एंटी स्नेक बाइट जागरूकता:-ग्रामीणों को सांप या जहरीले कीड़े के काटने पर झाड़-फूक नही इलाज कराने की डाक्टरों ने दी सलाह

एंटी स्नेक बाइट जागरूकता:-ग्रामीणों को सांप या जहरीले कीड़े के काटने पर झाड़-फूक नही इलाज कराने की डाक्टरों ने दी सलाह
कटनी।। सर्पदंश और जहरीले कीडे की काटने के घटनाओं के प्रति शिक्षा और जागरूकता के प्रसार हेतु कलेक्टर अवि प्रसाद की पहल पर खितौली में एंटी स्नेक बाईट जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे एस.डी.एम महेश मंडलोई, सीएमएचओ, सिविल सर्जन डॉ यशवंत वर्मा और विशेषज्ञ चिकित्क डॉ बी.के.सिंह दिखित सहित बड़ी संख्या मे स्थानीय ग्रामीणजन मौजूद रहे। इस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ बी.के.सिंह दिखित ने ग्रामीणों को समझाइश दी कि इन दिनों तेज गर्मियों की वजह से सर्पदंश और जहरीले कीड़े के काटने की घटनायें अधिक हो रही है। इनके काटने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल मे पीड़ित को पहुंचायें। झाड़-फूक का सहारा न लें। अस्पताल ले जाने पर और समय पर एंटी वेनम इंजेक्शन लगने से सर्पदंश पीडित की जान बचाई जा सकती है।
कलेक्टर की अपील
कलेक्टर अवि प्रसाद ने वर्तमान मे तेज गर्मी और इसके बाद बारिश शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों मे सर्पदंश की अधिक होने वाली घटनाओं के मद्देनजर सावधानी बतौर नागरिकों से अपील की है कि सर्पदंश या जहरीले कीड़े के काटने की घटना होने पर झाड-फूक से मरीज को ठीक कराने के चक्कर मे नहीं पड़ें, बल्कि मरीज को उपचार के लिए तत्काल निकटतम अस्पताल पहुंचाने का प्रयास करने का लोगों से आग्रह किया है। कलेक्टर ने कहा है कि सांप के काटने पर झाड-फूक से नहीं बल्कि एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन से ही मरीज की जान बचाई जा सकती है। जिले के जिला चिकित्सालय सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों मे एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन पर्याप्त संख्या मे उपलब्ध है । इसलिए सर्पदंश पीड़ित को यदि समय पर उपचार मिल जाये तो उसकी जान बचाई जा सकती है।
डाक्टर्स के मुताबिक सांप काटने के केस ग्रामीण क्षेत्र से अधिक आते है। इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी और उमस से आमजन की तरह ही जीव जंतु भी अधिक परेशान है। वे अपने बिलों से बाहर निकलते है और खेतों आदि में काम करने वाले लोग अनजाने में सर्पदंश का शिकार बन जाते है।
डॉक्टर्स का कहना है कि सांप अगर काट ले तो बिल्कुल भी देर नहीं करे और ना घबरायें। कोशिश करें कि जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचे। सांप कांटने वाली जगह पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ न करें। उस जगह को कपडे से भी न बांधे और न ही सांप के जहर को मुंह से बाहर निकालें। सांप के काटने पर करीब- करीब 95 प्रतिशत मामलों मे पहला लक्षण नींद का आना है। इसके साथ ही निगलने या सांस लेने मे तकलीफ होती है। आमतौर पर सांप काटने के आधे घंटे बाद लक्षण दिखाई देने लगते है।