वर्षाे से एक ही स्थान पर जमें सहायक आबकारी अधिकारी

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सत्ताधारी दल के करीब होने के लग रहे आरोप

उमरिया। एक ओर बीते विधानसभा चुनाव में तीन वर्षाे से एक ही स्थान पर पदस्थ रहे कर्मचारियों का तबादले हुए, लेकिन आबकारी विभाग संभवत: इससे अछूता रहा, 2019 से पदस्थ सहायक आबकारी अधिकारी अंगद के पैर की तरह जमें हुए हैं, चुनाव आयोग के निर्देश के बावजूद तबादला न होना उनकी पैठ को दर्शाता है, खबर है कि सत्ताधारी दल के करीब होने के फायदा हर बार विभाग ने सहायक आबकारी को दिया, बीते दिनों एक बार फिर लोकसभा चुनाव के लिए 3 वर्षाे से एक ही स्थान पर पदस्थ कर्मचारियों के तबादले के लिए सूची मांगी है, लेकिन अब लगने लगा है कि यह सब कागजी खानापूर्ति तक सीमित रह गया है।

नीतियों का पालन नहीं

जिले में मेें कई ऐसे विभाग हैं, जहां लंबे समय से अधिकारी कर्मचारी जमे बैठे हैं। अधिकारी व कर्मचारियों के एक ही जगह जमा रहने के कारण विभागीय कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। हैरत वाली बात तो यह है कि कई आबकारी विभाग में पदस्थ सहायक आबकारी अधिकारी एस.के. सिंह का उमरिया जिले से मोह नहीं छूट रहा है, जबकि शासन के नियमानुसार किसी शासकीय अधिकारी कर्मचारी को तीन वर्षों से ज्यादा एक ही स्थान पर पदस्थ नहीं किया जा सकता, लेकिन ऐसा लगता है कि राज्य सरकार अपनी ही बनाई नीतियों का पालन नहीं करती।

सत्ताधारी दल से मजबूत पकड़

निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव में अफसरों की पदस्थापना को लेकर गाइड लाइन जारी कर दी है, आयोग ने राज्यों के मुख्य सचिवों को 30 जून 2024 तक एक ही जिले में तीन साल की पदस्थापना पूरी करने वाले अफसरों को हटाने के निर्देश दिए है, आयोग ने पहली बार आबकारी विभाग को भी इसमें शामिल किया है। आबकारी विभाग में सब इंस्पेक्टर व उससे ऊपर के अफसर जिन्हें तीन साल का समय हो गया है या होने वाला है, उन्हें हटाने के लिए कहा गया है, लेकिन ऐसा लगता है कि एस.के. सिंह पर यह कायदे लागू नहीं होते, सत्ताधारी दल से मजबूत पकड़ होने चलते कहा जा रहा है कि निर्वाचन आयोग के निर्देश भी विफल हो जायेंगे।

ऐसा रहा साहब का कार्यकाल

श्री सिंह की पदस्थापना 1990 में खंडवा में हुई जहां उन्होंने 9 साल बिताये, छिंदवाड़ा में 8 साल, जबलपुर में 5 साल, एक बार फिर छिंदवाड़ा में लगभग 6-7 साल रहे, इसके बाद मण्डला में 6-7 माह रहे, इसके बाद उमरिया में अगस्त 2019 को पहुंचे, लगभग 4 साल उमरिया जिले में अपनी सेवाएं दे चुके है, विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि श्री सिंह भारतीय जनता पार्टी के लिए बीते चुनावों में ऑफ रिकार्ड काम किया है, लोकसभा चुनाव से पूर्व इनका तबादला अगर नहीं होता है तो, वह चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। मण्डला को छोड़ दिया जाये तो, श्री सिंह की राजनीतिक पकड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है, वर्षाे से एक ही जगह रहने की आदत बना चुके श्री सिंह का एक बार फिर उमरिया जिले की सहायक आबकारी अधिकारी की कुर्सी से मोह भंग नहीं हो रहा है।

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