पंचायत में उपसरपंच कर रहा ठेकेदारी 

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ग्राम पंचायत बरगवां-18 में निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार

अधूरे निर्माण कार्य, राशि हजम करने के लगे आरोप

शहडोल। जिले के बुढ़ार जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बरगवां 18 पंचायत के निर्माण कार्य ठेका पद्धति से करवाया गया, जिसका नतीजा है कि पंचायत के निर्माण कार्य निम्न स्तर के हुए हैं। सबसे मजेदार बात है कि जनपद पंचायत में एक ऐसा ठेकेदार उपलब्ध है जो हर पंचायत के निर्माण कार्य का ठेका लेने के लिए आतुर है और अधिकारी-कर्मचारियों को पूरी जानकारी होने के बाद भी पंचायत के कार्यों को इसी ठेकेदार से करवाने के लिए सरपंच-सचिव पर दबाव डालते हैं। चर्चा है कि बुढ़ार के सत्ताधारी दल के नेता द्वारा उप सरपंच को ढाल बनाकर ग्राम बरगवां 18 सहित अन्य पंचायतों में ठेकेदारी की जा रही है।
जनपद पंचायत में सांठ-गांठ से भाजपा के तथाकथित नेता द्वारा उपसरपंच के कंधे का इस्तेमाल ठेकेदारी की जा रही है, ग्राम पंचायत बरगवां में नियम विरूद्ध काम हो रहा हैं और बेहद घटिया स्तर का कार्य शासन प्रशासन की सांठ-गांठ से करा रहे है। सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, उपयंत्री का कमीशन बंधा हुआ है, मजे की बात तो यह है कि कई निर्माण कार्य पूरे किया बिना राशि निकाल ली गई है, ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी जनपद स्तर पर नहीं है, लेकिन कथित सत्ताधारी दल के नेता के पीछे होने के चलते उक्त पंचायत में हुए भ्रष्टाचार उजागर नहीं हो पा रहे हैं।
जनपद पंचायत बुढ़ार की ग्राम पंचायत बरगवां 18 में मजदूर पलायन को मजबूर है, खबर है कि संजय सिंह के द्वारा पंचायत में अपने प्रभाव का उपयोग कर विधायक मद से जमुड़ी में समुदायिक भवन का कार्य कराया, जो की आज भी अधूरा है, वहीं पैसा पूरा निकाल स्कूल की बाउंड्रीवाल अधूरी पड़ी है, अघोषित ठेकेदार उपसरपंच पटपार टोला में पुलिया का निर्माण में घटिया स्तर का कार्य किया गया है, जिससे पुलिया टूट गई है, किचन शेड अधूरा कार्य छोड़ा है। अगर पंचायत में निर्माण कार्य में लगे हुए बिलों की जांच हुई तो, ग्राम पंचायत बरगवां-18 के सचिव, सरपंच तो नपते नजर आयेंगे।
उपसरपंच द्वारा पंचायत में ऑफ रिकार्ड ठेकेदारी की जा रही है, वर्तमान में कथित नेता द्वारा कोयलांचल के भागवाधारी नेता का चाटुकार बन पंचायत में ठेकेदारी की जा रही है, कांग्रेस की 15 महीने की सरकार रहने के दौरान संजय कांग्रेस नेता कहलाते थे, चर्चा है कि दलबदलु नेता सत्ताधारी दल के नेताओं की चाटुकारिता कर पंचायत में सेंध लगा रहे हैं, जहां एक ओर शासन द्वारा ग्रामीण विकास के लिए भेजी जा रही राशि चौपट हो रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार की मंशा पर भी भाजपा के तथाकथित नेता का साथ लेकर पानी फेरा जा रहा है।
अगर सही ढंग से ऑफ रिकार्ड ठेकेदार उपसरपंच द्वारा कराये गये निर्माण कार्य की जांच की जाये तो, घटिया निर्माण कर लाखों का गोलमाल करने का खुलासा हो सकता है? क्योंकि इनके द्वारा पंचायत में जितने भी निर्माण कार्य करवाये गये हैं, सभी निर्माण कार्य बहुत ही अधिक घटिया स्तर का करवाया गया है। अधिकारियों को चाहिए की सबसे पहले तो ग्राम पंचायत में चल रहे ऑफ रिकार्ड ठेका पद्धति को बंद कर ऐसे ठेकेदार पर नकेल कसे ताकि ग्रामीणों को मिलने वाली सुविधा पर कोई डाका न डाल पाये।

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