जिला चिकित्सालय में एंटी माइक्रोबियल अवेयरनेस वीक के तहत आयोजित हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस, चिकित्साकीय संक्रमणों पर बढ़ते खतरे और एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस पर विशेषज्ञों ने जताई गंभीर चिंता

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जिला चिकित्सालय में एंटी माइक्रोबियल अवेयरनेस वीक के तहत आयोजित हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस,
चिकित्साकीय संक्रमणों पर बढ़ते खतरे और एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस पर विशेषज्ञों ने जताई गंभीर चिंता
कटनी।। विश्व एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह के अवसर पर मुख्य जिला चिकित्सालय में एंटी-माइक्रोबियल अवेयरनेस वीक के तहत आज मंगलवार को 25 नवंबर को जिले के सभी मीडिया प्रतिनिधियों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। यह कार्यक्रम न्यू एमसीएच बिल्डिंग के तृतीय तल पर दोपहर 1:30 बजे से प्रारंभ हुई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्यप्रदेश एवं जिला चिकित्सालय प्रशासन द्वारा किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन एवं मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. यशवंत वर्मा ने किया।
HAI और AMR: अस्पतालों के लिए गंभीर चुनौती
प्रेस कॉन्फ्रेंस के पूर्व जारी सरकारी जानकारी के अनुसार परिचर्या प्रदत्त संक्रमण (Hospital Acquired Infection – HAI) आज भी अस्पताल व्यवस्था के समक्ष एक गंभीर चुनौती बना हुआ है। अनुमान बताते हैं कि देश में 7 से 18% ऐसे मरीज जो ऑपरेशन करवाते हैं, भर्ती होते हैं या किसी तरह की प्रक्रिया से गुजरते हैं, वे अनजाने में अस्पताल में ही संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। इन संक्रमणों के कारण न सिर्फ रोगी का जीवन जोखिम में पड़ता है, बल्कि बीमारी का समय बढ़ जाता है,शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, मरीज को लंबे समय तक सक्रिय जीवन जीने में कठिनाई आती है,परिवार को भारी आर्थिक बोझ एवं मानसिक तनाव झेलना पड़ता है।
चिकित्सालयों के लिए भी यह स्थिति आर्थिक हानि एवं प्रतिष्ठा में गिरावट का कारण बनती है। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर उत्पादकता पर भी इसका गहरा असर पड़ता है।
15% मामलों में एंटीबायोटिक असरहीन बढ़ रहा है खतरा
संस्थान द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (AMR) अब विकराल रूप धारण करता जा रहा है। लगभग 15% मामलों में एंटीबायोटिक असरहीन पाई जा रही हैं, जिसके चलते मरीजों का इलाज और अधिक कठिन हो गया है। चिंता की बात यह भी है कि साल 2000 के बाद सिर्फ 1–2 नई एंटीबायोटिक ही विकसित हो सकी हैं, ऐसे में चिकित्सा जगत को अभी भी पुरानी दवाओं पर निर्भर रहना पड़ रहा है। कोविड-19 के बाद यह समस्या और तेज हुई है तथा संक्रमणों में तीन गुना तक वृद्धि दर्ज हुई है।
अस्पतालों में पाए जाने वाले प्रमुख चिकित्सकीय संक्रमणों में शामिल हैं
ऑपरेशन के बाद होने वाले संक्रमण
यूरिनरी कैथेटर से जुड़े संक्रमण
वेन्टिलेटर से जुड़े संक्रमण
समाधान: हाथ धोना, स्वच्छता और एंटीबायोटिक का संयमित उपयोग
विशेषज्ञों के अनुसार AMR को रोकने की शुरुआत जागरूकता से ही होती है। यदि लोग एंटीबायोटिक का मनमाना उपयोग बंद करें,डॉक्टर की बिना सलाह एंटीबायोटिक न लें,हाथ धोने के वैज्ञानिक तरीके अपनाएं,संक्रमण नियंत्रण के सिद्धांतों का पालन करें,जैविक कचरे का सुरक्षित निष्पादन सुनिश्चित करें तो एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की गति को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बताया कि समाज में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की गंभीरता बताना बेहद जरूरी है। मीडिया जन-जागरूकता का सबसे बड़ा माध्यम है। आप सबकी उपस्थिति और सहयोग से इस महत्वपूर्ण अभियान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जिला चिकित्सालय यह प्रेस कॉन्फ्रेंस समाज में बढ़ते एंटीबायोटिक दुरुपयोग और अस्पताल संक्रमणों की रोकथाम को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। उम्मीद है कि मीडिया और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से कटनी जिले में एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस के खतरों को लेकर व्यापक जागरूकता फैलाई जा सकेगी।

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