अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने प्रशासन मुस्तैद बाल विवाह अपराध है, इसमें सजा और जुर्माना दोनों कलेक्टर ने जिले के नागरिकों से बाल-विवाह की रोकथाम में सहयोग की,की अपील नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए बाल- विवाह की सूचना कंट्रोल रूम और पुलिस को देने का किया आग्रह
अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने प्रशासन मुस्तैद
बाल विवाह अपराध है, इसमें सजा और जुर्माना दोनों
कलेक्टर ने जिले के नागरिकों से बाल-विवाह की रोकथाम में सहयोग की,की अपील
नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए बाल- विवाह की सूचना कंट्रोल रूम और पुलिस को देने का किया आग्रह
कटनी। कलेक्टर अवि प्रसाद ने अधिकारियों को शुक्रवार 10 मई को अक्षय तृतीया के दिन बाल -विवाह की प्रथा को देखते हुए इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने समाज के जागरूक लोगों से अपील की है कि वे अपने आस -पास बाल विवाह की संभावित गतिविधि पर नजर रखें और नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जिला प्रशासन, पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग और राजस्व अधिकारियों को इसकी सूचना अवश्य दें। सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जायेगी। बाल विवाह कानूनन एवं सामाजिक अपराध है। बाल विवाह बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य में आगे बढ़ने के अवसरों एवं आगामी जीवन पर विपरीत प्रभाव डालता है।बाल विवाह कानूनन अपराध है। शुक्रवार 10 मई को अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह पर कड़ी नजर रखने जिला प्रशासन मुस्तैद है।
अपराध है बाल विवाह
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधान अनुसार विवाह के लिए, लड़की की वैधानिक आयु 18 वर्ष एवं लड़के की वैधानिक आयु 21 वर्ष है। इसके कम आयु में संपन्न विवाह बाल विवाह कहलाता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अंतर्गत बाल विवाह के लिए 2 वर्ष का कारावास एवं 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही बाल विवाह संपन्न करवाने वाले परिजन, विवाह में सम्मिलित होने वाले बाराती एवं विवाह में सेवा प्रदाय करने वाले सेवा प्रदाता को भी सजा का प्रावधान है। राज्य शासन द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अंतर्गत तहसील स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं विकासखण्ड स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत एवं परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किया गया है।
बाल-विवाह रोकथाम दल गठित
कलेक्टर के निर्देश पर बाल विवाह रोकथाम हेतु जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के नेतृत्व में अंतर्विभागीय दल का गठन किया गया है। दल में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी सदस्य होंगे।
कलेक्टर द्वारा समस्त विभागों पुलिस , पंचायत एवं ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग को, संचालनालय महिला एवं बाल विकास म०प्र० द्वारा बाल विवाह रोकथाम हेतु जारी एस०ओ०पी० का कड़ाई से पालन किए जाने के निर्देश दिए गए है।
शिकायत हेतु कंट्रोल रूम
कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग श्री नयन सिंह, द्वारा अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह संबंधी शिकायतें प्राप्त करने 24 घण्टें क्रियाशील कन्ट्रोल रूम बनाया गया है,। जिसका दूरभाष नंबर 07622-220727 है।
यहां दें सूचना
साथ ही सभी परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी 10 मई 2024 को अपने कार्यक्षेत्र में उपस्थित रहें और क्षेत्र का सघन दौरा कर बाल विवाह रोकथाम की कार्यवाही करेंगे एवं प्राप्त होने वाली शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही करेंगे।
ज़िला कार्यक्रम अधिकारी नयन सिंह ने जनसामान्य से अपील की है कि बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर जिला स्तरीय कंट्रोल रूम, चाईल्ड लाईन टोल फ्री नं. 1098, निकटतम पुलिस थाना, महिला एवं बाल विकास कार्यालय में संपर्क कर सकते है। सूचना प्रदान करने वाले की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जायेगी।