17 को बांटे थे आत्मदाह के पर्चे और 18 को कलेक्ट्रेट जाकर खाया जहर
शहडोल। जिला मुख्यालय के घरौला मोहल्ला में रहने वाले धर्मदास बारी ने वर्षाे से काबिज भू-खण्ड पर दबंगों के द्वारा रातो-रात किये गये कब्जे से परेशान होकर 17 जनवरी की सुबह गांधी चौराहे पर आज अर्थात मंगलवार 18 जनवरी को कलेक्टर कार्यालय के सामने आत्मदाह करने के पर्चे बांटे थे।
यह खबर सोमवार को सोशल मीडिया में वॉयरल भी हुई थी, प्रशासन ने इस मामले में क्या संज्ञान लिया, यह तो वहीं जाने, लेकिन अभी से कुछ देर पहले धर्मदास बारी ने कलेक्टर कार्यालय के सामने जहर खा लिया। जिसके बाद उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है, उसकी हालत अभी गंभीर है, आगे की जानकारी प्रतीक्षित है।
यह लिखा था पर्चे में
मैं धर्मदास बारी निवासी घरौला मोहल्ला वार्ड नंबर 10/13 शहडोल प्रार्थी के पिता के समय लगभग 80 वर्ष पूर्व बने मकान व बाउण्ड्री वाल जो कि घरौला मोहल्ला वार्ड नंबर 15/20 में है, इसी भूमि व मकान के खिलाफ सन् 2010 में राजेश्वरी प्रताप सिंह रिटपीटिशन हाईकोर्ट जबलपुर से ये कहकर लाए की धर्मदास बारी द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा है व उसके पिताजी को सन् 1958/59 में बेदखल किया गया था, जिस पर तत्कालीन कलेक्टर व कमिश्नर ने जब कोई कार्यवाही नहीं की तो, राजेश्वरी प्रताप सिंह ने कन्टम ले कर आ, जिस पर तहसीलदार ने पटवारी व आरआई द्वारा मौके पर नाप कराकर मेरी इसी भूमि व मकान को अवैध कब्जा मानकर बेदखली का आदेश दिया, जिस पर मैं एडीएम व कमिश्नर के यहां अपील किया, जिस पर दोनों जगह पर तहसीलदार के फैसले को बरकरार रखा गया, मेरे द्वारा इसकी अपील रेवन्यू बोर्ड ग्वालियर में की गई, जिसका प्रकरण आज भी चल रहा है। साथ ही मेरे द्वारा तहसीलदार के फैसले के खिलाफ एक व्यवहारवाद न्यायालय में पेस किया, जिस पर कलेक्टर, नजूल अधिकारी व तहसीलदार एवं राजेश्वरी प्रताप सिंह को पार्टी बनाया गया, जिस पर तीनों अधिकारी के द्वारा शपथ पत्र के साथ जवाब दावा पेश किया गया, जिसमें मेरी इस भूमि व मकान के साथ बगल की भूमि को शासकीय बताया गया है। साथ ही फरियादी का कई वर्षाे पुराना कब्जा बताया गया है, प्रकरण अभी न्यायालय में चल रहा है।
लेकिन 11 जनवरी 2022 को राजेश्वरी प्रताप सिंह, अभय प्रताप सिंह, अशीष सिंह, शिवकुमार नामदेव अपने 60-70 सहयोगी व कर्मचारी के साथ बगल के शासकीय भूमि पर कब्जा करने पहुंचे व 12 जनवरी 2022 को फरियादी के भूमि व भवन पर भी कब्जा कर लिया, फरियादी मना करने पहुंचा तो, धमकी देने लगे और शाम तक जेसीबी मशीन से फरियादी के मकान को तोड़कर कब्जा कर लिया, जिसकी शिकायत फरियादी ने कलेक्टर, कमिश्नर, एसडीएम के बाबू ने लेने से मना किया तो, डाक द्वारा पुलिस अधीक्षक को डाक द्वारा, थाना कोतवाली को डाक द्वारा, साथ ही मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री को मेल द्वारा शिकायत किया। शिकायत पर फरियादी ने मांग कि है कि मकान व भूमि पर कब्जा क्यों किया गया, जबकि प्रकरण अभी न्यायालय में चल रहा है, जिस पर शासन ने शासकीय भूमि मानकर बेदखली का आदेश दिया है।
फरियादी के दस्तावेजों की जांच कर दोषीजनों के खिलाफ कार्यवाही हो अन्यथा फरियादी 18 जनवरी को जिला कलेक्ट्रेट के सामने आत्मदाह करेगा, जिसकी संपूर्ण जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी।