नशामुक्त भारत अभियान में सभी संगठनों की अहम भूमिका
उच्च-स्तरीय बैठक में हुई चर्चा
भोपाल।नशामुक्त भारत अभियान में श्रमिकों सहित सभी वर्गों के संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। लोगों को नशे की लत से मुक्ति दिलाने और नशे की लत की गिरफ्त में आने से बचाने के लिये बनाई जा रही कार्य-योजना में सभी वर्गों की भूमिका सुनिश्चित रहेगी। इस संबंध में आज मंत्रालय में हुई उच्च-स्तरीय बैठक में चर्चा की गई।
भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नशामुक्त भारत अभियान 15 अगस्त से शुरू किया गया है। प्रदेश के 15 जिलों को इस अभियान में पहले चरण में शामिल किया गया है। अभियान में 21 मार्च, 2021 तक की कार्य-योजना बनाकर कार्यवाही की जायेगी। प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय प्रतीक हजेला ने अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कार्य-योजना में सभी के सुझाव सम्मिलित किये जायेंगे और परिणामदायक कार्य-योजना तैयार की जायेगी। चर्चा के दौरान सदस्यों ने बताया कि नशा सीधे तौर पर जानलेवा और नुकसानदायक होने के साथ-साथ सड़क दुर्घटना और अन्य अनेक आपराधिक कृत्यों के लिये परोक्ष रूप से बहुत बड़ा कारण है। चर्चा के दौरान कम उम्र के बच्चों से लेकर नवयुवकों तक में ड्रग एडिक्ट बनने के कारण और एडिक्ट का उपचार कर समाज की मुख्यधारा से पुन: जोड़ने के संबंध में सदस्यों द्वारा सुझाव दिये गये।
बैठक में बताया गया कि नशामुक्त भारत अभियान के क्रियान्वयन के लिये राज्य-स्तरीय समिति के गठन के साथ ही जिला-स्तरीय समितियों का गठन किया जा चुका है। राज्य शासन द्वारा सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में राज्य-स्तरीय समिति गठित की गई है। इसमें पुलिस, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नारकोटिक्स, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, जनसम्पर्क, महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों को सदस्य और आयुक्त सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण को सदस्य सचिव बनाया गया है। भारत सरकार के प्रोजेक्ट मॉनीटर यूनिट स्टेट लेवल को-ऑर्डिनेटिंग एजेंसी और अशासकीय संस्थाओं के सदस्यों को भी राज्य-स्तरीय समिति में शामिल किया गया है।
नशामुक्त भारत अभियान के संबंध में बैठक में स्टेट एक्शन प्लान के संबंध में जानकारी देते हुए सदस्यों से सुझाव भी लिये गये। सदस्यों ने कहा कि बच्चों, युवाओं के साथ समाज में बढ़ रही विभिन्न प्रकार के नशा सेवन की प्रवृत्ति की रोकथाम के लिये ड्रग एडिक्ट तक हमें पहुँचना होगा। उन्हें उपचारित कर वापस समाज की मुख्यधारा में लाना होगा। नशे की गिरफ्त में बच्चे और युवा न आयें, इसके लिये भी रणनीति बनाना होगी और इसमें सभी की सहभागिता सुनिश्चित की जायेगी।
बैठक में आयुक्त सामाजिक न्याय श्रीमती रेनू तिवारी, एडीजी नारकोटिक्स डॉ. एस.डब्ल्यू. नकवी, अपर संचालक जनसम्पर्क डॉ. एच.एल. चौधरी, उप सचिव स्वास्थ्य श्रीमती मलिका नागर, ओएसडी उच्च शिक्षा आर.के. जागले, उप सचिव स्कूल शिक्षा प्रमोद सिंह, उप सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती वन्दना, एसएलसीए भारत सरकार धनेन्द्र हनवत, डॉ. एस.एम. होल्कर, राजीव तिवारी, डॉ. राहुल देशमुख, सुश्री विभा जोशी और अन्य सदस्य उपस्थित रहे।