अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 के विरोध में न्यायालीन कार्य से विरत रह अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन
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अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 के विरोध में न्यायालीन कार्य से विरत रह अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन
कटनी।। एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 के प्रस्तावित प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा कर की गईं जिस पर अधिवक्ताओं ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन अधिवक्ताओं की स्वतंत्र, निष्पक्ष, निर्भीक, वकालत पर कुठाराघात है। अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संशोधन के लिए केन्द्र सरकार की ओर से लाए जा रहे अधिवक्ता संशोधन विधेयक-2025 के विरोध के सुर कटनी के वकीलों की ओर से दिखने लगे हैं। मौजूदा जिला अधिवक्ता संघ, कटनी, मध्यप्रदेश अध्यक्ष अमित शुक्ला सहित सभी सदस्यों एवं अधिवक्ताओं ने इस संशोधन बिल को बार की स्वतंत्रता व स्वायत्तता को कमजोर करने वाला बताया है। उनका कहना है कि इस बिल से केन्द्र सरकार देशभर के वकीलों की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित कर रही है। इस संशोधन बिल के जरिए सरकार वकीलों की पेशेवर स्वतंत्रता को पाबंद करना चाहती है, जबकि वकील अपने पेश के तौर पर पक्षकारों को न्याय दिलवाने का काम करता है। जिसके मुखर विरोध स्वरूप कटनी जिला न्यायालय में आज शुकवार को अधिवक्ता न्यायालीन कार्य से विरत रह विरोध प्रकट किया। अधिवक्ताओं के प्रकरण जो आज सुनवाई हेतु नियत होगे उन्हें अदम पैरवी में निरस्त न किया जाने मांग की गई न ही प्रकरण में एक पक्षीय कार्यवाही की जाये, न ही आरोपी के विरूद्ध वारंट जारी किया जावे अर्थात किसी भी प्रकरण में विपरीत कार्यवाही न की जावे, इन मांगों को लेकर अधिवक्ता एक दिन के लिए कार्य से विरत रहें। उपरोक्त प्रस्तावित संशोधन के विरोध में जिला अधिवक्ता संघ,एक दिवसीय शुक्रवार को अपने न्यायालीन कार्य से विरत रहकर अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ अपना शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।