जल जीवन मिशन पर प्रभारी कार्यपालन यंत्री कर रहे अंधेरगर्दी @ आम आदमी पार्टी ने कमिश्नर के सामने खोला कच्चा चिट्ठा

(अनिल तिवारी)
शहडोल। जिले के हर घर और हर ग्रामीण को नल सुविधा से जोडऩे के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लागू किया गया जल जीवन मिशन पर भी नौकरशाही भारी पड़ रही है। योजना का संचालन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के द्वारा किया जा रहा है। विभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री ए.बी. निगम पूरी योजना पर अपनी स्वेच्छाचारिता का प्रदर्शन कर रहे हैं। योजना के क्रियान्वयन पर कई गंभीर अनियमितताएं की गईं हैं। जिनकी ओर गत दिनों आम आदमी पार्टी द्वारा कमिश्नर शहडोल का ध्यान आकृष्ट कराया गया है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि इस मिशन के क्रियान्वयन में एबी निगम द्वारा व्यापक पैमाने पर न केवल भ्रष्टाचार किया जा रहा है बल्कि सारे नियमों को दरकिनार करते हुए अपने अधिकारों का दुरूपयोग भी किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने कमिश्नर के सामने इनके भ्रष्टाचारों का चि_ा खोला है। उपरोक्त योजनाओं में से कुदरी, बेला एवं चुहिरी में हुए कार्य से अधीक्षण एस.एल. चौधरी भी संतुष्ट नहीं है क्योंकि इस संबंध में श्री चौधरी द्वारा अनेको बार पत्राचार किया गया है परन्तु श्री निगम द्वारा उन्हे धमकाया जाता है। शिकायत में श्री निगम की कारस्तानियों की सूक्ष्मता से जांच कराने की मांग की गई है।
गुणवत्ताविहीन बनी टंकियां
खण्ड गोहपारू में ग्राम बेला, चुहिरी, लोढ़ी, कुदरी एवं विखं. सोहागपुर की हर्री मुख्यमंत्री योजनाओं की रेटोफिटिंग योजनाएं तैयार की गई थी। इसमें ग्राम बेला एवं हर्री में आर.सी.सी. टंकी का निर्माण कराया गया है, जो कि पूर्णत: गुणवत्ताविहीन है। इस कार्य का 90 प्रतिशत कार्य तत्कालीन सहायक यंत्री रीतिका गुप्ता के कार्यकाल में कराया गया है। तत्कालीन सहायक यंत्री द्वारा उपरोक्त टंकियों का लगातार भ्रमण किया गया था एवं पाया गया था कि कराया गया कार्य पूरी तरह गुणवत्ताविहीन है। उपरोक्त दोनों टंकियां गुणवत्ता के संबंध में तैयार कर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री को कार्य निरस्त करने की अनुशंसा की थी।
सुधार की बजाय किया भुगतान
ए.बी. निगम द्वारा कार्यपालन यंत्री का प्रभार लेने एवं तत्कालीन सहायक यंत्री रीतिका गुप्ता एवं तत्कालीन उपयंत्री के स्थानांतरण पश्चात विकासखण्ड सोहागपुर में पदस्थ उपयंत्री गंगा सल्ललाम से हर्री की गुणवत्ताविहीन आर.सी.सी. टंकियों का भुगतान बिना मौका मुआयना के करा दिया गया, जबकि विकासखण्ड गोहपारू भारत मुजाल्दे उपयंत्री के प्रभार में था। इस प्रकार ऐसा कार्य जिसे नियमित सहायक यंत्री से करा कर प्रभारी सहायक यंत्री से सत्यापन करा कर भुगतान करा देना घोर अनियमितता की श्रेणी में आता है एवं इस कार्य में छिपे भ्रष्टाचार की बू आती है।
अनाधिकृत हस्तक्षेप कर रहे
ए.बी. निगम द्वारा जिनका मूल पद सहायक यंत्री है, योजनाओ की तकनीकी स्वीकृति अधीक्षण यंत्री द्वारा जारी की गई है, परन्तु इन योजनाओं में शामिल आर. सी.सी टंकी सम्पवेल एवं अन्य अवयवों की ड्राइंग डिजाइन प्रभारी कार्यपालन यंत्री ए. बी. निगम द्वारा अनुमोदित की जाती रही है, जो इनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। अधीक्षण यंत्री श्री चौधरी द्वारा विरोध किये जाने पर बोला जाता है कि जिसने स्ट्रक्चरल इंजीनियर में बीई की हो वो ड्रांइग डिजाइन अनुमोदित कर सकता है। जबकि डब्लूयडी मैनुअल के अनुसार जो अधिकारी योजना की तकनीकी स्वीकृति प्रदान करता है, उसे ही उनके अवयवो की ड्राइंग डिजाइन अनुमोदित करने का अधिकार है। अत: श्री निगम द्वारा अपने अधिकारों से बढ़ कर नियम विरूद्ध तरीके से मनमाने तौर पर कार्य किया जा रहा है एवं इस एवज में ठेकेदारों से मोटी रकम वसूल की जा रही है।
लापरवाह संविदाकारों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं
वर्ष 2018-19 के पश्चात स्वीकृत योजनाओं की समयसीमा समाप्त होने के बाद भी संविदाकारों पर प्रभावी कार्यवाही नहीं की जा रही है, जबकि यह कार्य ठेकेदार द्वारा 9 माह के अंदर पूर्ण किया जाना था, जिससे संविदाकार बेपरवाह हो चुके है, इस प्रकार ऐसा प्रतीत होता है कि ये योजनाएँ अनंत काल में भी पूर्ण नहीं की जा सकेगी। आज दिनांक तक किसी भी ठेकेदार ने समय पर कार्य पूर्ण नहीं किया है और बिना समयसीमा वृद्धि के लगातार उनका भुगतान किया जा रहा है। जबकि ऐसे ठेकेदारों को काली सूची में डाला जाना प्रावधानित है, परन्तु श्री निगम प्रभारी कार्यपालन यंत्री आज दिनांक तक किसी भी ठेकेदार को काली सूची में नहीं डाला गया, जिससे शासन की भौतिक प्रगति कम होने के साथ साथ आर्थिक क्षति भी हो रही है।
प्रतिवेदन लिए बिना हो रहा भुगतान
रेट्रोफिटिंग की योजनाओं में जल जीवन मिशन की गाईड लाइन के अनुसार योजनाओं का भुगतान थर्ड पार्टी के निरीक्षण प्रतिवेदन के पश्चात किया जाना चाहिए, परन्तु इनके द्वारा संबंधित ग्राम पंचायतों से प्रतिवेदन प्राप्त किये बगैर लगातार भुगतान किया जा रहा है, जो कि गाइड लाईन के प्रतिकूल है। श्री निगम प्रभारी कार्यपालन यंत्री द्वारा रैट्रोफिटिंग योजनाओं में ठेकेदार द्वारा प्रदाय सामग्री के थर्ड पार्टी प्रतिवेदन में गंभीर एवं जानबूझकर लापरवाही की जा रही है। ठेकेदारों द्वारा प्रदाय सामग्री के थर्ड पार्टी प्रतिवेदन का सत्यापन किये बिना ही सामग्री का भुगतान किया जा रहा है, जो कि निर्देशों एवं नियमों के विरूद्ध है। श्री निगम प्रभारी कार्यपालन यंत्री द्वारा आर. एस. चक्रवर्ती जो कि उपयंत्रियों में वरिष्ठ नहीं हैं, अपनी सुविधानुसार प्रभारी सहायक यंत्री शहडोल के पद पर बैठाया गया है।