स्कूटी में 12 पेटी शराब ढोने का ‘विश्व रिकॉर्ड’! आधी रात सरकारी दुकान में बाउंड्री कूदकर घुसी कोतमा पुलिस — रत्नांबर शुक्ला के नेतृत्व में हुआ ‘ऑपरेशन ड्रामा’, अनूपपुर के अफसर नींद में!
शहडोल। मध्यप्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने वाली एक हैरतअंगेज एफआईआर ने पूरे शहडोल संभाग में तहलका मचा दिया है। अनूपपुर जिले के कोतमा थाना प्रभारी रत्नांबर शुक्ला और उनकी टीम ने जो कारनामा किया है, उसे देखकर लोग दंग हैं। पुलिस ने एफआईआर में दावा किया है कि एक आरोपी ने स्कूटी में 12 पेटी (52.8 लीटर) अंग्रेजी शराब लगभग 80 किलोमीटर दूर शहडोल जिले के धनपुरी से लाकर कोतमा पहुंचाई! और इससे भी चौंकाने वाली बात — पुलिसकर्मी आधी रात को सरकारी शराब दुकान की बाउंड्री फांदकर बिना किसी स्थानीय थाने को सूचना दिए अंदर घुस गए।
रात के अंधेरे में ‘ऑपरेशन ड्रामा’
बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात को रत्नांबर शुक्ला की अगुवाई में तीन पुलिसकर्मी — सहायक उपनिरीक्षक श्यामलाल मरावी, प्रधान आरक्षक मनोज उपाध्याय, और आरक्षक अभय त्रिपाठी — सिविल ड्रेस में धनपुरी पहुंचे।
थाना कोतमा की एफआईआर क्रमांक 0447/2025 में दर्ज है कि आरोपी केशव चौधरी अपनी स्कूटी क्रमांक एमपी 65 एसए 0558 से धनपुरी बघईया नाला स्थित सरकारी शराब दुकान से शराब लेकर कोतमा आया।
सवाल उठता है — क्या अब स्कूटी मिनी ट्रक बन गई है?
‘गुंडों’ जैसी हरकत में पुलिस
धनपुरी शराब दुकान के ठेकेदार दिग्विजय सिंह और उनके कर्मचारियों ने बताया कि रात लगभग 12:30 बजे दुकान का शटर पीटा गया। जब अंदर से आवाज आई कि “दुकान बंद है”, तो बाहर से धमकी दी गई — “दरवाजा खोलो, वरना ठीक नहीं होगा।”
जब कर्मचारियों ने झरोखे से झांका, तो दो व्यक्ति चप्पल पहने, सिविल कपड़ों में, गुंडों जैसी शक्ल में खड़े थे। थोड़ी देर में पता चला कि ये कोई बदमाश नहीं, बल्कि कोतमा पुलिस के जवान थे।
उनके साथ मौजूद एक पुलिस वैन (सीजी 16 सीजे 3850) में बैठे दो सितारा अधिकारी ने खुद को पुलिस बताया।
जब धनपुरी और अमलाई थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे, तो चौंक गए — क्योंकि उन्हें इस कार्रवाई की कोई पूर्व सूचना ही नहीं थी!
स्कूटी पर 12 पेटी शराब – सोशल मीडिया में ठहाके
एफआईआर में स्कूटी की कीमत ₹80,000 और जब्त शराब की कीमत ₹72,000 बताई गई है। यानी पुलिस का दावा यह कि एक स्कूटी पर करीब 53 लीटर शराब लादकर 80 किलोमीटर की यात्रा कर ली गई!
इस बयान ने पूरे संभाग में हंसी का माहौल बना दिया है। सोशल मीडिया पर लोग मज़ाक उड़ा रहे हैं —
“कौन सा मॉडल है ये स्कूटी? क्या ये पेट्रोल नहीं, स्पिरिट पर चलती है?”
अब यह मामला पूरे रेंज में पुलिसिया ठहाकों का कारण बना हुआ है।
रत्नांबर शुक्ला का ‘धनपुरी कनेक्शन’
जानकार बताते हैं कि थाना प्रभारी रत्नांबर शुक्ला पहले धनपुरी थाना में पदस्थ रहे हैं और वहां से उनकी ‘स्पेशल सेटिंग’ आज भी जारी है। उनके कुछ खास मुखबिर आज भी पत्रकारों के वेश में सक्रिय हैं और वहीं से हर बार ‘सूचना’ और ‘सेटिंग’ पहुंचती है।
यही वजह है कि शुक्ला अपने मातहतों को बिना अनुमति, बिना वारंट सरकारी दुकान में आधी रात को बाउंड्री कूदने भेज देते हैं।
पुलिस ने खुद को ही फंसा लिया
शराब दुकान के ठेकेदार दिग्विजय सिंह ने शहडोल एसपी, डीआईजी रेंज और डीजीपी मध्यप्रदेश को शिकायत भेजी है।
उन्होंने लिखा — “यह कोई छापा नहीं, बल्कि एक अवैधानिक ड्रामा था। पुलिसकर्मी जबरिया सरकारी दुकान में घुसे, दीवार फांदी, और बाद में दावा कर दिया कि आरोपी ने यहीं से शराब खरीदी।”
अब यह एफआईआर पुलिस की अपनी किरकिरी का कारण बन गई है।
क्या अनूपपुर के अफसर सो रहे हैं?
इतनी बड़ी घटना के बावजूद अनूपपुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी चुप हैं। सवाल यह उठ रहा है कि —
👉 क्या उन्हें इस ‘मिडनाइट ड्रामा’ की जानकारी नहीं थी?
👉 या फिर आंखें मूंदकर इस तमाशे को देख रहे हैं?
कानून की आड़ में मनमानी करने वाली पुलिस अब खुद कानून के कटघरे में है।
मज़ाक बनी पुलिस, शर्मसार हुई वर्दी
कोतमा पुलिस का यह दावा अब मज़ाक से आगे निकल चुका है — यह वर्दी की साख पर कलंक बन गया है।
स्कूटी पर 12 पेटी शराब लादने का यह ‘विश्व रिकॉर्ड’ पुलिसिया भ्रष्टाचार और नाटकीयता दोनों का प्रतीक है।
जनता अब पूछ रही है —
“रत्नांबर शुक्ला जी, अगली बार क्या करेंगे? साइकिल पर रेत ढोने का रिकॉर्ड?”