अनूपपुर की महिला अधिकारी की नियुक्ति अवैध घोषित, पदोन्नति से इनकार,गजाला परवीन की नियुक्ति में आरक्षण नियमों की अनदेखी, विभागीय जांच में हुआ खुलासा
अनूपपुर। नगर पालिका परिषद अनूपपुर में पदस्थ सहायक राजस्व निरीक्षक श्रीमती गजाला परवीन को पदोन्नति की प्रक्रिया में बड़ा झटका लगा है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मध्यप्रदेश द्वारा जारी निर्णय में उनकी नियुक्ति को “अवैध एवं प्रारंभ से शून्य” करार दिया गया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि चूंकि नियुक्ति ही नियम विरुद्ध है, अतः पदोन्नति का लाभ नहीं दिया जा सकता।
यह मामला मूल रूप से नगर परिषद मझौली जिला-सीधी से जुड़ा है, जहां वर्ष 2012-13 में विशेष बैकलॉग भर्ती अभियान के अंतर्गत गजाला परवीन की नियुक्ति सहायक राजस्व निरीक्षक के रूप में की गई थी। तत्समय कुल दो स्वीकृत पदों में से एक अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित था और दूसरा अनारक्षित, लेकिन निकाय ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए विज्ञापन निकालकर गजाला परवीन को नियुक्त कर दिया।
आरक्षण नियमों की अनदेखी बनी विवाद की जड़
रीवा संभागीय संयुक्त संचालक द्वारा की गई जांच में यह बात सामने आई कि मझौली निकाय ने नियुक्ति के समय आरक्षण रोस्टर का उल्लंघन किया। न तो शासन की स्वीकृति ली गई और न ही पदों की वर्गवार स्थिति का सही निर्धारण किया गया। इस आधार पर वर्ष 2015 में गजाला परवीन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया, जिसमें उनकी नियुक्ति को अवैध बताते हुए जवाब मांगा गया।
गजाला परवीन ने जवाब में कहा कि उनकी नियुक्ति चयन प्रक्रिया के सभी नियमों का पालन कर की गई थी और निकाय के अनुमोदन के बाद ही नियुक्ति आदेश जारी किया गया। उनके अनुसार, नियुक्ति प्रक्रिया में न तो कोई गड़बड़ी हुई और न ही आरक्षण के उल्लंघन का प्रश्न उठता है। लेकिन विभागीय जांच ने इस दावे को खारिज कर दिया।
पदोन्नति अटकी, कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
गजाला परवीन ने राजस्व उप निरीक्षक के पद पर पदोन्नति हेतु आवेदन दिया था, जिस पर नगर परिषद मझौली की प्रेसीडेंट इन काउंसिल ने 2018 में प्रस्ताव पारित कर यह शर्त रखी कि यदि शासन उनकी नियुक्ति को वैध मानता है तो पदोन्नति दी जा सकती है। परंतु विभाग द्वारा कार्रवाई लंबित रखी गई, जिससे व्यथित होकर गजाला परवीन ने 2023 में जबलपुर हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की।
कोर्ट ने आदेश दिया कि उनके अभ्यावेदन पर दो माह में निर्णय लिया जाए। तय समयावधि में निर्णय न होने पर उन्होंने अवमानना याचिका क्रमांक 935/2024 भी दायर की।
विभाग ने कहा – नियुक्ति शून्य, पदोन्नति का सवाल ही नहीं
आखिरकार दिनांक 6 जून 2025 को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आयुक्त संकेत एस. भोंडवे ने स्पष्ट आदेश पारित कर दिए। आदेश में कहा गया है कि गजाला परवीन की नियुक्ति “Ab-initio void” यानी प्रारंभ से ही शून्य मानी गई है, अतः पदोन्नति देना विधि अनुसार संभव नहीं है।
विभाग ने यह भी माना कि निकाय स्तर पर अब तक इस अवैध नियुक्ति पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे न केवल शासन की छवि प्रभावित हुई है, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाएं भी बाधित हुई हैं। आदेश में संबंधित अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के संकेत भी दिए गए हैं।
अनूपपुर में बढ़ी हलचल
इस निर्णय के बाद अनूपपुर नगर पालिका परिषद में भी हलचल तेज हो गई है, जहां परवीन वर्तमान में सहायक राजस्व निरीक्षक पदस्थ हैं। विभागीय आदेश के बाद अब उनकी सेवा स्थिति पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। संभावना है कि आगामी दिनों में उन्हें निलंबित या सेवा से पृथक किया जा सकता है।