क्रेशर संचालक कर रहा पर्यावरण नियमों की अनदेखी

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मजदूरों की सुरक्षा को लेकर खड़े हो रहे सवाल

जांच से खदान संचालक की मनमानी होगी उजागर

शहडोल। जिले की गोहपारू तहसील क्षेत्र से सटे खन्नौधी ग्राम में पत्थर खदान व क्रेशर में पर्यावरण नियमों की अनदेखी की जा रही है। जिसके कारण इससे निकलने वाला धूलकण आस-पास के लोगों को बीमार बना रहा है, जबकि पत्थर व्यवसायी इसकी चिंता किए बगैर बेतरतीब पत्थर खनन व क्रेशर का संचालन कर रहे हैं। जिससे निकलने वाले धूलकण से लोगों को प्रतिदिन परेशानी झेलनी पड़ती है। यहां के लोग अब इसके आदि भी हो गए है, लेकिन यह लोगों के सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है।
महज खानापूर्ति तक जांच
क्रेशर से उडऩे वाले धूलकण की रोकथाम के लिए क्रेशर संचालक को आस-पास के क्षेत्र में पौधरोपण के साथ-साथ नियमित रूप से पानी का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों की माने तो खन्नौधी क्रेशर संचालक महेन्द्र तिवारी द्वारा नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। संबंधित विभाग द्वारा जब इसके लिए दबाव बनाया जाता है तो, महज दिखावे के लिए इसकी खानापूर्ति कर दी जाती है।

यह कहते हैं कायदे
पत्थर खनन व क्रेशर का संचालन वन क्षेत्र से 250 मीटर की दूरी से कम पर नहीं किया जा सकता है। साथ ही मुख्य सड़क से इसकी दूरी 100 मीटर और निजी सड़क से 10 मीटर होनी जरूरी है। इसके अलावा पत्थर खदानों के आस-पास पौधरोपण करना है, लेकिन अंकुरी स्थित महेन्द्र तिवारी के पत्थर खदान में पौध रोपण नहीं किया गया है, मजे की बात तो यह है कि पूरे मामले की जानकारी खनिज विभाग को होने के बावजूद पत्थर खदान संचालक को छूट दे दी गई है।
खदान संचालक को खुली छूट
क्रेशर व खदान में कार्यरत मजदूरों के सेहत का भी पत्थर खदान व क्रेशर संचालक महेन्द्र तिवारी द्वारा ध्यान नहीं रखा जाता है। मजदूरों को मास्क व हेलमेट तक उपलब्ध नहीं कराया जाता है। विडंबना यह है कि क्रेशर व खनन क्षेत्रों में स्वास्थ्य व पेयजल के साथ-साथ मजदूरों के लिए कोई शेड तक की व्यवस्था नहीं है। अगर खदान क्षेत्र में सामान्य दुर्घटना भी हो जाये तो, इलाज तक नहीं नहीं हो पायेगा, लेकिन आज तक विभाग द्वारा किसी प्रकार की जांच न कर खदान संचालक को खुली छूट दी हुई है।

ताक पर सुरक्षा
अंकुरी ग्राम पंचायत में पत्थर खदान महेन्द्र तिवारी के नाम स्वीकृत है, चर्चा है कि कथित खदान धारक द्वारा मनमर्जी से सरकारी नियमों को ताक पर रखकर खदान का संचालन किया जा रहा है। यह पत्थर खदान गंभीर हादसों को न्यौता दे रही हैं, खदान के नीचे ही डिण्डौरी से आये मजदूर अपने परिवार के साथ रहते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर खदान संचालक कोई ध्यान नहीं दे रहा है, महेन्द्र तिवारी को खनिज विभाग द्वारा अंकुरी में एक पहाड़ी को खोद कर मैदान बनाने की तैयारी की जा रही है, खदान किनारे गांव की सड़क है, जहां से लोग आते-जाते हैं, पहाड़ से पत्थर लाने ले जाने वाले वाहनों का भी यही तांता लगा रहता है।
मजदूरों को नहीं है पंजीयन
दूरदराज से रोजी रोटी कमाने आए मजदूरों की परवाह किसी को नहीं है। खदान क्षेत्र में किसी भी मजदूर का पंजीयन व बीमा नहीं है। भीषण गर्मी व चिलचिलाते धूप, ठण्डी में जान जोखिम में डालकर कार्य कर रहे मजदूरों का खदान क्षेत्र में खुलेआम शोषण होता है। जानकारों की माने तो लीज लाइसेंस देते सम

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