पुलिस ऑब्सर्वेशन में पीडि़ता ने बच्ची को दिया जन्म, नवजात की मौत
उमरिया। पुलिस ऑब्सर्वेशन और स्वास्थ्य अमले की कड़ी देखरेख के बाद भी दुष्कर्म पीडि़ता के नवजात को नहीं बचाया जा सका है। दरअसल ग्राम पथरहटा निवासी पीडि़त महिला को स्थानीय राम गोपाल यादव की मद्द से आरोपी छोटू बनारसी इसी वर्ष मार्च माह में अपने ग्रह ग्राम यूपी के चंदौली लेकर चला गया था, जहां उसे अपने घर में बंधक बनाकर कई बार दुष्कर्म जैसे घिनोने वारदात को अंजाम दिया था। मामले की शिकायत पर चंदिया पुलिस एक्टिव हुई और तत्परता दिखाते हुए, लगभग चार माह बाद जुलाई माह में पीडि़त महिला को आरोपी के चंगुल से आज़ाद कराया, वहीं मुख्य आरोपी छोटू बनारसी एवं सहयोगी आरोपी रामगोपाल को गिरफ्तार किया था। सूत्रों की माने तो इस बीच चार माह में पीडि़त महिला आरोपी की प्रताडऩा की वजह से अत्यधिक कमज़ोर हो गई थी, वहीं जब पुलिस ने पीडि़त महिला को आरोपी के चंगुल से मुक्त कराया तो वो गर्भवती थी।
बताया जाता है कि 14 अक्टूबर को प्रसव वेदना से पीडि़त महिला चंदिया अस्पताल पहुंची, परन्तु हालत ठीक नहीं होने की वजह से जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां पीडि़त महिला ने नवजात पुत्री को जन्म दिया, परन्तु वजन कम होने की वजह से सार्थक प्रयास के बावजूद नवजात पुत्री की मृत्यु हो गई, जिसके बाद इस घटना से पीडि़त महिला को गहरा आघात पहुंचा है। इस मामले में पुलिस ने डीएनए आदि के लिए सैंपलिंग कराई है, जिससे ये साफ हो सकेगा कि पुत्री का एक्चुअल पिता कौन है, वहीं मामले में ज़रूरी कार्यवाही कर कायमी की गई है। पुलिस के कड़े ऑब्सर्वेशन एवं स्वास्थ्य अमले के सार्थक प्रयास के बाद भी दुष्कर्म पीडि़ता के नवजात पुत्री को बचाया नहीं जा सका, सवाल इस बात का है कि इस हादसे से व्यथित दुष्कर्म पीडि़ता क्या कभी इस गहरे आघात से उबर पायेगी।