रेल ट्रैक पर मिली एक लाश और गांव की सड़क पर उबलता गुस्सा एक मौत….जिसने पूरे इलाके को आग में झोंक दिया। सवाल ये…..क्या ये आत्महत्या थी….या आत्महत्या के लिए उकसाई गई मौत?… और आरोप, बहुत गंभीर
रेल ट्रैक पर मिली एक लाश और गांव की सड़क पर उबलता गुस्सा
एक मौत….जिसने पूरे इलाके को आग में झोंक दिया।
सवाल ये…..क्या ये आत्महत्या थी….या आत्महत्या के लिए उकसाई गई मौत?… और आरोप, बहुत गंभीर
जिले के बड़वारा थाना क्षेत्र में एक युवक की रहस्यमयी मौत अब क्राइम थ्रिलर बन चुकी है।
21-22 अक्टूबर की रात रेलवे लाइन पर मिला शव… और 45 दिन बाद सड़क पर सैकड़ों लोग न्याय की मांग पर अड़े। परिवार का आरोप मौत से कुछ घंटे पहले गांव के ही सात लोगों ने की थी मारपीट। और पुलिस…? परिजनों के मुताबिक थाना प्रभारी ने जांच को दबाया… FIR तक दर्ज नहीं की परिजनों ने कहा अगर पुलिस थाने में न्याय नहीं मिलेगा….तो सड़क ही न्याय का मंच बनेगी। और हुआ भी यही कटनी-शहडोल हाईवे को जाम कर दिया गया। गांव सड़क पर बैठ गया और ट्रैफिक थम गया। अब दो बड़े सवाल क्या ये वाकई आत्महत्या है? और अगर है तो किसने दिया वो दबाव?
पुलिस पर लापरवाही के आरोप,इस कहानी में सच कहाँ है? मौत की वजह क्या है? सबूतों की परतें… बयान की सच्चाई… और वो सवाल जिनका जवाब देना होगा पुलिस को। परिवार आरोपियों की गिरफ्तारी और थाना प्रभारी के निलंबन पर अड़ा है। ग्रामवासी न्याय की मांग को पीछे हटने नहीं दे रहे।
कटनी/बड़वारा। कटनी-शहडोल राष्ट्रीय मार्ग सोमवार को घंटों ठप रहा, जब रेल लाइन पर युवक की संदिग्ध मौत के विरोध में परिजनों और ग्रामीणों ने खरहटा गांव के पास मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया।प्रदर्शनकारियों ने बड़वारा थाना प्रभारी को निलंबित करने के साथ ही आत्महत्या के लिए उकसाने वाले आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की। ग्रामीण सड़क पर ही धरने पर बैठ गए, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित रहा और लंबा जाम लग गया। प्रदर्शन के कारण कटनी-शहडोल मार्ग पूरी तरह बंद रहा, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। जानकारी के अनुसार, प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों से बातचीत कर रास्ता खोलने की कोशिश की गई। परिजन तब तक हटने को तैयार नहीं थे, जब तक कार्रवाई की लिखित आश्वासन न दिया जाए।
मामला बड़वारा थाना क्षेत्र के खरहटा ग्राम का है। 21-22 अक्टूबर की रात खरहटा निवासी शानि बर्मन पिता गोरेलाल बर्मन का शव बिलायत रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध अवस्था में मिला था। पुलिस ने मामले को आत्महत्या मानते हुए जांच शुरू की थी, लेकिन परिजनों ने शुरू से ही इसे आत्महत्या मानने से इनकार किया और हत्या या आत्महत्या के लिए उकसाने की आशंका जताई।
परिजनों का आरोप है कि घटना वाले दिन शानि के साथ गांव के ही कुछ युवकों ने मारपीट की थी, जिसके बाद वह मानसिक दबाव में था और यह घटना घटी। परिजनों के आरोप: सात व्यक्तियों पर मारपीट का मामला मृतक शानि बर्मन के पिता गोरेलाल बर्मन ने गांव के सात लोगों पर मारपीट और उकसाने का आरोप लगाया है। रामदीन बर्मन, भगवान दास बर्मन, धन्नू शाहू, अर्जुन बर्मन, शम्भू बर्मन और सुदामा बर्मन।
गोरेलाल का दावा है कि घटना के तुरंत बाद उन्होंने थाने जाकर शिकायत दी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप पुलिस पर गंभीर लापरवाही परिजनों ने बड़वारा थाना प्रभारी के.के. पटेल पर कार्रवाई में लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों और ग्रामीणों के अनुसार, वे घटना के बाद से लगातार थाने के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक न तो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और न ही जांच की दिशा स्पष्ट की गई है।
मुख्य मांगें
युवा की मौत की निष्पक्ष जांच,आत्महत्या के लिए उकसाने वाले आरोपियों पर FIR दर्ज कर गिरफ्तारी
बड़वारा थाना प्रभारी के.के. पटेल को निलंबित किया जाए,घटना की जांच उच्च स्तरीय हो।