33 वर्षों बाद बुढार में होगा जैन मुनि का चातुर्मास,भव्य मंगल चातुर्मास कलश स्थापना के साथ शुरुवात
मुनि पूज्य सागर जी व अतुल सागर जी का मिलेगा आशीर्वाद,शहडोल सहित पड़ोसी जिलों से सैकड़ों धर्मावलंबी पहुंचे
बुढ़ार। स्थानीय नवीन शांतिनाथ दिग, जिनालय में जैन मुनियों के पावन वर्षायोग की शुरुवात शनिवार से की गई, जिसमे बुढार सहित जिले व पड़ोसी जिलों के सैकड़ों जैन धर्मावलंबी यहां पहुंचे, शनिवार की दोपहर 01 बजे चातुर्मास कलश स्थापना के साथ इसकी शुरुवात की गई। कार्यक्रम का आयोजन सकल दिगम्बर जैन समाज के द्वारा किया गया, आयोजनकर्ताओं की ओर से प्रसन्न जैन ने बताया कि पूज्य सागर जी महाराज और पूज्य अतुल सागर जी महाराज का सानिध्य प्राप्त होगा, सकल दिगम्बर जैन समाज बुढार व धनपुरी द्वारा यह आयोजन समाज के अन्य लोगो के सहयोग से किया जा रहा है।
3 सालों बाद बुढार को मिला सौभाग्य
जुलाई 2024 से लगभग 33 साल पहले इस तरह का सौभाग्य प्राप्त हुआ था, जैन समाज की ओर से शनिवार को मुनि आगमन पर भव्य प्रवेश कार्यक्रम करवाया गया। इस दौरान शहर नवीन शांतिनाथ दिगंबर जिनालय में मंगल चातुर्मास कलश स्थापना समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें समाज के लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। यात्रा चातुर्मास में मुनि पूज्य सागर जी तथा पूज्य अतुल सागर जी महाराज के यहां पहुंचने पर वृहद कार्यक्रम की शुरुवात की गई। इस दौरान सकल दिगम्बर जैन समाज,दिगंबर जैन महासभा न्यास,पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन समिति, वासुपूज्य जिनालय समिति,श्री विद्यासागर युवा संगठन,त्रिशला महिला मंडल,जागृति महिला मंडल एवं स्तुति महिला मंडल बुढार के साथ जैन समाज के अनुयायियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। वहीं कार्यक्रम में दूसरे शहरों व क्षेत्रों से भी श्रद्धालु शामिल हुए। बुढार जैन समाज की ओर से मुनियों का स्वागत किया गया।
पूरा देश बनेगा चतुर्मास का साक्षी
जैन समाज के प्रसन्न जैन ने बताया कि पूज्य आचार्य श्री की समाधि उपरांत नवाचार्य पूज्य श्री समय सागर जी की परम दूरदर्शी कृपा, करुणा के फलस्वरूप सिद्ध क्षेत्र कुण्डलपुर से गमन कर बुढ़ार नगरी पधारे पूज्य श्री पूज्य सागर जी, पूज्य श्री अतुल सागर जी की चातुर्मास स्थापना समारोह आज 20 जुलाई 2024 को बड़े ही हर्षोल्लाश पूर्वक सम्पन्न हुआ। आज के इस ऐतिहासिक मनोहारी समारोह का साक्षी बनने देश भर से लोगो का ,श्रद्धालुओं का तांता सा लग गया, ललितपुर, विदिशा, चंदेरी, पेंड्रा, मनेंद्रगढ़, बिजुरी, कोतमा, शहडोल, अशोकनगर, चचाई, अनूपपुर, कटनी, जबलपुर, सागर, सिवनी, शहपुरा, डिंडोरी,अपने गुरु जी के चातुर्मास कलश स्थापना की शोभा बनने पहुंचे। बुढार के ऐतिहासिक स्थापना महोत्सव का संचालन ललितपुर से पधारे मनोज भैया जी एवं शाहपुरा से पधारे भैया जी ने बड़े ही मनमोहक ढंग से किया।
कलश स्थापना का मिला सौभाग्य
मंगलाचरण के पश्चात् बाहर से पधारे समस्त अतिथियों द्वारा मुनि श्री के चरणों में श्रीफल अर्पित किए गए। ज्ञात हो कि बुढार नगरी से पूज्य पुष्पदंत सागर जी, पूज्य महा सागर जी,पूज्य विनम्र सागर जी, पूज्य श्री निग्र्रंथ सागर जी ने पूज्य राष्ट्रीय संत आचार्य श्री विद्या सागर जी दीक्षा लेकर मुनि बनने का सौभाग्य और नगर का गौरव बढ़ाया, बुढार नगर की धरा को पवन किया है। पूज्य मुनि श्री के चतुर्मास स्थापना के प्रथम कलश स्थापना का सौभाग्य प्रमोद जैन बिलासपुर वालों ने प्राप्त किया। द्वितीय कलश की स्थापना का सौभाग्य डॉ शंभू जैन मनीष जैन ने प्राप्त किया। तृतीय कलश का सौभाग्य मुकेश जैन, चतुर्थ कलश का सौभाग्य मनीष जैन, पंचम कलश का सौभाग्य मनोज जैन, षष्ठम कलश का सौभाग्य जैनेंद्र जैन ने प्राप्त किया।
महावीर द्वार व कीर्ति स्तंभ का निर्माण
इस अवसर पर जयसिंहनगर विधायक श्रीमती मनीषा सिंह , सोहागपुर विधायक जयसिंह मरावी मुनिश्री का आशीर्वाद प्राप्त करने चरणों में श्री फल अर्पित करने पहुंचे। क्षेत्रीय विधायक ने मुनिश्री के समक्ष नगर के प्रथम द्वार में स्थित भगवान महावीर द्वार का पुनर्निर्माण एवं कीर्ति स्तंभ की स्थापना में अपना पूर्ण सहयोग और सहमति की घोषणा की। कार्यक्रम में नगर पंचायत बुढार की अध्यक्ष श्रीमती शालिनी सरावगी ने विधायक से इसे इसी चतुर्मास 2024 में ही संपन्न कराने की बात रखी। ताकि मुनि श्री के समक्ष ही यह महावीर द्वार और कीर्ति स्तंभ स्थापित हो सके। मुनि श्री पूज्य सागर जी एवं श्री अतुल सागर जी ने अपने चतुर्मास 2024 की स्वीकृति प्रदान कर बुढार एवं समीपवर्ती क्षेत्र पर जो अनुकंपा बरसाई उससे क्षेत्र वासी अभिभूत हैं।