गुमनाम शिकायत ने खोले जेलर व मुन्नवर के राज

पुलिस सहित प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भेज की कार्यवाही की मांग
शहडोल। सोमवार को पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर, जेल अधीक्षक सहित कमिश्नर व मीडिया के पास पहुंचे गुमनाम पत्र में बुढ़ार जेल के जेलर श्याम सिंह कुशवाहा पर संगीन आरोप लगाये गये, ऑपरेशन शंखनाद के दौरान सूदखोर मुन्नवर के खिलाफ हुई कार्यवाही के मामले में जेलर पर आरोप लगाये कि उसने माननीय न्यायालय से आये वारंट के आदेश की अवहेलना करते हुए लाखों रूपये लेकर मुन्नवर को रिहा कर दिया। आज तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब आरोपी का वारंट जेल में पड़ा हो और जेलर के द्वारा पूर्व के अन्य मामलों में न्यायालय से मिली जमानत के आधार पर आरोपी को छोड़ दिया गया हो।
यह लिखा गुमनाम पत्र में
मुन्नवर खान पिता सत्तार अली निवासी धनपुरी के संदर्भ में गुप्त शिकायत में यह उल्लेख किया गया कि उपजेल बुढ़ार में वारंट रहने के दौरान जेलर द्वारा 14 जुलाई को मुन्नवर को रिहा कर दिया गया। इस संदर्भ में पड़ताल के दौरान यह बात भी सामने आई कि बुढ़ार पुलिस को जिस मामले में मुन्नवर की तलाश थी, उसमें माननीय न्यायालय शहडोल के द्वारा वारंट जारी किया गया था। चूंकि कोरोना काल के कारण लगभग दस्तावेज मेल और व्हॉटसएप के माध्यम से ही भेजे जाते थे, इस मामले में भी माननीय न्यायालय ने मुन्नवर खान का वारंट उपजेल बुढ़ार को मेल पर भेजा था।
तलाश रही बुढ़ार पुलिस
बुढ़ार पुलिस को मुन्नवर के 14 जुलाई के दिन जेल से रिहा होने की जानकारी जब लगी, तब तक मुन्नवर न तो घर पर था और न ही शहर में, पुलिस सूत्रों पर यकीन करें तो, माननीय न्यायालय से जेल वारंट जाने के बाद पुलिस उसे रिमाण्ड पर लेेने की तैयारी में थी। इसी दौरान जेलर से गठबंधन कर मुन्नवर फरार हो गया। इस मामले में बुढ़ार पुलिस मुन्नवर के धनपुरी स्थित आवास के साथ ही बुढ़ार के जिया फैशन व डी-कॉट नामक कपड़े की दुकानों पर दबिश भी दी, लेकिन मुन्नवर हाथ नहीं लगा।
न्यायालय ने लिया संज्ञान
मुन्नवर के संदर्भ में यह जानकारी भी सामने आई कि उसने बुढ़ार उपजेल के जेलर श्याम सिंह कुशवाहा से मैनेजमेंट कर खुद को रिहा करा लिया। जबकि 14 जुलाई से पहले और बाद में लगभग वारंट व अन्य दस्तावेज जेल में ई-मेल के माध्यम से ही पहुंचते थे, इस मामले बुढ़ार पुलिस के सक्रिय होने के बाद खबर यह भी है कि माननीय न्यायालय ने जेलर को मुन्नवर के संदर्भ में पत्र भेजकर जवाब भी मांगा है, इस संदर्भ में उपजेल बुढ़ार के जेलर श्याम सिंह कुशवाहा से संपर्क करने का प्रयास कई बार किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।