दो घरों को तोड़ अनाज खाने बाद हाथियों का समूह पहुंचा कातुरदोना 

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गिरीश राठौर

अनूपपुर/ तीन हाथियों का समूह गुरुवार के दिन वन परीक्षेत्र अहिरगवा के लमसरई बीट के जंगल के कक्ष क्रमांक 90,85 एवं 84 में पूरे दिन आराम करने बाद देर शाम बॉर्डर से होते हुए घाटा गांव पहुंच कर घाटा निवासी इंद्रबत्ती बाई पति स्व,सूरज सिंह गौड़ के घर में तोड़फोड़ कर घर के अंदर रखा अनाज खाने बाद ग्राम बैरागी के कुसूरगोड़ नाला से जोहिला नदी के किनारे होकर वाशिंगडोगरी गांव में रामकरण यादव के मकान की पर्रछी को छतिग्रस्त कर परछी में रखा सामग्री को अपना आहार बनाते हुए जोहिला नदी के किनारे से तरंग गांव से होकर शुक्रवार की सुबह कातुरदोना गांव पहुंचकर वहां के राजस्व के जंगल में डेरा जमाए हुए हैं ज्ञातव्य है कि तीन हाथियों का समूह विगत 22 दिनों से अनूपपुर एवं शहडोल जिले के ग्रामीण एवं वन अंचलों में निरंतर विचरण कर अब तक दर्जनों ग्रामीणों के घरों तथा अनेकों खेत बाड़ियों में लगे फसल अनाज को अपना आहार बना चुके हैं जो बुधवार की रात वन परिक्षेत्र बुढार के खोह वीट से अनूपपुर वन परिक्षेत्र के बड़हर का जंगल की पहाड़ी को चढ़ते हुए वन परीक्षेत्र राजेन्दगाम के पडरी चौरादादर गोंदागोंदी होते हुए लमसरई पहुंचा रहा है हाथियों के समूह के आने से विचरण क्षेत्र के तथा विचरण क्षेत्र से लगे गांव के ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल बना हुआ है गुरुवार की शाम हाथियों के दल के लमसरई से निकलने पर वन परीक्षेत्र अधिकारी अहिरगवा अभिचल त्रिपाठी परिक्षेत्र सहायक करपा बृजलाल अढाली परिक्षेत्र सहायक अहिरगवा राजू केवट परिक्षेत्र सहायक खरसोल जे,पी, साहू अनूपपुर जिला मुख्यालय के पर्यावरण विद संजय पयासी थाना करणपठार एवं पुलिस चौकी सरई की पुलिस के साथ वनरक्षक ओमप्रकाश सिंह धुर्वे रणविजय सिंह के साथ सुरक्षा श्रमिक फायर वाचर संबंधित ग्रामों के पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा हाथियों के विचरण क्षेत्र हुआ विचरण दौरान नजर बनाए रखते हुए ग्रामीणों को सतर्क रहने हाथियों के समूह के नजदीक न जाने तथा अन्य तरह की सावधानी बरतनी की बात कहीं तथा निरंतर निगरानी रखी गई तीन हाथियों का समूह प्रत्येक दिन सुबह होते ही किसी न किसी वन क्षेत्रों में अपना डेरा जमा कर पूरे दिन आराम करते हैं तथा देर शाम से चलना शुरू कर जंगलों से निकलकर जंगलों के किनारे स्थित गांव व घरों में आहार की तलाश हेतु तोड़फोड़ कर घरों के अंदर रखें तथा खेत-वाड़ी में लगे अनाज को अपना आहार बनाते हुए प्रत्येक दिन लगभग 10 से 15 किलोमीटर की दूरी तय कर अगले स्थल पर पड़ाव डालते हैं हाथियों का यह समूह अब वापस आने ने लगे हैं विगत 10 अप्रैल को यह समूह कातुरदोना जहां आज रुके हैं पहुंचे हैं

 

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