शासकीय योजना की राषि का गबन करने वाले आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास

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नारद यादव(शंभू)

शहडोल। दिनांक 12/02/2021 को ब्यौहारी न्यायालय के श्रीमान् अपर सत्र न्यायाधीश महोदय के द्वारा सत्र प्रकरण क्र0 100076/16 थाना ब्यौहारी जिला शहडोल के अपराध क्रं0 221/15, में शासकीय योजना की राषि को आहरित कर दुरूपयोग करने के आरोप में आरोपी तत्कालीन सचिव दीपनारायण उपाध्याय पिता रामगोपाल उपाध्याय उम्र- 32 वर्ष निवासी ग्राम देवगांव, थाना-ब्यौहारी, जिला-षहडोल म0प्र0 को धारा 409/34 भा0द0वि0 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- के अर्थदण्ड, धारा 420/34 भा0द0वि0 में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- के अर्थदण्ड एवं धारा 120बी भा0द0वि0 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- के अर्थदण्ड से दंडित किया गया एवं आरोपी तत्कालीन सरपंच दीनदयाल कोल पिता लल्ला कोल उम्र- 38 वर्ष निवासी ग्राम मैर टोला, थाना व तहसील ब्यौहारी, जिला-षहडोल म0प्र0 के विरूद्ध धारा 409/34 भा0द0वि0 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 6,42,155/- का अर्थदण्ड, धारा 420/34 भा0द0वि0 में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- का अर्थदण्ड एवं धारा 120बी भा0द0वि0 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
शासन की ओर से उक्त प्रकरण में सफल पैरवी श्री बसंत कुमार जैन अपर लोक अभियोजक ब्यौहारी, जिला-शहडोल द्वारा की गई।
घटना का संक्षिप्त विवरणः-
सम्भागीय जनसंपर्क अधिकारी श्री नवीन कुमार वर्मा द्वारा जानकारी दी गई कि अभियोगी सियाषरण गुप्ता ने दिनांक 11.04.2015 को थाना ब्यौहारी में इस आषय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि आरोपीगण द्वारा पंच परमेष्वर योजना अंतर्गत विभिन्न निर्माण कार्यो में वित्तीय वर्ष 2013-14 में राषि 7,34,310/- रूपए एवं वित्तीय वर्ष 2014-15 में राषि 1,47,000/- रूपए का आहरण, बिना निर्माण कराए किया गया तथा बी0आर0जी0एफ0 योजनांतर्गत स्वीकृत, ई-पंचायत भवन निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में पंच परमेष्वर मद से बिना निर्माण कार्य कराए तत्कालीन सरपंच आरोपी दीनदयाल कोल एवं तत्कालीन सचिव आरोपी दीपनारायण उपाध्याय द्वारा अपनी माता श्रीमती गायत्री उपाध्याय के नाम से राषि 8,81,310/- रूपए एवं बी0आर0जी0एफ0 योजना अंतर्गत स्वीकृत ई-पंचायत भवन की राषि 4,03,000/- रूपए इस प्रकार कुल राषि 12,84,310/- रूपए आहरित कर राषि का दुरूपयोग किया गया।
अभियोगी की उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना-ब्यौहारी द्वारा आरोपीगण के विरूद्ध अपराध कायम कर विवेचना में लिया जाकर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत अभियुक्तगण को उपरोक्तानुसार दंडित किया गया।

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