धस गई अनिल बिल्डकॉन की मॉडल सडक़

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धस गई अनिल बिल्डकॉन की मॉडल सडक़

नाली के ऊपर किया था मॉडल सडक़ का निर्माण, धसा नमक से भरा ट्रक

भ्रष्टाचार का तांडव, बनते ही ढह गई कोतमा नगर की विकास वाली मॉडल सडक

कोतमा में निर्माणाधीन मॉडल सडक़ निर्माण में सफेदपोश नेताओं के संरक्षण और आंख में पट्टी बांधकर कार्य करने वाले पीडब्ल्यूडी विभाग के आला अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा यह निकला कि निर्माणाधीन सडक़ ट्रक के खड़े होने से ही टूट कर धसक गई, भ्रष्टाचार की इस मॉडल तरीके का कोतमा के विकास की मॉडल सडक़ ऐतिहासिक गवाह बन चुकी है देखना यह है कि भ्रष्टाचार की परत खुलने के बाद अब पीडब्ल्यूडी विभाग कोई कार्यवाही करता है या फिर नोटों की गड्डी के ऊपर पीडब्ल्यूडी विभाग आराम फरमाता नजर आएगा।

कोतमा/अनूपपुर। विकास के लिए सरकार द्वारा दी गई लगभग 10 करोड की सौगात अब कोतमा के विनाश का कारण बनते जा रहा हैं। कोतमा के जनप्रतिनिधियों की मरी हुई अस्मिता और पीडब्ल्यूडी विभाग के कमीशन खोर आला अधिकारियों की लापरवाही और तानाशाही रवैया ने कोतमा की आम जनमानस को मॉडल सडक़ के जगह मौत की सडक़ का निर्माण कर दिया है। पीडब्ल्यूडी विभाग और ठेकेदार की मनमानी जनप्रतिनिधियों के साथ होने से इस कदर बडी की भ्रष्टाचार के मॉडल सडक़ निर्माण में नाली के ऊपर ही सडक़ निर्माण का कार्य कर दिया गया अब जब ट्रक के खड़े होने से ही सडक़ पूरी तरह धस गई तो भ्रष्टाचार के इस मॉडल सडक़ नमूने पर भ्रष्टाचार की सील लग गई। देखना यह है कि किस तरह की कार्यवाही इस भ्रष्टाचार युक्त मॉडल सडक़ निर्माण पर की जाती है।

मानक के विपरीत मॉडल सडक़

कोतमा के बहुआयामी विकास के पंख लगा देने वाली मॉडल सडक़ के करोड़ों रुपए की सौगात सत्ता शासन से मिली जिसके बाद अनिल बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड ने मॉडल रोड निर्माण का कार्य शुरू किया जहां शुरू से ही मॉडल रोड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दी गई। कोतमा नगर में निर्मित होने वाली लगभग 10 करोड़ के मॉडल रोड अपनी ही जुबा से भ्रष्टाचार की गाथा रो रही है। भाजपा के कुछ पदाधिकारियों ने मॉडल को लेकर विरोध किया लेकिन जैसे ही उन नेताओं को ठेकेदार के कमीशन का हिस्सा प्राप्त हुआ वैसे ही वह चुप होकर बैठ गए साथ ही भ्रष्टाचार पर अपना मौन स्वीकृति देते हुए सहयोग भी किया। अनिल बिल्डकॉन कंपनी द्वारा लगातार सडक़ पर अनियमितताएं की जा रही है। मानक के विपरीत सडक़ का निर्माण अतिक्रमण को हटाकर मजबूती तरीके से किया जाना था लेकिन पैसे की लालच ने बिल्डकॉन और पीडब्ल्यूडी विभाग के आला अधिकारियों के मन में भ्रष्टाचार के बीज इस कदर बोये की मानक के विपरीत नाली के ऊपर ही गुणवत्ता विहीन सडक़ का निर्माण कर दिया गया। अब जब सडक़ निर्माण होने के बाद ट्रक के खड़े होने से सडक़ टूट कर ट्रक नाली में समा गया तो पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ ने सडक़ को नाली का ढक्कन घोषित कर दिया है। अगर नाली के ढक्कन में पूरी सडक़ बनाई गई है तो भविष्य में यह बहुत बड़े दुर्घटना को संकट देगी लेकिन तब तक ठेकेदार का कार्य पूरा हो जाएगा और पूरा मामला सरकार के ऊपर डाल दिया जाएगा। पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ इंजीनियर की मिलीभगत ने ठेकेदार को भ्रष्टाचार के पंख लगाने और भ्रष्टाचार करने के बाद खुले आसमान पर गोते खाने की पूरी छूट दे रखी है।

नाली के ऊपर सडक़ निर्माण, नहीं हटाया अवैध निर्माण

 

ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से रोड निर्माण तेजी से किया जा रहा है ठेकेदार द्वारा पूर्व में बनी नाली के ऊपर ही सडक़ निर्माण कार्य कर दिया गया है। नाली के ऊपर निर्माण किए गए सडक़ पर दुर्घटना का पहला नमूना रविवार की सोमवार को देखा गया। जहां नमक से भरे ट्रक के खड़े होने के बाद नाली के ऊपर बनी हुई सडक़ टूट गई और ट्रक नाली में खड़े-खड़े घुसगया। दुर्घटना और भ्रष्टाचार का यह पहला नमूना कोतमा विकास के नींव बाने वाली मॉडल सडक़ का दिखा। आने वाले भविष्य में सडक़ दुर्घटना ग्रस्त होकर जगह जगह टूटने की संभावना कई गुना तक बढ़ गईं है। वही ठेकेदार मनमानी रवैया अपनाकर मनमाने तरीके से नाली के ऊपर कंक्रीट की परत चढ़ा कर निर्माण कार्य कर रही है जबकि उक्त मार्ग से प्रतिदिन हैवी वाहन का आना-जाना बना रहता है, अगर नाली के ऊपर ऐसे ही निर्माण कार्य जारी रखा गया तो आने वाले समय में हैवी वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण बड़ी दुर्घटना भी घट सकती है। वही लोगों के समझ में यह नहीं आ रहा है कि किस इंजीनियर द्वारा हल्की नाली के ऊपर सडक़ निर्माण की परमिशन दी गई वह सडक़ निर्माण का कार्य जारी रखा गया।

बिगड़ गया मॉडल सडक़ का स्वरूप

करोड़ों के मॉडल रोड में अनिल बिल्डकॉन की मनमानी, स्टीमेट से हटकर निर्माण कार्य किया जा रहा है । रोड के मध्य बनने वाले डिवाइडर का आधा मीटर ही ठेकेदार द्वारा विलोपित कर दिया गया। जहां डिवाइडर 1 मीटर का होना था वही बंजारा चौक से स्टेट बैंक तक वह 1 मीटर आधा मीटर हो गया। ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी विभाग के आला अधिकारी की सांठगांठ से रोड की चौड़ाई स्टीमेट से हटकर कम कर दिया गया है। जो कि कोतमा के विकास के लिए बनने वाली मॉडल सडक़ को पहले ही विकास के रास्तों पर लाकर खड़ा कर दिया था अब गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य और नाली के ऊपर बनी सडक़ कोतमा की आम जनमानस के चिंता का सबब बनी हुई है। भ्रष्टाचार की यह सडक़ अब कोतमा में मौत की सडक़ बनती हुई नजर आ रही है।

तो एसडीओ द्विवेदी है भ्रष्टाचार के संरक्षक?

पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ द्विवेदी के संरक्षण में अनिल बिल्डकॉन द्वारा कोतमा के विकास की सडक़ को विनाश की सडक़ में तब्दील कर दिया है। भ्रष्टाचार से ओतप्रोत या सडक़ कोतमा की आम जनमानस के लिए दुर्घटना और चिंता का सबब बनती जा रही है। मॉडल सडक़ निर्माण कार्य के दौरान दर्जनों दुर्घटनाएं और अब सडक़ निर्माण के अंतिम क्षण में नाली के ऊपर बनाई गई सडक़ पर महज ट्रक के खड़े होने से धशक जाना अपने आप में ही स्वयं भ्रष्टाचार को प्रमाणित करता है। जिस पर एसडीओ द्विवेदी ने यह कहते हुए बात को टाल दिया कि वह तो नाली का ढक्कन था, पर सच्चाई तो यह है कि वह नाली का नहीं पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा भ्रष्टाचार के कुएं का ढक्कन है जिस पर अनिल बिल्डकॉन लगातार डुबकियां लगा रहा है। जबकि सडक़ का निर्माण 7 मीटर में होना था और ट्रक जहां दुर्घटनाग्रस्त हुआ है वह डिवाइडर से महज 4 मीटर की दूरी पर है, पर एसडीओ द्वारा निर्माणाधीन जगह वह दुर्घटनाग्रस्त जगह ना जाकर अपने ही ऑफिस से खबरों का खंडन में लगे हुए हैं और ठेकेदार को पाक साफ बताने की कोशिश कर रहे हैं।

इनका कहना है।

वह सडक़ नहीं नाली का ढक्कन है, मैं कल आकर देख लूंगा, फिर आपको बताऊंगा।

दिवाकर प्रसाद द्विवेदी

एसडीओ, पीडब्ल्यूडी अनूपपुर

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