जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल @ प्रशासन उठाए कदम : कांग्रेस

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शहडोल। जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने कलेक्टर शहडोल सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पत्र प्रेषित करते हुए कोरोना संक्रमण काल के दौरान सिर्फ मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय तथा विकासखंड मुख्यालयों से ध्यान हटाकर ग्रामीण क्षेत्रों में फैले सैकड़ों शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य तथा सामुदायिक केंद्रों पर भी ध्यान देने की अपील की है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय पर ध्यान देना उचित है, लेकिन इसके साथ ही पूरी ताकत ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्रों से हटाकर यहां पर झोंक देना समझ से परे है, कांग्रेस नेता ने कहां की जिले में दर्जनों ऐसे उपस्वास्थ्य केंद्र तथा निचले स्तर के स्वास्थ्य केंद्र है जहां पर सुविधाओं का अभाव है, जमीनी स्तर पर इन समस्याओं को यदि समय रहते ठीक कर दिया जाए तो कोरोना संक्रमण काल की भयवकता से कुछ हद तक निपटा जा सकता है।

जिला कांग्रेस का खुला पत्र–

Bad governance of grassroots health services @ Administration takes steps: Congress

 

1-आदरणीया विधायिका महोदय जैतपुर विधानसभा क्षेत्र जिला शहडोल मध्यप्रदेश 2- श्रीमान कलेक्टर महोदय जिला शहडोल मध्यप्रदेश बिषय-जैतपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पूर्व से पदस्थ डाक्टर साहबान को अपने पदस्थापना वाले कार्य स्थल पर सेवा देने का आदेश दिए जाने बाबत।। महोदय/महोदया, यह कि शहडोल जिला में स्थित जैतपुर विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जहां पर शासकीय स्वास्थ्य सेवा सुदृढ बनाने के उद्देश्य से कांग्रेस शासन काल में मुख्य मंत्री माननीय दिग्विजय सिंह जी ने ग्रामीणों के चिकित्सा सुविधा को ध्यान में रखकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गए और उनके भवनों का निर्माण कार्य पूरा कराया गया और चिकित्सा सुविधा गरीब जन को प्राप्त हो इस दिशा में हर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डाक्टरों की पदस्थापना की गई
किंतु आज इस विधानसभा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डाक्टरों द्वारा कोई सेवाएं आमजनों को नहीं दिया जा रहा है सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से डाक्टर लापता हैं और उन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थापना के नाम पर हर महीने वेतन डाक्टर पा रहें हैं लेकिन बुढार धनपुरी को छोड़कर किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर डाक्टर इलाज के लिए उपलब्ध नहीं रहते हैं 3- यह कि शासन द्वारा इस तरह पदस्थापना आदेश जारी कर हर स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर पदस्थ किए गए हैं- विवरण इस प्रकार है- 1-CHC बुढार में डाक्टर आर.के.वर्मा, डाक्टर श्रीमती शैली जैन(दोनों चिकित्सक नियमित)
2-CHC धनपुरी में डाक्टर वी.के.सतनामी, डाक्टर सचिन कारखूरकर,(दोनों नियमित)
3-CHC झींक बिजुरी में डाक्टर भूपेंद्र सेंगर (संविदा चिकित्सक) 4-PHC रामपुर खाडा में डाक्टर अमरदीप पटेल(नियमित चिकित्सक) 5-PHC चन्नौडी में डाक्टर पूजा मिश्रा(संविदा चिकित्सक) 6-PHC केशवाही में डाक्टर आशीष तिवारी,(संविदा चिकित्सक) 7-PHC जैतपुर में डाक्टर उत्कृष्ट द्विवेदी (संविदा चिकित्सक) 8-PHC साखी में डाक्टर वीरेंद्र परतें (संविदा चिकित्सक) 9-PHC रसमोहनी में डाक्टर निशांत मिश्रा (संविदा चिकित्सक) 10-PHC विरूहली में पद रिक्त हैं डाक्टर पदस्थ किया जाएं।।
इस तरह से सभी स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर पदस्थ किया गया है केवल बिरुहली प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डाक्टर का पद रिक्त हैं किन्तु बुढार धनपुरी को छोड़कर किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर नियमित रूप से उपलब्ध नहीं रहते है और पदस्थ डाक्टर वहां हेडक्वार्टर में भी नहीं रहते है किन्तु पदस्थापना वाले स्वास्थ्य केन्द्रों के नाम पर वेतन उठाते चलें आ रहें हैं हेडक्वार्टर एलाउंस भी प्राप्त कर रहे हैं
इस तरह से विधायिका महोदय/कलेक्टर महोदय आपके शासनकाल में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से डाक्टर लापता हैं और बीएमओ ,सीएमएचओ के कृपा पर घर बैठे मलाई छान रहे हैं या अपने को अटैच करा कर बुढार में सेवा दें रहें हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा पूरी तरह से लड़खड़ा गई है।।
जबकि हर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डाक्टर ईमानदारी से अपनी डयूटी कर दें तो गांव गांव चिकित्सा सुविधा की हालत सुधर जाए।।
अतः सच्चे जनसेवक के नाते आपसे सादर प्रार्थना है कि आप अपने विधानसभा क्षेत्र में समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर समुचित चिकित्सा सुविधा पूरी कराने हेतु मैं अपनी ओर से मांग करता हूं
कोरोनावायरस के इस संक्रमण काल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डाक्टर साहबान अगर बैठकर इलाज करने लगे तो किसी भी मरीज को अपने इलाज के लिए बुढार धनपुरी के अस्पताल में नहीं जाना पड़े इन डाक्टरों के स्वास्थ्य केंद्र में नहीं होने के कारण ही बुढार धनपुरी और शहडोल जिले के अस्पताल में छोटे मोटे बीमारी के लिए भर्ती होना पड़ता है आखिर कार शासन ने इतनी लागत से इन स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण कार्य क्यो कराया है ? जब जन हित में इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर डाक्टरों की पदस्थापना किया गया है और हर सुविधा इन पदस्थापना वाले स्वास्थ्य केन्द्रों से ये डाक्टर अर्जित कर रहे तो आखिर कार अपने कर्तव्यों का निर्वहन फिर उनके द्वारा क्यों नहीं किया जा रहा है ?? क्या ये पदस्थ डाक्टर साहबान विधायक/जिला प्रशासन/शासन से भी ऊपर है क्या जो इनके खिलाफ कार्रवाई करने हेतु प्रयास नहीं किया जा रहा है ?? आदरणीय विधायिका महोदय ये बड़े सौभाग्य की बात है कि आप के विधानसभा क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर समुचित रुप से डाक्टरों की पदस्थापना है और सब डाक्टर यहां के स्वास्थ्य केन्द्रों के नाम पर वेतन उठाते चलें आ रहें हैं कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां किसी भी स्वास्थ्य केन्द्रों पर समुचित व्यवस्था डाक्टर की नहीं है पर आपके क्षेत्र में केवल एक ही डाक्टर का पद विरूहली भर में रिक्त हैं इसलिए आपको केवल यह सजगता के साथ संकल्प लेना चाहिए कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर डाक्टर जो पदस्थ हैं वो आकर नियमित रूप से चिकित्सा सुविधा गरीब जन को उपलब्ध कराये।। विधायिका महोदय आप स्वयं आदिवासी समाज से है और शहर से दूरस्थ क्षेत्र में आपका निवास है आपसे ज्यादा गरीबों की पीड़ा को कौन जान सकता है इसलिए आप अपने गृह ग्राम के स्वास्थ्य केंद्र रसमोहनी से ही शुरूआत करिए और डाक्टर को नियमित रूप से बैठने का निर्देश कलेक्टर साहब से जारी कराइये देखिए कि कैसे सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर डाक्टर इलाज के लिए कैसे आते हैं ? और क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु आपके द्वारा जो यह पहल किया जाएगा तो क्षेत्र की जनता आपको धन्यवाद व साधुवाद देगी क्यों कि कोरोनावायरस के इस संक्रमण काल में आपके द्वारा उठाया गया यह कदम बहुत ही सराहनीय पहल कहलायेगा धन्यवाद आभार आपका …अगर मेरे पत्र पर बिना दलगत राजनीति के बिना भेदभाव के ध्यान दिया जाए।

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