सूदखोरों की अवैध बिल्डिंग पर चला प्रशासन का बुलडोजर
बुढ़ार । नगर के कोतमा रोड स्थित बहुमंजिला इमारत को पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा गिराया जा रहा है, गौरतलब है कि बीते सप्ताह धनपुरी में सूदखोरों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार गोस्वामी, कलेक्टर डॉक्टर सत्येंद्र सिंह के द्वारा चालू की गई कार्यवाही और ऑपरेशन शंखनाद के तहत तथाकथित सूदखोर जवाहर जसवानी और उसके छोटे भाई अनिल उर्फ कालू जसवानी के द्वारा बुढार तहसील अंतर्गत नगर पंचायत के क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण कर बिना अनुमति से बहुमंजिला इमारत और कांप्लेक्स अपने रसूख और पैसों के दम पर बनाया जा रहा था,
जिस पर नगर परिषद तथा स्थानीय तहसील द्वारा पूर्व में भी नोटिस जारी किए गए थे लेकिन सूदखोरों के द्वारा अपने रसूख और पैसों का इस्तेमाल करके कार्यवाही रुकवा दी गई थी , इस संदर्भ में जब पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार गोस्वामी व कलेक्टर डॉक्टर सत्येंद्र सिंह को जानकारी मिली तो उन्होंने ऑपरेशन शंखनाद को और आगे बढ़ाते हुए उक्त कार्यवाही के आदेश दिए।
विदित है कि तीन दिवस पूर्व खैरहा में आयोजित शिविर के दौरान कलेक्टर डॉ सत्येंद्र सिंह ने इस संदर्भ में मंच से ही सूदखोरों की द्वारा कमाए गए अवैध संपत्ति और उनके द्वारा विभिन्न स्थानों पर किए गए अतिक्रमण आदि फाइलों को खंगालने के आदेश दिए थे, यही नहीं पुलिस अधीक्षक ने भी बीते 10 सालों के दौरान कोयला क्षेत्र में श्रमिकों तथा अन्य लोगों के द्वारा की गई आत्महत्याओं की फाइल दोबारा खुलवाने और तथा उन मामलों से सूदखोरों के तार यदि जुड़े हैं तो उन्हें तलाशने के आदेश दिए गए हैं, आज की कार्यवाही के संदर्भ में बताया गया कि कार्यालय नगर परिषद बिहार के द्वारा बीती 1 अप्रैल को ही इन्हें अवैध अतिक्रमण व निर्माण को रोकने तथा हटाने की नोटिस दी गई थी,
जिसमें पप्पू राम मंगलानी, श्रीरामयश मालानी, प्रकाश कृष्णानी, जितेंद्र कुमार चंदवानी तथा सूदखोर अनिल जसवानी व सूदखोर जवाहर जसवानी के नाम यह नोटिस जारी की गई थी, जिसमें बिना अनुमति के अवैध निर्माण कार्य को रोकने तथा ऐसा न करने पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही करने के बातों का उल्लेख किया गया था, आज सुबह से ही पुलिस प्रशासन की टीम कोतमा रोड स्थित उक्त निर्माण स्थल पर पहुंच गई और भवन को जमींदोज करने की कार्यवाही लगातार की जा रही है इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आने वाले दिनों में जवाहर जसवानी व कालू जसवानी, अग्रवाल तथा अन्य जिन्होंने अवैध अतिक्रमण और अवैध रूप से शासन की भूमि पर बिना अनुमति के निर्माण की है उनके खिलाफ भी इस तरह की कार्यवाही की जा सकती है।