्री के कारण कभी भी किसी को हानि पहुंच सकती है। डॉक्टर खुद मानते हैं कि अस्पताल में निकलने वाली पट्टियां खराब खून, सीरिंज, इंजेक्शन तथा अन्य सामग्री लोगों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। खुले में रखी बायोवेस्ट का समय पर निस्तारण नहीं किए जाने पर इसमें से अजीब सी दुर्गंध आने लगती है तथा इसके संक्रमण से बीमारियां फैलने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में इस बायोवेस्ट को तुरंत प्रभाव से निस्तारण करने की कार्रवाई को अमल में लानी चाहिए।
नहीं हो रही कार्यवाही
जिला चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा मेडिकल वेस्ट डिस्पोज का ठेका दिया गया है, बावजूद इसके खुले में मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है, मेडिकल वेस्ट से उठने वाली दुर्गंध और यहां पनपने वाले संक्रामक जीवों के संपर्क में आने से स्वस्थ्य व्यक्ति बीमारियों का शिकार हो जाता है, ऐसे में उसे तुरंत उपचार की जरूरत पड़ती है। खुले में पड़े मेडिकल वेस्ट से आने वाली दुर्गंध के कारण कई बार लोग उल्टियां कर देते हैं, जो कि लोगों के लिए सबसे खतरनाक साबित हो सकता है। बावजूद इसके स्वास्यि विभाग खुले में फेंके जा रहे मेडिकल वेस्ट को लेकर जिला चिकित्सालय प्रबंधन पर कार्यवाही नहीं कर रहा है, जिसका सीधा लाभ ठेकेदार को मिल रहा है।

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