अनूपपुर उपचुनाव : राजनीति की बिसात, मित्र को हराने-मित्र ने संभाली कमान

मित्र बिसाहू को हराने नर्मदा ने सम्हाली कमान!
अनूपपुर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस-भाजपा दोनों ने किया शंखनाद
एक साथ विराटधरा पर पहुंचे बिसाहू और नर्मदा
नर्मदा ने कहा जनता बिका माल वापस नहीं लेगी
तो बिसाहू ने कहा इंद्रा-राजीव की नहीं भाई-भतीजों की है कांग्रेस
प्रदेश में चौथी बार भाजपा की सरकार आने के बाद अब उप चुनावों को लेकर सरगर्मी तेज होती दिख रही है, बुधवार को भाजपा ने अपने घोषित उम्मीदवार बिसाहूलाल सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाने के बाद अनूपपुर भेजा, वहीं कांग्रेस ने कभी बिसाहू के ही परम मित्र रहे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति को अनूपपुर विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया। संयोग रहा कि दोनों बुधवार को एक साथ विराटधरा पहुंचे।
शहडोल। कोरोना संक्रमण काल के साथ जीने की आदत बना चुके प्रदेशवासियों के बीच अब यहां होने वाले विधानसभा उपचुनावों को लेकर सरगर्मी तेज होती जा रही है। कांग्रेस जहां संभाग की अनूपपुर विधानसभा के गढ़ को बरकरार रखना चाहती हैं, वहीं भाजपा ने कांग्रेस को उसी के वजीर से ही उसे मात देने की बिसात बिछा रखी है, हालाकि अभी उपचुनावों की तारीखे घोषित नहीं हुई हैं, लेकिन बीते दिनों शिवराज मंत्री मण्डल का विस्तार होने और कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह के शहडोल-अनूपपुर प्रवास ने अनौपचारिक तौर पर उप चुनावों की तैयारी का शंखनाद कर दिया है। बुधवार को बिसाहूलाल सिंह कैबिनेट मंत्री बनने के बाद संभाग के प्रवास पर आये, भाजपा द्वारा बिसाहूलाल सिंह के स्वागत की जो तैयारियां की गई थी, उसे चुनावों की तैयारियों की शुरूआत माना जा रहा है। कांग्रेस ने भी इसे भांपते हुए शहडोल संभाग के सपूत व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन.पी.प्रजापति को अनूपपुर विधानसभा उपचुनावों का प्रभारी बनाकर शहडोल-अनूपपुर के प्रवास पर भेज दिया। राजनीति के इन दोनों धुरंधरों की मित्रता और पुराने रिश्ते किसी से छुपे नहीं है, भोपाल के एमपी नगर स्थित आवास इन दोनों की मित्रता की कहानी बयां करता है। बहरहाल नये परिवेश में अब दोनों आमने-सामने नजर आ रहे हैं।
भाजपा ने की संविधान की हत्या:श्री प्रजापति
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति ने पत्रकारवार्ता के दौरान कहा कि जो घटनाएं देश के 70 साल के इतिहास में कभी नहीं हुई, अब वह लगातार हो रही हैं। अब चुनाव जीतने व मंत्री बनने के लिए आपको वोटों की आवश्यकता नहीं है, यदि आपके पास रूपये हैं तो, आप सीधे चुने हुए विधायकों को खरीदकर या इस्तीफा दिलवाकर सरकार बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में निहित है कि देश व प्रदेश की सरकारें जनता के द्वारा वोट देने और उसके बाद बहुमत में आई पार्टी की बननी चाहिए, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने संविधान की हत्या कर दी, यही नहीं संविधान में निहित निर्देशों से विपरीत जाकर निर्धारित संख्या से अधिक मंत्री बनाये गये, मुख्यमंत्री मिलाकर भाजपा ने 34 मंत्री बनाये हैं, जो संविधान का खुला उल्लंघन हैं। यही नहीं जिन लोगों को आम लोगों ने अपना वोट ही नहीं दिया, उन्हें सीधे मंत्री बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया गया।
जनता करेगी सेठ-सेठानियों का फैसला
कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनावों में जनता इनका फैसला करेगी, जनता खुद यह सवाल पूछ रही है कि हमने तुम्हें कितने महीनों या सालों के लिए चुनकर भेजा था, यही नहीं 35 से 50 करोड़ लेकर सेठ और सेठानी बने विधायकों को चुनावों में जनता को जवाब देना होगा, श्री प्रजापति ने कहा कि हमने आस्तीन के सांप की कहावत तो सुनी थी, लेकिन अजगर पहली बार देखे, कोरोना काल के दौरान सुप्रीम कोर्ट से लेकर राज्यपाल और अन्य संवैधानिक संस्थाओं ने संक्रमण व जनता की जान की फिक्र न कर सिर्फ मध्यप्रदेश में सत्ता लाने के लिए यह खेल-खेला था, जिसमें सब शामिल थे।
प्रदेश में आउट सोर्स की सरकार
प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार को आउट सोर्स की संज्ञा देते हुए श्री प्रजापति ने कहा कि जब से देश आजाद हुआ है, तब से लेकर अब तक प्रदेश व देश में ऐसी सरकार पहली बार बनी है, जिसे एक महीने तक मुख्यमंत्री ने चलाया, उसके बाद 5 मंत्रियों ने और अब आउट सोर्स के खरीदे हुए लोगों को संविधान से परे जाकर सरकार में शामिल किया गया है। श्री प्रजापति ने सवाल उठाते हुए कहा कि चाल-चरित्र और चेहरे की दुहाई देने वाली भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन के सिद्धांत अब कहां चले गये। पूरे देश में नैतिकता की दुहाई देने वाला यह संगठन और उसके बुद्धजीवी कहां चले गये। यह अब सबकी समझ में आ रहा है।