वाहनों के कलपुर्जाे से भरा वाहन धराया

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मुन्ना के ठीहे से निकला था वाहन, सोहागपुर पुलिस ने दबोचा

 


शहडोल। संभागीय मुख्यालय से सटे गोरतरा पंचायत में छोटे से लेकर बड़े वाहन रोजाना दर्जनों की संख्या में काटे जा रहे है। इनमें से अधिकतर वाहनों को काटने तक की अनुमति नहीं होती। यह खेल धडल्ले से बैखौफ संचालित हो रहा है, लेकिन न तो परिवहन विभाग द्वारा ऐसे वाहन मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही पुलिस द्वारा ऐसे कबाड माफिया पर शिकंजा कसा जा रहा है। इतना ही नहीं इन वाहनों की आड़ में कई कबाड के माफिया गैर कानूनी रूप से चोरी के वाहनों को भी काटने और उन्हे खुर्दबुर्द करने का काम कर रहे है। आश्चर्य की बात तो यह है कि बीते वर्षाे में लगभग 2 बार मुन्ना के विरूद्ध कार्यवाही हुई, लेकिन वह बच निकला, इस पूरे खेल में वर्दी का सहयोग किसी से छुपा नहीं है।
शासन के नियमानुसार किसी भी पुराने कंडम वाहन को काटने से पहले उसकी अनुमति परिवहन विभाग से लेनी होती है, जिसके लिए सबसे पहले पंजीयन विभाग में आरसी की प्रति के साथ एक आवेदन देना होता है, आवेदन प्राप्त होने के बाद परिवहन विभाग उक्त गाड़ी का निरीक्षण कर वाहन काटने की अनुमति देता है, सोमवार को सोहागपुर पुलिस ने एमपी 18 जीए 3200 पकड़ा, जिसमें कई वाहनों के कलपुर्जे लदे हुए थे, ट्रक से ट्रकों के 6 इंजन, 20 कमानी पट्टे, गियर बॉक्स सहित अन्य वाहन के महंगे पाट्र्स जब्त किए हैं, पुलिस ने लगभग 30 लाख रुपये का मशरूका बरामद किया है। वाहन को गोरतरा निवासी 56 वर्षीय मुन्ना उर्फ यादवेन्द्र सराफ के पास से पकड़ा गया है। यह कार्रवाई तब की गई, जब पुलिस को सूचना मिली कि गोरतरा के पास एक ट्रक कबाड़ का खेप लेकर आ रहा है। ऐसा नहीं है कि मुन्ना पर पहली बार कार्यवाही हुई हो, बीते वर्षाे में मुन्ना के ठीहे पर कार्यवाही हुई थी, लेकिन उसके बाद क्या हुआ, यह अब तक पुलिस के दस्तावेजों में ही दफन है।
संभागीय मुख्यालय से सटे गोरतरा के पतेरा में मुन्ना के ठीहे पर कबाड़ का बड़ा खेल चल रहा है। परिवहन और पुलिस विभाग से बिना एनओसी लिए पुराने वाहनों की खरीद और बिक्री का अवैध कारोबार बेखौफ संचालित है, कई वाहन मालिक लाखों का टैक्स बकाया होने के बाद गाडिय़ोंं को कबाड़ के भाव मुन्ना को बेच देते है। ऐसे में परिवहन विभाग टैक्स वसूली के लिए गाड़ी खोजता रहता और गाडिय़ां स्क्रैप के भाव बिक जाती है। इससे शासन को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। नियम के मुताबिक हर पुराने वाहन को कबाड़ में बेचने से पहले परिवहन विभाग का रजिस्ट्रेशन निरस्त कराना पड़ता है, सोमवार को पकड़े गये वाहन को दस्तावेज एवं ठीहे पर अगर दबिश देकर वाहनों के दस्तावेज का मिलान किया जाये तो, बड़े कर चोरी का खुलासा हो सकता है।
पुराने वाहनों को कबाड़ में खरीदी-बिक्री से पहले पुलिस विभाग की एनओसी भी जरुरी होती है। कबाड़ में बेचे जा रहे वाहन पर कोई अपराध तो दर्ज नहीं है, इसको लेकर पुलिस एनओसी जारी करती है। कई बार वाहन पर दुर्घटना या अन्य कोई अपराध दर्ज होते है। ऐसे में वाहन को नहीं बेचा जा सकता। मुन्ना कम कीमत पर ऐसे वाहन खरीद कर स्क्रैप बनाकर बेच देता है। मुन्ना के इस अवैध कारोबार पर पुलिस की नजर नहीं पड़ी है। कबाड़ की आड़ में कई चोरी सहित टैक्स बकाया वाले वाहन का अवैध कारोबार बेधडक़ संचालित हो रहा है। रूटीन जांच न होने से अवैध कारोबार बेखौफ संचालित किया जा रहा है।

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