मार्च 2024 तक कुपोषण मुक्त कटनी बनाने के संकल्प में सहयोग की अपील.सामाजिक एवं स्वैच्छिक संगठन एवं संभ्रान्त नागरिकों से कलेक्टर ने किया भागीदारी का आग्रह
मार्च 2024 तक कुपोषण मुक्त कटनी बनाने के संकल्प में सहयोग की अपील.सामाजिक एवं स्वैच्छिक संगठन एवं संभ्रान्त नागरिकों से कलेक्टर ने किया भागीदारी का आग्रह
कटनी॥ मार्च 2024 तक कुपोषण मुक्त कटनी बनाने के संकल्प में सहयोग की अपील.सामाजिक एवं स्वैच्छिक संगठन एवं संभ्रान्त नागरिकों से कलेक्टर ने किया भागीदारी का आग्रह
कटनी॥ जिले को मार्च 2024 तक कुपोषण मुक्त बनाने के संकल्प मे योगदान देने सामाजिक एवं स्वैच्छिक संगठनों से सामूहिक सहभागिता का आव्हान किया है। साथ ही संस्थाओं एवं जनसामान्य से कुपोषित बच्चों को गोद लेने की अपील कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा की गई जारी अपील में कहा गया है कि कुपोषण देश और समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है। कुपोषण बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और कुपोषण प्रभावित बच्चे के परिवार को आर्थिक और मानसिक समस्याओं के कुचक्र से बाहर नहीं आने देता। कुपोषण को 0 से 59 माह के आयु वर्ग के बच्चों में तीन श्रेणियों में समझा जा सकता है। अति गंभीर कुपोषण (सैम), मध्यम कुपोषण (मैम) और सामान्य।
आईमैम कार्यक्रम अन्तर्गत कटनी ज़िले में आंगनवाड़ी कायकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा निरन्तर कुपोषित बच्चों को पूरक पोषण आहार, नियमित स्वास्थ्य जाँच, गृह भेंट एवं परामर्श, जैसी संस्थागत सेवाएं दी जाती हैं। साथ ही कुपोषण से लड़ाई में सामुदायिक सहभागिता को सम्मिलित किया गया है। जिले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, सेवा भारती, लघु उद्योग भारती, एसीसी सीमेंट, मानव जीवन विकास समिति एवं अन्य संगठनों द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उन्हें पोषण किट के माध्यम से पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है।
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा जिले मे अब तक चलाये गये अभियान के दौरान सामाजिक संगठनों की सहभागिता से जिले के नौनिहालों को कुपोषण के चंुगल से बाहर निकालने में बड़ी सफलता मिली है। जिसके परिणामस्वरूप जिले में अति गंभीर कुपोषित (सैम) बच्चों की संख्या जो अप्रैल 2023 में 211 थी, दिसंबर 2023 में घटकर 154 रह गई है एवं मध्यम कुपोषित (मैम) बच्चों की संख्या जो 1318 थी, घटकर 1011 हो गई है। इस प्रकार 9 माह की अवधि में 364 बच्चों के पोषण स्तर में कमाल का सुधार परिलक्षित हुआ है।
अब जिला प्रशासन ने मार्च 2024 तक कुपोषित बच्चों की संख्या को न्यूनतम स्तर पर लाकर, ज़िले को कुपोषण मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ज़िले को कुपोषण मुक्त बनाने संस्थाओं एवं जनसामान्य से कुपोषित बच्चों को गोद लेने की अपील की जाती है। कुपोषण निवारण में जिला प्रशासन को सहयोग, अटल बाल मित्र योजना के खाता नंबर 40560100000070, आई.एफ.एस.सी. कोड BARBOINDKAT बैंक ऑफ़ बड़ौदा, इंडस्ट्रियल एरिया, कटनी) में राशि देकर या कुपोषित बच्चों हेतु राशन उपलब्ध करवाकर किया जा सकता है। लोगों द्वारा उपलब्ध करवाई गयी सहायता राशि और राशन को जिला प्रशासन कुपोषित बच्चों तक पहुचायेगा।
समाज द्वारा की गई एक छोटी से पहल किसी बच्चे के जीवन में कुपोषण के अंधरे को मिटाकर सुपोषण का प्रकाश ला सकती है। इस संबंध में अधिक जानकारी हेतु कलेक्ट्रेट के कक्ष क्रमांक 81 में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिनस कार्यक्रम अधिकारी के मोबाइल नंबर 96309817671 पर संपर्क किया जा सकता है।जिले को मार्च 2024 तक कुपोषण मुक्त बनाने के संकल्प मे योगदान देने सामाजिक एवं स्वैच्छिक संगठनों से सामूहिक सहभागिता का आव्हान किया है। साथ ही संस्थाओं एवं जनसामान्य से कुपोषित बच्चों को गोद लेने की अपील कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा की गई जारी अपील में कहा गया है कि कुपोषण देश और समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है। कुपोषण बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और कुपोषण प्रभावित बच्चे के परिवार को आर्थिक और मानसिक समस्याओं के कुचक्र से बाहर नहीं आने देता। कुपोषण को 0 से 59 माह के आयु वर्ग के बच्चों में तीन श्रेणियों में समझा जा सकता है। अति गंभीर कुपोषण (सैम), मध्यम कुपोषण (मैम) और सामान्य।
आईमैम कार्यक्रम अन्तर्गत कटनी ज़िले में आंगनवाड़ी कायकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा निरन्तर कुपोषित बच्चों को पूरक पोषण आहार, नियमित स्वास्थ्य जाँच, गृह भेंट एवं परामर्श, जैसी संस्थागत सेवाएं दी जाती हैं। साथ ही कुपोषण से लड़ाई में सामुदायिक सहभागिता को सम्मिलित किया गया है। जिले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, सेवा भारती, लघु उद्योग भारती, एसीसी सीमेंट, मानव जीवन विकास समिति एवं अन्य संगठनों द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उन्हें पोषण किट के माध्यम से पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है।
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा जिले मे अब तक चलाये गये अभियान के दौरान सामाजिक संगठनों की सहभागिता से जिले के नौनिहालों को कुपोषण के चंुगल से बाहर निकालने में बड़ी सफलता मिली है। जिसके परिणामस्वरूप जिले में अति गंभीर कुपोषित (सैम) बच्चों की संख्या जो अप्रैल 2023 में 211 थी, दिसंबर 2023 में घटकर 154 रह गई है एवं मध्यम कुपोषित (मैम) बच्चों की संख्या जो 1318 थी, घटकर 1011 हो गई है। इस प्रकार 9 माह की अवधि में 364 बच्चों के पोषण स्तर में कमाल का सुधार परिलक्षित हुआ है।
अब जिला प्रशासन ने मार्च 2024 तक कुपोषित बच्चों की संख्या को न्यूनतम स्तर पर लाकर, ज़िले को कुपोषण मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ज़िले को कुपोषण मुक्त बनाने संस्थाओं एवं जनसामान्य से कुपोषित बच्चों को गोद लेने की अपील की जाती है। कुपोषण निवारण में जिला प्रशासन को सहयोग, अटल बाल मित्र योजना के खाता नंबर 40560100000070, आई.एफ.एस.सी. कोड BARBOINDKAT बैंक ऑफ़ बड़ौदा, इंडस्ट्रियल एरिया, कटनी) में राशि देकर या कुपोषित बच्चों हेतु राशन उपलब्ध करवाकर किया जा सकता है। लोगों द्वारा उपलब्ध करवाई गयी सहायता राशि और राशन को जिला प्रशासन कुपोषित बच्चों तक पहुचायेगा।
समाज द्वारा की गई एक छोटी से पहल किसी बच्चे के जीवन में कुपोषण के अंधरे को मिटाकर सुपोषण का प्रकाश ला सकती है। इस संबंध में अधिक जानकारी हेतु कलेक्ट्रेट के कक्ष क्रमांक 81 में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिनस कार्यक्रम अधिकारी के मोबाइल नंबर 96309817671 पर संपर्क किया जा सकता है।